rpmwu173
18.12.2018
ST वोटरस् ने विधानसभा चुनाव 2018 में दिखाई समझदारी।
राजस्थान में अभी हाल में हुए विधानसभा चुनाव 2018 में अनुसूचित जनजाति के वोटरस् ने बहुत ही उम्दा समझदारी प्रदर्शित की है।
पहले अवधारणा रहती थी कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वोटरस् पैसा या अन्य लालच लेकर वोट दे देते हैं परंतु इस चुनाव में यह अवधारणा एकदम झूठी साबित हुई है। न केवल इस अवधारणा को खण्डित किया है बल्कि खूंटाबंदी की भी समाप्ति की है। राजस्थान मैं कुल 25 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित है उसके साथ साथ 8 और अनारक्षित सीटों पर भी अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार विजयी हुए हैं, कुल मिलाकर 199 में से 33 विधायक अनुसूचित जनजाति के हैं। हमारे समुदाय के साथ साथ हमारे सामान्य लोगों के अच्छे व स्वीकार्य व्यवहार के कारण दूसरी जाती व समुदाय के लोगों ने भी हमारे उम्मीदवारों को वोट दिये हैं।
गौरतलब है कि इन 33 में से 5 विधायक निर्दलीय (थानागाजी, कुशालगढ़, बस्सी, महवा, गंगापुर सिटी) चुने गए हैं एवं 2 भारतीय ट्राईबल पार्टी (BTP) नाम की नई पार्टी से ड़ूगरपुर जिले से चुने गए हैं। स्थापित पार्टियों से ऊपर उठकर अनुसूचित जनजाति के वोटरस् ने समझदारी दिखाई और निर्दलीय एवं अनुसूचित जनजाति के हितों के लिए बनाई गई नई पार्टी भारतीय ट्राईबल पार्टी के उम्मीदवारों को वोट दिया।
पहले गरीबी व अशिक्षा और अन्य सामाजिक पिछड़ेपन के कारण आदिवासियों के वोटों को पैसा या अन्य लालच इत्यादि देकर प्रभावित किया जाता था। परंतु इस बार ऐसा नहीं होना प्रदेश व देश में एक बदलाव धोतक है। यदि हम लोग इसी प्रकार समझदारी से निर्णय लेते रहे तो अनुसूचित जाति व माइनॉरिटी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की हमारे से समानता रखने वाली जातियों और समुदायों के साथ गठजोड़ करके राजनीति में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और आने वाले दिनों में विकास को नई दिशा दे सकेंगे।
सोशल मीडिया से जुड़े लोगों ने भी इस मुहिम में अहम भूमिका निभाई है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अभी तक भी अनुसूचित जनजाति के लोगों की आवाज को एक दूसरे तक नहीं पहुंचाते हैं। परंतु सोशल मीडिया ने हम सभी को एक दूसरे से जोड़ा हैं और अपनी बातें व विचार बहुत आसानी से एक दूसरे तक पहुंचाये हैं। इन्हीं सब चीजों का परिणाम रहा है कि राजस्थान के विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जनजाति के वोटरस् ने समझदारी दिखाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है।
कृपया आप सभी अपने विचार व्यक्त करें और अनुसूचित जनजाति के वोटरस् की सोच को चैनलाईज करने की कोशिश करें ताकि आने वाले लोकसभा के चुनावों में भी अनुसूचित जनजाति समुदाय एक ताकत के रूप में एकमत होकर उभरे।
रघुवीर प्रसाद मीना
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