Monday 30 March 2020

#पासपोर्ट_की_गलतियों की वजह से #राशन_कार्ड_परेशानी में पड़ गया है।

rpmwu326
30.03.2020

#पासपोर्ट_की_गलतियों की वजह से #राशन_कार्ड_परेशानी में पड़ गया है।  सभी को विदित है की कोरोनावायरस से संबंधित COVID-19 महामारी हमारे देश में विदेशों से उन लोगों के साथ आई जो कि विदेश से भारत आये। ये सभी लोग पासपोर्ट का उपयोग करते हैं और इनमें से कई लोगों ने सरकार द्वारा "14 दिन होम क्वारेंटाईन" हेतु दी गई हिदायत की अनुपालना नहीं की और जगह-जगह यात्राएं की एवं फंक्शनस् में भाग लिया, जिसकी वजह से यह महामारी दूसरे लोगों को हुई। इस महामारी पर काबू पाने के लिए देश में 21 दिन का लोक्डाऊन करना पड़ गया है और लगभग समस्त इकनॉमिक एक्टिविटी बंद हो गई । ऐसा होने से डेली वेजेस वाले मजदूरों व गरीब लोगों को सबसे ज्यादा इसकी मार झेलनी पड़ रही है। उनको लगा कि आगे और भी खराब समय आने वाला है और वे अपने अपने घरों की ओर पलायन करने लग गए। वाहनों के बंद होने से वे पैदल सिर पर बोझा लेकर बिना भुख-प्यास की चिंता करते हुए चल दिए। मिडिया के माध्यम से सभी ने उनकी परेशानी जरूर देखी होगी।

जो भी हुआ, अब हम सभी को मिलकर आगे की #जंग_को_साथ_लड़ना होगा।

#पासपोर्ट को राशन कार्ड को खुले दिल से #आर्थिक_मदद अवश्य करनी चाहिए।

उपरे के मुख्य इंजीनियर श्री धनसिंह मीना जी ने दान के सम्बन्ध में लिखा कि -

"समुद्र अपनी सतह से वाष्पीकरण को रोक दे तो क्या उसे कोई विषेश लाभ होगा? नहीं , बल्कि प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जायेगा, परन्तु समुद्र को ज्ञात है कि उसका जल सतह से उड़कर संसार के कल्याण का फर्ज निभाते हुए किसी ना किसी रूप में पुनः उसी में समाहित होता रहता  है, यही कहावत #मानव_कल्याण के कार्यों के लिए धन दान करने पर लागू होती है। प्यारे भाईयों देश आज विशेष विपदा से गुजर रहा है आओ हम से जितना बन पाये मदद करें। विश्वास करो इस दान की पूर्ति न जाने किस रूप में हो जाये। अपना दिल खोलकर इस विपदा में जन कल्याण के कार्य में भागीदार बनो।"

अतः हम सभी को जहां भी उपयुक्त लगे वहां अपने से अधिक से अधिक आर्थिक अथवा अन्य सहयोग करना चाहिए।

रघुवीर प्रसाद मीना

1 comment:

  1. यह सत्य है कि दिया दूर नहीं जाता है। प्रकृति का संतुलन इसी सिद़ानत पर टिका हुआ है।

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Thank you for reading and commenting.