Sunday 5 February 2023

संत शिरोमणि रविदास

rpmwu 464 Dt. 05.02.2023
संत शिरोमणि रविदास रैदास की जन्म जयंती के अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। आज के दिन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, झालाना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

संत रैदास के जीवन से ली जाने वाली महत्वपूर्ण सीखें निम्न प्रकार है - 

1. संत रैदास जी ने 15वीं सदी में सामाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए सौम्य तरीके से दौहो व वाणी के माध्यम से विनम्रता के साथ कठोर प्रहार किया।

2. वे गम्भीर मानवतावादी थे। मध्यकालीन युग में गरीब व हताश लोगों को अपनी वाणी से प्रोत्साहित कर मार्गदर्शन दिया।

3. उन्होंने वर्णभेद, जातिभेद एवं साम्प्रदायिकता का विरोध किया।

4. उन्होंने कभी भी उनकी जाति नहीं छिपाई। कर्म ही धर्म है, यह माना।

5. मनुष्य की मनुष्यका को महत्वपूर्ण माना।

6. धार्मिक कर्मकांडों की शुचिता पर अत्यधिक बल देने वालों ने इस बल के आधार पर अस्पृश्यता को फैलाया। संत रविदास ने धार्मिक कर्मकांडों का जड़ से विरोध किया।

7. वे मूर्ति पूजा, यज्ञ, पुराण कथा आदि पर ध्यान नहीं देते थे।

8. गुरु के महत्व, सत्संग, संगत, मन की स्थिति, आडम्बरों की निरर्थकता, जीव, जगत व माया को समझाने पर विशेष बल दिया।

9. मांसाहार मदिरापान व हिंसा को सिरे से खारिज किया।

10. शील, संतोष और दया पर जोर दिया।

11. मानव मानव की समानता का अलख जगाया।

12. निराशा में डूबे व्यक्तियों को गहरा संभल प्रदान किया। जीवन जीने की कला का रास्ता प्रशस्त किया।

13. विवेक, भक्ति और समाज सुधार की त्रिवेणी प्रभाहित की।

14. 15 वीं सदी में जब लोग बहुत निराश व हताश हो चुके थे तब उन्होंने समाज के कमजोर व पिछड़े वर्गो के लोगों के कल्याण के लिए जन जागृति के लिए जबरदस्त पहल की। उनका डर समाप्त करने की कोशिश की।

15. हमें संत रविदास की बोल्डनेस से सीखना चाहिए कि व्यक्ति विनम्र भाषा में भी गलत को गलत कह सकता है और निराश व हताश लोगों के लिए रास्ता प्रशस्त कर सकता है।

सादर
Raghuveer Prasad Meena