Monday 30 March 2020

राजस्थान_स्थापना_दिवस 30 मार्च

rpmwu328
30.03.2020

#राजस्थान_स्थापना_दिवस 30 मार्च

देश की रक्षा में महत्वपूर्ण सैनिक योगदान करने वाला, परमाणु हथियार परिक्षण हेतु स्थल (पोखरण) मुहैया करवाने वाला, सम्पूर्ण देश में बिजनेस को बढ़ावा देने वाले लोगों की जन्मभूमि, मेहनतकश किसानों की कर्मस्थली, ईमानदार मजदूरों की धरा, मार्बल की खानों वाला, देश का प्रमुख पर्यटन स्थल वाला प्रदेश अपने शौर्य-पराक्रम, गर्वीले इतिहास, गौरवशाली सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और परिवेशीय परंपराओं के गढ़ तथा नैसर्गिक विविधताओं का दिग्दर्शन कराने वाला राजस्थान आज 30 मार्च को अपना स्थापना दिवस मना रहा है।

राजस्थान दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों व देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

#राजस्थानदिवस

#घर_में_रहें_सुरक्षित_रहें

रघुवीर प्रसाद मीना 

#पासपोर्ट_की_गलतियों की वजह से #राशन_कार्ड_परेशानी में पड़ गया है।

rpmwu326
30.03.2020

#पासपोर्ट_की_गलतियों की वजह से #राशन_कार्ड_परेशानी में पड़ गया है।  सभी को विदित है की कोरोनावायरस से संबंधित COVID-19 महामारी हमारे देश में विदेशों से उन लोगों के साथ आई जो कि विदेश से भारत आये। ये सभी लोग पासपोर्ट का उपयोग करते हैं और इनमें से कई लोगों ने सरकार द्वारा "14 दिन होम क्वारेंटाईन" हेतु दी गई हिदायत की अनुपालना नहीं की और जगह-जगह यात्राएं की एवं फंक्शनस् में भाग लिया, जिसकी वजह से यह महामारी दूसरे लोगों को हुई। इस महामारी पर काबू पाने के लिए देश में 21 दिन का लोक्डाऊन करना पड़ गया है और लगभग समस्त इकनॉमिक एक्टिविटी बंद हो गई । ऐसा होने से डेली वेजेस वाले मजदूरों व गरीब लोगों को सबसे ज्यादा इसकी मार झेलनी पड़ रही है। उनको लगा कि आगे और भी खराब समय आने वाला है और वे अपने अपने घरों की ओर पलायन करने लग गए। वाहनों के बंद होने से वे पैदल सिर पर बोझा लेकर बिना भुख-प्यास की चिंता करते हुए चल दिए। मिडिया के माध्यम से सभी ने उनकी परेशानी जरूर देखी होगी।

जो भी हुआ, अब हम सभी को मिलकर आगे की #जंग_को_साथ_लड़ना होगा।

#पासपोर्ट को राशन कार्ड को खुले दिल से #आर्थिक_मदद अवश्य करनी चाहिए।

उपरे के मुख्य इंजीनियर श्री धनसिंह मीना जी ने दान के सम्बन्ध में लिखा कि -

"समुद्र अपनी सतह से वाष्पीकरण को रोक दे तो क्या उसे कोई विषेश लाभ होगा? नहीं , बल्कि प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जायेगा, परन्तु समुद्र को ज्ञात है कि उसका जल सतह से उड़कर संसार के कल्याण का फर्ज निभाते हुए किसी ना किसी रूप में पुनः उसी में समाहित होता रहता  है, यही कहावत #मानव_कल्याण के कार्यों के लिए धन दान करने पर लागू होती है। प्यारे भाईयों देश आज विशेष विपदा से गुजर रहा है आओ हम से जितना बन पाये मदद करें। विश्वास करो इस दान की पूर्ति न जाने किस रूप में हो जाये। अपना दिल खोलकर इस विपदा में जन कल्याण के कार्य में भागीदार बनो।"

अतः हम सभी को जहां भी उपयुक्त लगे वहां अपने से अधिक से अधिक आर्थिक अथवा अन्य सहयोग करना चाहिए।

रघुवीर प्रसाद मीना

Sunday 29 March 2020

अरावली विचार मंच

24.03.2020
अरावली विचार मंच की कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक दिनांक 24.03.2020। 

1.  कोरोना महामारी से सम्बन्धित राजस्थान सरकार के मुख्य मंत्री के राहत कोष में सहयोग। 

जैसा सभी को विदित है कि इस समय देश में कोरोना महामारी की वजह से सभी का हाल अस्त-व्यस्त है। राजस्थान सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए एक विशेष राहत कोष की घोषणा की है। इस घोषणा में सभी लोग और संस्थाएं सहयोग कर रही कर रही हैं। मुझे लगता है कि हमें भी हमारी संस्था अरावली विचार मंच के माध्यम से कोरोना से संबंधित राजस्थान सरकार के राहत कोष में सहयोग करना चाहिए। 

यदि हम व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग छोटी राशि का सहयोग करेंगे तो सहयोग का उतना महत्व नहीं रहेगा। बेहतर होगा कि हम सब पहले अरावली विचार मंच के खाते में सहयोग करें, तत्पश्चात एक साथ अरावली विचार मंच की ओर से सहयोग राशि मुख्यमंत्री जी को राहत कोष हेतू दी जाए। ऐसा करने से एक बड़ी राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगी साथ ही हमने भूमि आवंटन की जो प्रक्रिया प्रारंभ की है उसमें भी हमें मदद मिलेगी। 

प्रस्ताव है कि हम सभी को लगभग 1 दिन के वेतन की राशि इस राहत कोष हेतु दान करें।

2. अरावली ई-पत्रिका का प्रथम अंक  दिनांक 14.04.2020 को प्रकाशित होना है। अत: अधिक से अधिक लेख दिनाांक 31.03.2020 तक प्रेषित कर दे। ई-पत्रिका हेतु विज्ञापन की दर निम्न निर्धारित की जा सकतीी है - 
Back page : Rs. 10000/-
Inner back pages front and rear : Rs. 8000/-
Other pages full: Rs. 5000/-
Other Pages half : Rs 3000/-

क्योंकि इस समय लाॅकडाऊन की वजह से मीटिंग होना संभव नहीं है अत: व्हाट्सएप के माध्यम से इन 2 मदों को मीटिंग का एजेंडा समझते हुए ही इन पर अपनी सहमति एवं टिप्पणी प्रेषित करें। धन्यवाद। 

सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना 
महासचिव, अरावली विचार मंच


                       अपील 
कोरोना महामारी से सम्बिन्धत राजस्थान सरकार के मुख्य मंत्री के विशेष राहत कोष में अरावली विचार मंच के माध्यम से आर्थिक सहयोग।

सर्वविदित है कि इस समय देश में कोरोना महामारी से आपात स्थिति उत्पन्न हो गई है। राजस्थान सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए एक विशेष राहत कोष में सर्वसाधारण और संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा की घोषणा की  है। 

हमारी संस्था 'अरावली विचार मंच' की कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि हम भी कोरोना से सम्बंधित 'राजस्थान सरकार' के राहत कोष में सहयोग करेगें।

निवेदन है कि अरावली विचार मंच का प्रत्येक सदस्य स्वेच्छा से अरावली विचार मंच के खाते में सहयोग करें और करवायें। तत्पश्चात 'अरावली विचार मंच' संस्था अपनी ओर से एकमुस्त राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवायेगी । ऐसा करने से संस्था द्वारा आवेदित भूमि आबंटन के प्रकरण में मदद मिलेगी। साथ में सदस्यों को 80G के तहत आयकर में भी लाभ मिलेगा। 

*सुझाव है कि "अरावली विचार मंच संस्था" के सभी सदस्य, कम से कम रू. 5000/-'मुख्यमंत्री राहत कोष' हेतु अरावली विचार मंच के बैंक खाते में जमा कराये।* 


Bank account detail AVM


*रामजी लाल मीना*
अध्यक्ष, अरावली विचार मंच 

*रघुवीर प्रसाद मीना*
महासचिव, अरावली विचार मंच 

*राधेश्याम मीना*
कोषाध्यक्ष, अरावली विचार मंच 



@all members of the unity whatsapp group.

सभी को अवगत कराया जाता है कि *अरावली विचार मंच* वर्ष 2003 से एक रजिस्टर्ड संस्था है। इसमें आदिवासी अधिकारी या समकक्ष इसके मेंबर हो सकते हैं। संस्था को 12AA व 80G के सर्टिफिकेट प्राप्त है। यह एकदम लोकतांत्रिक तरीके से पिछले 17 वर्षों से कार्य कर रही है। हर 2 वर्ष में चुनाव होते हैं और नई कार्यकारिणी गठित होती है। अरावली विचार मंच की ओर से राजस्थान सरकार से *आदिवासी विकास केंद्र* हेतु भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया हुआ है। इसी बीच यह कोरोना से संबंधित महामारी आ गई है, अरावली विचार मंच की कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि लगभग ₹500000 एकत्रित करके एकमुश्त मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया जाएगा जिसका कि बाद में आदिवासी विकास केंद्र हेतु भूमि आवंटन में भी लाभ मिल सकेगा। यदि हम अलग-अलग अपने स्वयं से कुछ पैसे देते हैं तो उसका इतना महत्व नहीं रहता जितना कि कोई रजिस्टर्ड संस्था एकमुश्त बड़ी राशि देती है। ऐसा करने से संस्था की एक अलग पहचान भी बनती है।

इस अवसर पर आप सभी से मेरा निवेदन है कि जो भी अधिकारी अपनी इच्छा से अरावली विचार मंच के सदस्य बनना चाहते हैं वे सदस्य बन सकते हैं। लाइफ टाइम मेंबरशिप फी ₹5000 है। साथ में कोरोना वायरस से संबंधित फंड के लिए अपील के अंतर्गत भी सहयोग अपेक्षित हैं। *धन्यवाद* 

सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना
 *महासचिव, अरावली विचार मंच*


 *अरावली विचार मंच* वर्ष 2003 से आदिवासी सेवारत एवं सेवानिवृत्त, सरकारी,अर्धसरकारी,प्राइवेट सेक्टर के अधिकाारियों एवं समकक्ष महानुभावों की *रजिस्टर्ड संस्था* है।

इसके मुख्य उद्देश्य में आदिवासियों केे लिए एक *Think Tank* का काम करना, *आदिवासियों में भाईचारे को बढ़ावा देना* और आदिवासियों के *कल्याण* से संबंधित विभिन्न मुद्दों के हल की पहल है। *शिक्षा* के महत्व को सर्वोपरि मानते हुए आदिवासी बच्चों का प्रोत्साहन व आर्थिक सहयोग करती है। प्रताप नगर जयपुर में बनाए गए *बालिका छात्रावास* के निर्माण मे संस्था का सहयोग विशेष रहा है।
 संस्था को  आयकर अधिनियम की धारा 12AA व 80G के अन्तर्गत सर्टिफिकेट प्राप्त है। यह संस्था 17 वर्षों से सेवाकार्य कर रही है। हर 2 वर्ष में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव द्वारा नई कार्यकारिणी गठित होती है। अधिक जानकारी के लिए संस्था की वेबसाइट www.aravalivicharmanch.org पर विजिट करेें। यदि आप संस्था के उद्देश्यों से सहमत हैं तो संस्था की *सदस्यता* ले सकते हैं।


संस्था की त्रिमासिक *e-magazine * "Aravali" हिन्दी और अंग्रेजी में 14 अप्रैल 2020 को जारी हो रही है। इसमें खासतौर पर आदिवासियों से संबंधित विभिन्न विषयों और व्यक्ति विकास के संबंध में एवं अनुभवी महानुभावों के अनुभवों पर आधारित लेेेख होंगे। इसके अलावा जीवनोपयोगी अन्य मुद्दों पर भी स्तम्भ होगें।

इस मैैैग्ज़ीन का सर्कुलेशन संस्था के सदस्यों के अलावा अन्य आदिवासी ग्रुपस् व संस्थाओं और इच्छुक व्यक्तियों में भी होगा।

किसी भी संस्थान, उत्पाद या सेवा को प्रमोट करने केे लिए इस ई-मैग्जीन के माध्यम से *विज्ञापन* करने का अवसर उपलब्ध है। इसके के लिए स्वागत हैं।

धन्यवाद

SWROA

@ all respected members of the group

For SWROA community services to fight against COVID-19, we may use following Google Form for accountal of the contribution :

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfjQVAWtfl1is0kEovVQex-BXZprOTmo0phxXIhxo-ncrlPIg/viewform

All are requested to kindly fill the details in the form, it will automatically create a Google sheet for easy monitoring and viewing.

Details of SWROA Bank A/C :

Payee: South Western Railway Officers Association
A/C No. 37575038436
IFSC : SBIN0000846
Hubballi Main Branch
PB No. 7, Keshwapur, Hubballi 
Distt. : Dharwad, Karnataka - 580020

Regards
Raghuveer Prasad Meena

Friday 27 March 2020

पढ़े लिखे लोगों ने सरकार का भरोसा तोड़ा, अब आगे नहीं तोड़े।

rpmwu326
27.03.2020

कोरोना वायरस से संबंधित COVID-19 महामारी के संबंध में सरकार ने विदेश से आने वाले भारतीय नागरिकों, जो कि अधिकांश उच्च स्तर के शिक्षित है, पर भरोसा करके उन्हें 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन के लिए सलाह दी परंतु ऐसे कई लोग होम क्वॉरेंटाइन में नहीं रह कर इधर उधर घूमे, यात्राएं की और फंक्शन अटेंड किये जिसकी वजह से कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये।  ऐसे पढ़े-लिखे लोगों ने सरकार का भरोसा तोड़ा है और उन्होंने बहुत ही नासमझी का काम किया है। 

अब सरकार ने पूर्ण रूप से देश में लाॅकडाऊन की घोषणा कर रखी है। हर नागरिक को चाहिए कि उससे जो भी संभव हो सके इस लोक्डाऊन में जो निर्देश मिल रहे हैं उनकी अनुपालना करें और दूसरे नागरिकों खासकर मजदूर व कमजोर आय वर्ग के लोगों की मदद करें। 

रघुवीर प्रसाद मीना 

Thursday 26 March 2020

Video links of YouTube Videos!

1. धरती धौरा री
https://youtu.be/QrbgNfmpu88

2. Nbc News_24
https://youtu.be/DrCMLrqBZ30


#Good_news : लोग DAP से दूर है।

rpmwu325
26.03.2020

वर्ल्ड हैल्थ आर्गनाइजेशन की 65वीं सिचुयेशन रिपोर्ट के मुताबिक संसार में 25 मार्च 2020 तक कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 414179 हो चुकी हैं एवं इस महामारी की वजह से अब तक 18440 लोगों की मृत्यु हो गई है। हमारे देश भारत में भी इसके 562 प्रकरण हो चुके हैं और 9 लोगों की मृत्यु हो गई है। मिडिया के अनुसार हमारे देश में आज दिनांक 26.03.2020 को दोपहर 1:00 बजे तक 649 लोग संक्रमित हो चुके हैं एवं 13 लोगों की मृत्यु हो गई है। 

संपूर्ण देश में भारत सरकार द्वारा दिनांक 25.03.2020 को 00:00 hrs से लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। सभी प्रकार के आवागमन के साधन बंद है, कार्यालय बंद है और आवश्यक सेवाओं के छोड़कर अन्य सभी संस्थान भी बंद है। देश के प्रधानमंत्री स्वयं ने दो बार लोगों को सम्बोधित करते हुए घर में रहने की सलाह दी है और बचाव को ही उपाय बताया है। 

इतनी गंभीर स्थिति में पहली बार देखने को मिल रहा है कि देश में और विदेशों में भी धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (#DAP) से लोग दूर हैं और वे केवल और केवल दवाइयों और वैज्ञानिक सलाह से ही इस महामारी के नियंत्रण की बात कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण को बढ़ावा देने की बात नहीं कर रहा है। यहां तक कि हमारे #प्रधानमंत्री जी ने भी उनके सम्बोधन में कहा कि हमें हर प्रकार के #अंधविश्वास और #अफवाहों से #दूर रहना है। हमारे जैसे देश में यह एक सुखद समाचार है कि अब धीरे-धीरे लोग धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (#DAP) से दूर जा रहे हैं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने लगे हैं।

रघुवीर प्रसाद मीना

Monday 23 March 2020

मंदिरों एवं धार्मिक ट्रस्टों की सम्पत्ति का साधारण जन के लिए हो उपयोग।

rpmwu324
23.03.2020

हमारे देश के बड़े-बड़े मंदिरों एवं धार्मिक ट्रस्टों में सामान्य लोगों द्वारा दिया गया ही धन संचित है। कोरोना महामारी की इस गंभीर घड़ी में इस धन का सदुपयोग सामान्य जन के लिए किया जाना चाहिए। सभी मंदिरों व ट्रस्टों को चाहिए कि वे आगे आकर सरकार को इस धन को पब्लिक हित हेतु ऑफर करें।

रघुवीर प्रसाद मीना 

Sunday 22 March 2020

#मदद_करें ।

rpmwu323
22.03.2020

#मदद_करें।  हमारे देश में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो प्रतिदिन खर्चे के लिए प्रतिदिन कमाते हैं और उनके पास कोई बचत नहीं होती है।

अभी कोरोना वायरस की वजह से लोगों का आवागमन लगभग अवरुद्ध हो चुका है, बिजनेस पर गंभीर असर है, लोग बेरोजगारी के कगार पर है। जो लोग प्रतिदिन कार्य करके अपना खर्च चलाते हैं उन पर इस बात का सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। अतः यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति या परिवार मिले तो उसकी अवश्य मदद करें ।

रघुवीर प्रसाद मीना 

एक #महत्वपूर्ण और #छोटी_सी_सलाह

 rpmwu322
22.03.2020

एक #महत्वपूर्ण और #छोटी_सी_सलाह

यदि व्यक्ति सामान्यतः दाएं हाथ से कार्य करता है तो उसे दरवाजे की नाॅब, लिफ्ट के बटन, चीजों को पास करने इत्यादि के लिए बाएं हाथ का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि बांया हाथ साधारणतया नाक व मुंह पर नहीं जाएगा।

ऐसा करने से काफी हद तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

रघुवीर प्रसाद मीना

मिरज मीना समाज कार्यक्रम 01.03.2020

rpmwu318
16.03.2020

मिरज मीना समाज कार्यक्रम 01.03.2020

0. समाज के सामने चुनौतियां - हमारे समाज का इतिहास व वर्तमान परिस्थित, उन्नति की सही दिशा का भ्रम (रीति-रिवाज या बदलाव), DAP धर्म पर अनावश्यक ध्यान, धन कहां खर्च करें, स्वयं_समाज_सरकार का रोल, जीवन को सफल कैसेे बनाये? समाज में क्या अच्छा है और क्या खराब इसके बारे में सोचें? 

0. स्वयं को पहचाने - गांव से विदेश तक की यात्रा, अपने आप को महत्व दे। स्वयं का सम्मान करें और प्रसन्न रहे। ऐसा करने से कोई नहीं रोकता है। ट्राईबल कौन? मकान-मालिक और किरायेेेदार, अपने आप को कभी नीचा नहींं माने। एकलव्य बनने की गलती नहीं करें। आरक्षण कोई अहसान नहीं अधिकार है, 3 स्थितियां। हार्डवेयर व सोफ्टवेयर : सभी मनुुष्यों कीी हार्डवेयर समान होती है परन्तु सोफ्टवेयर व्यक्ति के बैकग्राउंड पर निर्भर करती है। समाज के लोगों की मदद करने में क्या कहेगेें लोग? के डर की चिंता मत करो। 
1  .  शिक्षा शेरनी के दूध के समान है, डर कम करती है व अधिकारों की रक्षा करना सिखाती है। आज हम मिरज मेंं पढ़ाई के कारण ही इकट्ठा हुए हैं। 1956 में हुए रिजर्वेशन केे बाद 1980 के बाद ही समाज के लोग बने अधिकारी, यदि पढ़ने से वंचित नहीं किया जाता तो सोचो हम कहाँ होते? 
2. पुरानी रिति रिवाजों पर ज्यादा ध्यान देने की वजाय भविष्य की उन्नति पर ध्यान दें। सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज की मांग, मृत्यु भोज, शादियों में अनावश्यक व्यय इत्यादि को दूर करें।
3. धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण से दूर रखें अपने आप को और दूसरों को भी दूर रहने की प्रेरणा दे।
4. युवा अपने को योग्य बनायें, नौकरी के साथ साथ बिजनेस की ओर अग्रसर हो। समाज को भी बिजनेस करने वालों का सम्मान करना चाहिए। मौसम के ्अनुसार कपड़े
5. समाज के हर व्यक्ति को अच्छी योग्यता अच्छा कामअच्छा व्यवहार करके समाज की ब्रांड वैल्यू को बढ़ाना चाहिए।
6. एक दुसरे व्यक्तियों व पुरानी घटनादओं की बात करने की वजाय भविष्य की उन्नति का प्लान करें व उसकी बात करें। Minds
7. बाबासाहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर, विरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, छुट्टन लाल कप्तान, काला बादल, अड़िसाल सिंह, लक्ष्मी नारायण झरवाल व अन्य महान समाज सेवियों के जीवन से प्रेरणा ले और समाजहित के काम करे।
8. अपनी पोस्ट को सहायता करने के मौके के रूप में देखें, रिटायर या ट्रांसफर होने के बाद दूसरों से ही अनुरोध करना पड़ेगा।
9. इतिहास की जगह भूगोल पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। जिन चीजों से समाज की उन्नति हो उन पर अधिक ध्यान दे।
10. चीजों को कर डालो, सोचते ही मत रह जाना।
11. लीडरशिप करें, जीवन में अग्रणी बनें। हमेशा पिछलग्गू नहीं रहे। हर जााति के लोगों से कुछ अच््छा सीखा जा सकता है।
12. रामायण और महाभारत दोनों में ही इनसल्ट की वजह से युद्ध हुए। अत: बेवजह किसी की इनसल्ट नहीं करें।
13. जब कोई आपके पास आये तो उससे सही से व्यवहार व बात करें, उसके व्यू पाॅइन्ट को सुनें, उसे बिठायेपानी जरूर पिलाये।
14. चीजों को दूसरे व्यक्ति की नजर से देखें व हमेशा उसकी मदद करने की सोचें।
15. राजनीति 100 तालों की चाबी है, अत: इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए है।
16. बड़ो का आदर करें और छोटों को संरक्षण दे।
17. हमेशा अपने गौरव को बरकरार रखें। फालतू की बातें नहीं करें।
18. दूसरों को ऐसी सलाह दे जैसी हम हमारे बच्चों को देते हैं।
19. अपने सरनेम की इज्जत की जिम्मेदारी हमारी स्वयं की है। सरनेम व्यक्ति की पगड़ी से भी ज्यादा बढ़कर है।
20. गलत करने वालों को टोकें
21. दहेज के लिए 3D फार्मूला अपनाये। पहली D लडके वालो के लिए कि वे Demand नहीं करें। दूसरी D लड़की वालों के लिए कि वे दी जाने वाली चीजों का Display नहीं करें। तीसरी D दुसरे लोगों के लिए कि वे लेन देन की बात का Discussion नहीं करें।
22. अपने लोगों के अच्छे काम व अच्छाईयों की बढ़ाई दूसरों के सामने अपने अादमी की गैरमौजूदगी में जरूर करें।
23. बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
24.बच्चों में समाज के प्रति अच्छी भावना जागृत करें।
25. सभी समाजों को साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करें।
26. अपनी पर्सनेलिटी को सही रखें। व्यसनों से बचें। शराब, गुटखा, जर्दा, खैनी के सेवन से बचे। अपने आप को स्वयं ही डाऊनग्रेड नहीं करें। 
27. सरस्वती_दुर्गा_लक्ष्मी का स्थान। 
28. *सत्य* *अच्छी* *उपयोगी*। जब भी आप अपने परिचित, मित्र, सगे संबंधी के बारे में कुछ गलत बात सुने", ये *तीन छन्नी* परीक्षण अवश्य करें।
29. संवेदनशीलता व तत्परता : दूसरे के नजरिये से सोल्यूशन के बारे में विचार करें। 
30. मनुष्य की 3 श्रेणियां। 
31. ज्ञानइन्द्रियों की क्षमता की सीमा होने के कारण मनुष्य सही और गलत में अन्तर करने में गलती कर सकता है। 
32. वजन की तरह ईगो व दुर्गणों को भी कम करे।
33. सही होने के लिए इंजेक्शन खुद को ही लगाना होगा। 
34. सामाजिक डाॅ की संख्या सीमित करनी होगी। 
35. सामाजिक मंचो पर विचारधारा को जूतों की भांति बाहर ही छोड़ कर आओ। 
36. कलिले कमजोर भैंस को ही पकड़ते है। मजबूत स्वयं को ही बनना होगा। 
37. आप स्वयं को बदल सकते हैं दूसरा आप से प्रभावित हो सकता है। 
38. सबसे बड़ा रोग क्या कहेगें लोग। दूसरों के डर से सामाजिक कार्य करना नहीं छोड़े। 
39. हाईबीम-लोबीम सोच।
40. संगत गार्डन में अच्छे विचार व नाले के पास खराब विचार। 
41. क्वालिटी एवं राम के वनवास, सीता हरण - रूट काॅज एनालिसिस। कैकई, दशरथ केे रथ का एक्सल। 
42. कोडक कैमरे पर मत चिपके रहो, समय के साथ चलो। 
43. कालीबाई को पढ़े। 
44. स्वार्थी ब्राह्मणों ने आदिवासियों को पढ़ाई व हथियारों से दूर रखने की योजना के तहत काम किया। 
45. Sustainable development & inclusive growth. ज्यादा खानेवाले हर तरह से नुकसानदायक है। 
46. Physical fitness पर अवश्य ध्यान दे।
47. समय के महत्व को अवश्य समझें। 
48. हारे उसकी हार, अधिकतर चीजों में नुकसान के लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार होते हैं।
49. हर प्रकार के Heat treatment के बाद वस्तु या व्यक्ति मजबूत होता है। 
50. दूसरों का अच्छा नहीं सोचने वाले स्वयं का भी भला नहीं कर सकते।
51. यदि घर पर समय रहते ध्यान नहीं दिया, दरवाजों पर ताला नहीं लगाया या लंबे समय तक सूना छोडा और नुकसान हो जाये तो दोष किसका है ?
52. High_utility_low_cost जैसे चश्मा, लाईट इत्यादि 
53. निरीक्षण बिना समाधान के ज्यादा निरीक्षण करना ऐसा है जैसे बहुत से लोग टेंम्परेचर मापते है परन्तु दवा कोई नहीं देता है। 
54. अपने लेवल का काम करे। जूनियर लोगों का काम करना आसान होता है। अत: अधिकतर लोग उसे करते रहते हैं। यदि बाबासाहब अम्बेडकर संविधान लिखने की बजाय छोटा काम करते तो क्या होता? रिटायर्ड लोगो को समाज को आगे बढ़ाने के लिए उनकी योग्यता के अनुसार काम करना चाहिए। 
55. जमीन-आसमान का अंतर, एमपी फ्लैट्स के आगे पीछे। 
56. बैलेंस डाईट - डीज़ल ईंजन 
57. जो दलितों की बात करेगा वह दलितों पर राज करेगा तो हम राज करने की कब सोचेंगे? 
58. यदि केवल बुद्धिमान लोगों की बात करके दुसरों को राज में हिस्सेदारी से नकारते है तो अंग्रेजों को देश से भगाने की क्या जरूरत थी? 

नौकरी में सफलता : 
0. माईक पर नजदीक से बोले। 
1. पर्सनेलिटी व्यसनों से दूर। हैल्थ पर फोकस करेें। 
2. कार्य में दक्षताकौशलता हासिल की जा सकती है। Will is also very important. काम की आनरशीप ले। काम करने वाले की ईमेज बनाये ना कि काम नहीं करने वाले की। 
3. व्यवहार, नमस्कार खुश होकर। 
4. अधिकारी व वरिष्ठों से जानकारी करें। 
5. अपने अच्छे कार्य से अवगत करवायें। मोबाइल नम्बर रखे व व्हाट्सएप का उपयोग किया जा सकता है। परन्तु केवल समय पर। 
6. अनावश्यक शिकायतें नहीं। 
7. मदद - दिन व समय का ध्यान रखे। 
8. कृतज्ञता काम होने के बाद धन्यवाद जरूर दे। ठूंठ या फलदार वृक्ष। 
9. कोई खर्चा की जरूरत नहीं है, सवामणी से भी कम खर्च।
10. यूनियनस्/एशोसियेशन का हिस्सा बनें। 
11. प्रतिदिन एकबार अपने आप से बात करें। इन्ट्रोस्पेक्शन। 
12. लीक से हटकर सोचो, इनोवेट करो। बार बार फिटिंग क्यों निकल रही है? बार बार गंदगी क्यों हो रही है? परेशानियों के सोल्यूशन का हिस्सा बनो और दिखाओ भी। 
13. Constraints हटाने के बारे में सोचे। JP control & painting. 


महिलाएं
पति का सहयोग दे। पति भी पत्नियों की भावना को समझे। बच्चे सीमितबच्चे बच्चि में अंतर नहीं। घर का वॉल्यूम कम रखें। 

बच्चे
पढ़ाईसंस्कार, अच्छी संगत, बड़ो का आदर

Actionable Items
1. Tribal Helping Hands Sanstha
2. गांव में अध्ययन केन्द्र व स्कूल पर ध्यान 
3. भाईचारा व अपना काम सही से करो।
4. प्राईवेट बिजनेस की सोच।
5. स्किल बढ़ाने के लिए स्किल का खेलों की तरह कंपटीशन किया जाना चाहिए।
6. खुले दिमाग से राजनितिक बातें करें।
7. दूसरों का सम्मान करने साथ अपने लोगों का सम्मान भी करें।
8. युवा संस्कार शिविर।
9. दूर रहकर भी हर चीज में विचारों से रोल अदा कर सकते हैं। 
10. समाज की ब्रांड वैल्यू बढ़ाई जाये।
11. कोर्ट, राज्य सभा, सरकार में की पोस्टस्, पर आरक्षण।
12. दूसरे आदिवासी समाजों से जानकारी करें व उनके साथ रहें।

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आज दिनांक 1 मार्च 2020 को सेन्ट्रल रेलवे के पूना मंडल के #मिरज स्टेशन पर आयोजित सामाजिक समारोह में भाग लिया।

कार्यक्रम में जाॅब करने वाले भाई-बहनों को उनके सफल कैरियर हेतु निम्न बातें बताई - 

1. #पर्सनेलिटी को अच्छी बनाने हेतु विभिन्न व्यसनों यथा गुटखा, खैनी, जर्दा, शराब इत्यादि से दूर रहे। #हैल्थ पर फोकस करें। 
2. कार्य में #दक्षता व #कौशलता हासिल करें । काम की #आनरशीप ले। #काम_करने_वाले की #ईमेज बनाये ना कि काम नहीं करने वाले की। 
3. #व्यवहार अच्छा बनाये, वरिष्ठ लोगों से भलीभांति #नमस्कार करें। 
4. अधिकारी व वरिष्ठों से #जानकारी करें। 
5. अपने #अच्छे_कार्य से #अवगत करवायें। मोबाइल नम्बर रखे व व्हाट्सएप का उपयोग किया जा सकता है। परन्तु केवल समय पर। 
6. #अनावश्यक_शिकायतें_नहीं। 
7. #मदद - #दिन व #समय का ध्यान रखे। 
8. #कृतज्ञता  काम होने के बाद धन्यवाद जरूर दे। 
9. #फिजूल_खर्चा करने की जरूरत नहीं है। 
10. #यूनियनस्_एशोसियेशन का हिस्सा बनें। 
11. प्रतिदिन एकबार अपने आप से बात करें। #इन्ट्रोस्पेक्शन। 
12. लीक से हटकर सोचो, #इनोवेट करो। बार बार फिटिंग क्यों निकल रही है? बार बार गंदगी क्यों हो रही है? परेशानियों के #सोल्यूशन_का_हिस्सा बनो और दिखाओ भी। 
13. #Constraints_हटाने के बारे में सोचे।
14. जब भी बोलने का मौका मिले तो #माईक पर #नजदीक से बोले। ऐसे ही हर क्षेत्र में #स्किल विकसित करे।
15. #महिलाओं के प्रति अच्छी सोच रखे, उनके व्यू पाॅइन्ट को समझे।
16. #बच्चे_सीमित, बच्चे बच्चि में अंतर नहीं।
17. #घर_का_वॉल्यूम_कम रखें।
18. धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (#DAP) से दूर रहे। दूसरों को दूर रहने की प्रेरणा दे। 
19. #गरीब बच्चों को #पढ़ने में #मदद करें।
20. अच्छे कार्य व व्यवहार से स्वयं व समाज की #ब्रांड_वैल्यू बढ़ाये।

आयोजनकर्ताओं व कार्यक्रम में भाग लेने सभी महानुभावों का बहुत बहुत धन्यावाद।

रघुवीर प्रसाद मीना

स्वयं_समाज_दूसरे_समाज_मदद

rpmwu315
07.03.2020

स्वयं_समाज_दूसरे_समाज_मदद

व्यक्ति को स्वयं के #समाज को अपने #बड़े_परिवार के समान मानना चाहिए। 

व्यक्ति को जब सैलेरी, खेती या बिजनेस से आमदनी होती है तो वह अपने परिवार व बच्चों की आवश्यकताओं के लिए चुपचाप खर्च करता है। यह सभी को सामान्य लगता है और कोई इस बात का आॅब्जेक्शन नहीं करता है। परन्तु यदि वही व्यक्ति पब्लिक में दिखादिखाकर अपने बच्चों को पैसा देने  लगे तो देखने वाले कुछ लोगों के मन में विचार आ जायेगा कि देखो कैसे पैसों का दिखावा कर रहा है और वे उस व्यक्ति के बारे में अच्छी सोच नहीं रखेंगे।

इसी प्रकार कोई व्यक्ति जब अपने समाज के लोगों की चुपचाप मदद करता है तो उसके बारे में कोई दूसरे लोग ज्यादा टीका टिप्पणी नहीं करते हैं। परंतु जब लोग दिखावा करके अपने समाज के लोगों की मदद करते हैं तो दूसरे समाज के लोगों के मन में मदद करने वाले व्यक्ति के प्रति खराब भाव उत्पन्न होते हैं। यह मनुष्य का सामान्य व्यवहार है।

हमें हमारे समाज के लोगों को बड़ा परिवार का सदस्य मानते हुए अवश्य मदद करनी चाहिए। परंतु बेहतर होगा कि मदद का दिखावा नहीं करें ताकि दूसरे समाज के लोगों के मन में बेवजह मदद करने वाले के प्रति खराब भावना उत्पन्न नहीं हो।

इसके साथ साथ ही इस बार पर विशेष ध्यान देने की भी आवश्यकता है कि #लोग_क्या_कहेंगे के डर से समाज के लोगों की मदद करने में संकोच करने की बिलकुल जरूरत नहीं है।

रघुवीर प्रसाद मीना

IRSME DAY 2020

rpmwu312
23.02.2020

IRSME DAY 2020

Address of PCME on IRSME DAY 14th February 2020

1. 14th, February was IRSME Day but we are celebrating today due to unavoidable circumstances. I wish good luck and success to IRSME fraternity. May our officers progress in their careers and their desires get fulfilled.

2. Much earlier it was Jamalpur Club Day but later renamed as IRSME Day and all officers started celebrating it. Now after merger of all Gr A services, this tradition will vanish one day. So till the cadre is there, we all must help each other in career development and taking care of personal issues.

3. IRSMEs have tremendously contributed in the growth of the national carrier by way of having provided world class rolling stock starting from vacuum stock fitted with plain bearings to Train18 and Tejas coaches and CTRB fitted 30days validity freight wagons.

4. By introducing Bio Toilets, we have made stations free of foul smell and it coupled with EnHM has started changing face of our stations. Now for the people of our great country, we are changing face of our country by having better stations, better coaches and better hygiene services.

5. We have always been trying to help our officers in postings at the places of their choice, supporting them in the adverse situations.

6. Our officers are very competent and are capable of producing desired results. Both workshops and all the three divisions are performing well in their respective areas.

7. We are fortunate to have our leader like Shri AK Singh, GM of our railways. He is simply incomparable and has so many good virtues. He is highly generous, benevolent, helpful, bold, very quick in decisions has a big heart to forgive.

8. Madam Sujata Singh also binds our families by her love and affection. She is a great lady who takes care of all of us. Considers all as a family members and pay special attention on families of IRSME officers.

9. I thank all officers and their families who have taken so much pain in making the event successful.

10. I also thank all organisers of the event. May name few for their special contribution.

पब्लिक के सामने कहने योग्य महत्वपूर्ण बातें।

rpmwu311
23.02.2020

पब्लिक के सामने कहने योग्य महत्वपूर्ण बातें। 

1. शिक्षा शेरनी के दूध के समान है, डर कम करती है व अधिकारों की रक्षा करना सिखाती है।
2. पुरानी रिति रिवाजों पर ज्यादा ध्यान देने की वजाय भविष्य की उन्नति पर ध्यान दें। सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज की मांग, मृत्यु भोज, शादियों में अनावश्यक व्यय इत्यादि को दूर करें।
3. धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण से दूर रखें अपने आप को और दूसरों को भी दूर रहने की प्रेरणा दे।
4. युवा अपने को योग्य बनायें, नौकरी के साथ साथ बिजनेस की ओर अग्रसर हो। समाज को भी बिजनेस करने वालों का सम्मान करना चाहिए।
5. समाज के हर व्यक्ति को अच्छा काम व अच्छा व्यवहार करके समाज की ब्रांड वैल्यू को बढ़ाना चाहिए।
6. एक दुसरे व्यक्तियों व पुरानी घटनाओं की बात करने की वजाय भविष्य की उन्नति का प्लान करें व उसकी बात करें।
7. बाबासाहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर, विरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, छुट्टन लाल कप्तान, काला बादल, अड़िसाल सिंह, लक्ष्मी नारायण झरवाल व अन्य महान समाज सेवियों के जीवन से प्रेरणा ले और समाजहित के काम करे।
8. अपनी पोस्ट को सहायता करने के मौके के रूप में देखें, रिटायर या ट्रांसफर होने के बाद दूसरों से ही अनुरोध करना पड़ेगा।
9. इतिहास की जगह भूगोल पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। जिन चीजों से समाज की उन्नति हो उन पर अधिक ध्यान दे।
10. चीजों को कर डालो, सोचते ही मत रह जाना।
11. लीडरशिप करें, जीवन में अग्रणी बनें। हमेशा पिछलग्गू नहीं रहे।
12. रामायण और महाभारत दोनों में ही इनसल्ट की वजह से युद्ध हुए। अत: बेवजह किसी की इनसल्ट नहीं करें।
13. जब कोई आपके पास आये तो उससे सही से व्यवहार व बात करें, उसके व्यू पाॅइन्ट को सुनें, उसे बिठाये व पानी जरूर पिलाये।
14. चीजों को दूसरे व्यक्ति की नजर से देखें व हमेशा उसकी मदद करने की सोचें।
15. राजनीति 100 तालों की चाबी है, अत: इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए है।
16. बड़ो का आदर करें और छोटों को संरक्षण दे।
17. हमेशा अपने गौरव को बरकरार रखें। फालतू की बातें नहीं करें।
18. दूसरों को ऐसी सलाह दे जैसी हम हमारे बच्चों को देते हैं।
19. अपने सरनेम की इज्जत की जिम्मेदारी हमारी स्वयं की है। सरनेम व्यक्ति की पगड़ी से भी ज्यादा बढ़कर है।
20. गलत करने वालों को टोकें।
21. दहेज के लिए 3D फार्मूला अपनाये। पहली D लडके वालो के लिए कि वे Demand नहीं करें। दूसरी D लड़की वालों के लिए कि वे दी जाने वाली चीजों का Display नहीं करें। तीसरी D दुसरे लोगों के लिए कि वे लेन देन की बात का Discussion नहीं करें।
22. अपने लोगों के अच्छे काम व अच्छाईयों की बढ़ाई दूसरों के सामने अपने अादमी की गैरमौजूदगी में जरूर करें।
23. बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
24.बच्चों में समाज के प्रति अच्छी भावना जागृत करें।
25. सभी समाजों को साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करें।

#DAP व तुलसी की कहानी।

rpmwu309
22.02.2020

DAP व तुलसी की कहानी। 

*तुलसी कौन थी?*

तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये।

सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।

फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।

भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?

उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।

सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे सती हो गयी।

उनकी राख से एक पौधा निकला तब भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में बिना तुलसी जी के भोग स्वीकार नहीं करुगा। तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे। और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !

आदिवासियों के अधिकार

rpmwu308
22.02.2020

आदिवासियों के अधिकार

देश में रह रहे हर नागरिक की डिग्निटी का सम्मान हो। आदिवासियों को उनके हक मिले। आदिवासी इस धरा पर 5000 वर्ष से पहले से रह रहे हैं। दूसरे लोग यहां बाद में ही आये। इस तथ्य में कोई संशय नहीं होना चाहिए। जब बाहर से लोग यहां आये थे तब भी उन पर जुल्म किया था और नक्सलियों का नाम देकर अभी भी किया जा रहा है।

यह लगभग ऐसा है जैसे कोई व्यक्ति आपके घर आये और दया या किराये पर रहे एवं कालांतर में वह आपको ही घर से बेदखल कर दे। आदिवासियों की व्यथा को देश के सभी नागरिकों को समझना चाहिए और उनके हक दिलवाने की मुहिम में सहयोग करने की जरूरत है।

#DAP_पर_प्रहार

rpmwu306
21.02.2020

#DAP_पर_प्रहार

1. मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों को भगवान के नौकर मानें एवं साहब के नौकर या चपरासी की भांति ही उन्हें समझा जाये। वे किसी भी हाल में इससे ज्यादा सम्मान के हकदार नहीं है।

2. किसी भी व्यक्ति का केवल जाति के आधार पर आदर या अनादर नहीं किया जायें। किसी भी जाती जो व्यक्ति ज्ञानवान है उसका आदर करें व जो सामान्य है उसको सामान्य मानव ही मानें।

ब्राह्मण कौन?

rpmwu304
07.02.2020

ब्राह्मण कौन? 

मेरे विचार से बहुत पुराने दिनों में जब ब्राह्मणों का बहुत आदर सत्कार होता था तो शायद ब्राह्मण की निम्न परिभाषा होती होगी -

व्यक्ति जो स्वयं शिक्षा अर्जित कर दूसरों को शिक्षित करें, स्वयं धनार्जन नहीं करें, भिक्षा माँगकर व मिले हुए दान से खाये और उच्च आदर्शों के साथ जीवन जिये। ऐसे कर्म व आचरण करने वाला किसी भी समाज का व्यक्ति ब्राह्मण बन सकता होगा। 

कालान्तर में ब्राह्मणों ने उनके कर्म व आचरण तो स्वयं के स्वार्थ के लिए परिवर्तित कर लिए
परन्तु आदर सत्कार व लाभ मिलने की आकांक्षा पुराने जमाने की तरह ही रखी। 

क्या आज पुराने जमाने के ब्राह्मण कहीं दिखाई देते हैं? 

महाभारत के समय से ही द्रोणाचार्य जैसे ब्राह्मणों ने आदिवासी (एकलव्य) व ओबीसी (कर्ण, जिसे सूतपुत्र समझा जाता था) के सामान्य लोग ही नहीं अपितु प्रतिभाओं का नुकसान करना और उन्हें नीचा दिखाना शुरू कर दिया था। आज सभी नहीं परन्तु अधिकांश ब्राह्मण कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए संविधान प्रदत्त आरक्षण का पूरजोर विरोध करते हैं। वे चाहते हैं कि जन्म के आधार पर प्रतिपादित की गई वर्ण व्यवस्था कायम रहे और उनके बच्चों को नालायक होने के बावजूद भी सम्मान व दान दक्षिणा मिलती रहे। 

ब्राह्मणों को सम्मान व सत्कार मिलने के पिछे धार्मिक आडम्बर व आस्था का अतिमहत्वपूर्ण रोल है। 

अत: आवश्यकता है कि हम धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (DAP) से बाहर निकले व दूर रहें और दूसरों को भी दूर रहने हेतु प्रेरित करे।

आपके क्या विचार हैं, कृपया लाॅजिक के साथ अवगत करवायें।

रघुवीर प्रसाद मीना 

Myfarewelfromswr

Works done by me PH41, 42,16,53, 64 + funds +vrc+planning for hpt+cmg
Google Sheets
Officers (GM, AGM, PCME, PCEE, SDGM, Katware, pccm, pcste, DyCPOs)

Learnt & Impressed 
GM: Very helping attitude and fast in decision making, he believes that there is a god in every human being, no agenda of his own, 100% dedicated to the purpose, makes club life lively, Ma'am also. 

AGM : impressed with his work on heritage and environment, he is a research scholar, write very good researched articles. 

PCME : Very friendly, supportive, open minded, listen to advices and views of others, highly hard working, never sits idle, always remains busy, believes in creativity, Ma'am is also very nice and humble. 

PCEE : He is a down to earth and humble person and highly focused on the core work. Cultural activities, club, sports. 

ख्वाहिशें कभी पूरी नहीं होती है। गलती ढूंढने वाले गलती निकाल ही लेते हैं।

rpmwu300
19.01.2020

ख्वाहिशें कभी पूरी नहीं होती है। गलती ढूंढने वाले गलती निकाल ही लेते हैं। 

One night, just before *the shopkeeper was* about to close the shop, *a dog came* into the shop.
*There was a bag* in its mouth. *The bag had a list* of items *to be bought* and money. *The shopkeeper took the money* and *kept the items* in the bag.

Immediately, *The dog picked up the bag* of items and *left.* The *shopkeeper was surprised* and *went behind the dog* to see *who the owner was.*

*The dog waited* at the bus stop. After sometime, *a bus came* and the *dog got into* the bus. As soon as *the conductor came,* it *moved forward* to show his neck belt which *had money and the address* as well. *The conductor took* the money and *put the ticket* in his neck belt again.

When *it reached* the destination, *the dog went* to the front and *wagged his tail* indicating that *he wanted* to get down. The moment the bus stopped, *it got down.* The *shopkeeper was still following* it.

*The dog knocked* on the door of a house with its legs. *Its owner came* from inside and *beat* it with a stick.

The shocked shopkeeper *asked* him "why are you beating the dog?", to which *the owner replied,* "he *disturbed* my sleep. *It could have taken* the keys with it."

*This is* the truth of life. *There is* no end to the expectations people have from you. The moment you *go wrong,* they *start pointing* at our mistakes. All the good done in the past is forgotten. Any small mistake committed then *gets magnified.* *This is* the nature of this material world.!!!
So try not to find faults in others rather appreciate their efforts.

MRS Shri Rajesh Agrawal

rpmwu297
18.01.2020

MRS Shri Rajesh Agrawal 

Good morning sir,

Yesterday I missed your gracious company as I had to stay at HQ to facilitate all others for your farewell.

IR and the people of India will remember you for the *beautiful and state of the art coaches* being introduced in the fleet of rolling stock. Never in the past passengers experienced comfort and beauty of coaches like that in *Vande Bharat, Humsafar & Vistadom.* 

You are the first person who got started and finished fitment of *bio toilets* in the divisional depots. Others were later asked to follow WCR and with the result now we have almost 100% bio toilet fitment in coaches resulting in clean stations without foul smell.

The concept of *Smart Yards* for freight examination will be remembered by all and will make lives of our staff better and improve safety and productivity of freight operations.

 *Quick watering* is very useful and is important from the view point of passenger basic requirement.

Proliferation of *ACWPs* will also help coaches look clean and pleasing. 

 *Concept of umbrella works* to improve and modernise infrastructure will prove of great help.

You *changed the mind set* of officers for thinking and look for modernisation and IT enabled working rather than procuring mundane machines like EOT, Forklift, Hyd. Jacks etc.

Never ever our *cadre* was looked after so well.

I am fortunate to have an opportunity to work with you so closely in WCR. You gave me full freedom to work. I learnt many good things from you like "Make Things Happen", Art of presentation, Use of Excel with pivot tables for data analysis.

I shall always remember your kind favour to me and feel  obliged.

I will be happy to have an opportunity of doing any work/help/assistance for you.

Thank you very much sir once again.

with kind regards
Raghuveer Prasad Meena

Make out principles and then ask people having your way of thinking to join


परिवर्तन संगोष्टी 7& 8 दिसंबर 2019

rpmwu289
07.12.2019

परिवर्तन संगोष्टी 7&8 दिसंबर 2019

1. Normal wagon be utilised for guard brake van after modification, can be put either side so that no shunting is needed for restart of the train.
2. Vigilance cases and chargesheets be finalised quickly. It is like having a limped person in the team who reduces speed of the team.
3. Senior officers who do not take timely decisions cause more damage to the organisation. Therefore 33 years of max. service should be implemented.
4. Allowing people draw salary without due work is a definite form of corruption. In PUs and workshops, staff do not work full time. Allowed time for activities are defective. Strong administrative action is required to be taken.
5  DRM is a key functional post, age criterion be removed as large no. of officers entering at later age get disheartened from the beginning of their carrier knowing that they will not be elevated to this post. Only competent persons be posted as DRMs, people who learn for two years must not be posted.
6. Costing should be improved and offices be made aware of their costs like bill of electricity.
7. Cost of all the concessions be worked out and railways should keep reviewing them.
8. MST and passenger tickets be made realistic, we are charging very less as compared to state govt buses for the same destinations.
9. Poor implementation is principal cause of concern in Railways. We are very sluggish in implementing the ideas and decisions.
10. Rolling Stock Department be allowed to take care of Coaching stock upto divisional level, still confusion is there in the divisions.
11. Permanent speed restrictions must be reduced to minimum in nos. in new projects even allowing the cost to go up and existing lines by making judicious investments.
12. We must increase average speed of goods trains, this will reduce holding, requirement of wagon maintenance, save path. Goods sheds must be modernized to reduce detention to freight rakes, customers uses our wagons as godowns by paying very less amout as demurrage charges.
13. Detention of freight trains must be monitored cause wise and due c/p actions be taken to improve the situation. There should not be unnecessary detention at interchange points.
14. Busy routes, track should remain unoccupied for the minimum time, provide automatic signalling etc.
15. Ticket checking - use of technology, do not let the passengers board the train without valid tickets. Use of rfid or some other technology be used at the entry itself.
16. Platforms of the stations be sealed from all the sides, no one should enter without valid ticket like airports.
17. Cost of loss due to detention to trains must be worked out and reviewed periodically, departments be made aware of the same.
18. New trains are being introduced without proper publicity leading to total loss of earnings for many initial trips.
19. Assets being created must not have long time for locked up capital. RE projects not being utilised for more than 2 years. Also sidings must be electrified simultaneously with the section otherwise change of traction will keep causing detention to freight trains.
20.

सरपंच किसे बनना चाहिए।

rpmwu288
16.11.2019

सरपंच किसे बनना चाहिए। 

#पीलोदा का #सरपंच वह बने जो निम्न बातो को स्टाम्प पर पूरे गांव के सामने लिखकर दे और ईमानदार, शिक्षित, सभ्य व ऊर्जावान युवा हो।
1. शिक्षा - स्कूलों की दशा सुधारवायें।
2. अस्पताल की दशा व संचालन सही करवायें।
3. गांव की रोड़ो की हालत सही करना व गांव के बीच से दोनों ओर मोटरेबल रोड़ बनवायें।
4.पांचना नहर खुलवाने के लिए प्रयास करें।
5. पंचायत के कामों की क्वॉलिटी सही करवायें।
6. बीपीएल की सूची को ईमानदारी से सही करवायें।
7. गांव के स्टेशन पर गाडि़यों के ठहराव के लिए प्रयास करें।
8. गांव से जयपुर के लिए रोड़वेज बस शुरू करवायें।
9. गांव की हर एंट्री पर सुन्दर बोर्ड व हरियाली करवायें।
10. नरेगा कार्यों में ईमानदारी से भुगतान करवायें।
11. बच्चों को पढ़ने के लिए एयरकंडिशन्ड़ पढाई केन्द्र स्थापित करवायें।
12. कोशिश करें कि गांव के हर घर से कम से कम एक व्यक्ति की नियमित आमदनी वाली प्राईवेट नौकरी लग जाये।
13. गांव में और बैंक खुलनाना व एटीएम लगवायें।
14. गांव को आने वाली हर रोड़ को अच्छा बनवायें।
15. गरीब बच्चियों के लिये सामूहिक विवाह का आयोजन करवायें।
16.गांव को अतिक्रमण मुक्त करवायें।
17. नशा खोरी से मुक्ति दिलवायें।
18. गांव को आधुनिक सुविधाओं व तकनीकि युक्त बनवायें।
19.गरीब बच्चे बच्चियो को शिक्षा के लिये सहयोग करवायें।
20.गांव में मीठे पीने के पानी की उपलब्धता के लिये प्रयास करें।

गांव के सरपंच के लिए अजेंडा आईटम।

rpmwu275
23.10.2019

गांव के सरपंच के लिए अजेंडा आईटम। 

1. शिक्षा - स्कूलों की दशा सुधारना।
2. अस्पताल की दशा व संचालन सही कराना।
3. गांव की रोड़ो की हालत सही करना व गांव के बीच से दोनों ओर मोटरेबल रोड़ बनवाना।
4.पांचना नहर खुलवाने के लिए प्रयास करना ।
5. पंचायत के कामों की क्वॉलिटी सही करवाना।
6. बीपीएल की सूची को ईमानदारी से सही करवाना।
7. गांव के स्टेशन पर गाडि़यों के ठहराव के लिए प्रयास करना।
8. गांव से जयपुर के लिए रोड़वेज बस शुरू करवाना।
9. गांव की हर एंट्री पर सुन्दर बोर्ड व हरियाली करना।
10. नरेगा कार्यों में ईमानदारी से भुगतान करवाना।
11. बच्चों को पढ़ने के लिए एयरकंडिशन्ड़ पढाई केन्द्र स्थापित करना।
12. कोशिश करना कि गांव के हर घर से कम से कम एक व्यक्ति की नियमित आमदनी वाली प्राईवेट नौकरी लग जाये।
13. गांव में और बैंक खुलनाना व एटीएम लगवाना।
14. गांव को आने वाली हर रोड़ को अच्छा बनवा देना।
15. गरीब बच्चियों के लिये सामूहिक विवाह का आयोजन करवाना।

सरकारी... इस शब्द की छवि पर निर्भर करता है निजिकरण।

rpmwu273
10.10.2019

सरकारी... इस शब्द की छवि पर निर्भर करता है निजिकरण। 

आजकल कई लोग निजीकरण (प्राईवेटाइजेशन) के विरोध में धरना प्रदर्शन इत्यादि में जुटे हुए हैं और उनका मानना है कि ऐसा करने से सरकारी क्षेत्र की नौकरियां कम हो जाएंगी और आने वाली पीढ़ियों को सरकार में नौकरी लगना बड़ा दुर्लभ हो जाएगा।

वास्तव में हो क्या रहा है जिसके कारण प्राईवेटाइजेशन करना पड़ रहा है? बहुत से कारणों में से एक मुख्य कारण है यह है कि जो भी उत्पाद या सेवायें सरकारी है उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण सरकारी शब्द की इज्जत ही कम हो गई है। कोई व्यक्ति किसी उत्पाद अथवा सेवा के बारे में कहेगा कि सरकारी है इसका मायना यह माना जाता है कि उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी।

अब देखें कि सरकारी उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता कम करने के लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी ही इस शब्द की छवि खराब करने के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है। अभी वास्तव में भी यदि हम ऑफिस या सरकारी उपक्रमों में देखें तो लोग उन्हें दिए गए कार्यों को भलीभांति निष्पादित नहीं करते हैं जिसके कारण कार्यों की गुणवत्ता उच्च स्तर की नहीं बन पाती है। लोगों को लगता है कि निजीकरण या प्राइवेट करने से चीजों की गुणवत्ता में जोरदार सुधार हो जाएगा।

सरकारी एवं प्राइवेट चीजों को वृहद् तौर पर देखें तो प्रधान रूप से निम्नलिखित पता चलता है -
1. सरकारी क्षेत्र में छोटे कर्मचारियों की सैलरी प्राइवेट में कार्य करने वाले कर्मचारियों की अपेक्षा लगभग 3 गुणा अधिक मिलती है। और उन्हें समय पर छुट्टियां, मेडिकल फैसिलिटी, घूमने-फिरने की सुविधाएं इत्यादि मिलती है व जाॅब सेक्योरिटी भी होती है। इन्हीं वजहों से छोटी सेवा करने वाले लोग हमेशा सरकारी नौकरी ही करना चाहते हैं। जब छोटे कर्मचारियों को कम सैलरी मिलेगी तो वे प्राप्त कम वेतन से उनके बच्चों की अच्छी देखरेख व पढाई नहीं करवा पायेंगे। ऐसा होने से देश की आने वाली काफी बड़ी जनसंख्या कमजोर बनेगी और देश के लिए अच्छे नागरिकों की कमी हो जायेगी।

अब तक जितनी भी सरकारें रही है, उनके प्रधानमंत्री से लेकर छोटे से छोटे अधिकारी व कर्मचारियों की सम्मिलित जिम्मेदारी बनती है कि सरकारी कही जाने वाली चीजों की छवि इस प्रकार की खराब बन गई है। आवश्यकता है कि सरकारी शब्द की छवि को सुधारा जाये। जो भी लोग सरकार में कार्य कर रहे हैं उन्हें बहुत अधिक गंभीरता से सोचना होगा कि इस सरकारी शब्द की छवि को कैसे सुधारें? मुझे लगता है कि सरकार के बड़े मंत्री व अधिकारी कार्य में यदि ईमानदारी, स्किल, नॉलेज व खराब को खराब कहने की ताकत रखगें तो चीजें सुधर सकती है अन्यथा सरकारी(खराब) से प्राईवेट (बेहतर) की परिवर्तन को रोक पाना बहुत मुश्किल है। अत:  सरकार को चाहिए कि सरकार के "की" पदों पर केवल और केवल योग्य व कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तियों को ही पोस्ट करें। सभी को खुश करने की जगह जिन लोगों को अच्छा अनुभव हो और जिनका अच्छा सेवा रिकॉर्ड रहा है उनको ही "की"पदों पर लगाया जाए ताकि ऐसे लोग वास्तव में आॅर्गनाईजेशन का भला कर सके।
33 वर्ष की अधिकतम सेवा या 60 वर्ष की अायु पर सरकारी लोगों को सेवानिवृत्ति दे देनी चाहिए। क्योंकि जैसे-जैसे व्यक्ति की सेवा बढ़ती जाती है वह निर्णय लेने व कार्य करने की गति को धीमा कर देता है और अपने सेवानिवृत्ति के छोर पर आते समय लोगों से विभिन्न प्रकार के संबंध स्थापित करने की फिराक रहता है। साथ ही वह ऐसे निर्णय नहीं लेता है जिससे कि काम नहीं करने वाले लोगों को खराब लगे। वह सामान्यतः सभी को प्रसन्न रखना चाहता है, ताकि शांति बनी रहे।  इसी प्रकार जो भी अधिकारी या कर्मचारी उन्हें दिए गए कार्य को भलीभांति निष्पादित नहीं करता है तो ऐसे लोगों को सेवा से हटाते समय कतई संकोच नहीं करना चाहिए।
2. प्राइवेटाइजेशन करने से पहले सरकार की चीजों को सही करने का भरसक प्रयत्न किया जाए ताकि चीजें सरकार के नियंत्रण में रहकर अच्छी गुणवत्ता की बन सके।

3.  प्राइवेट सेक्टर में छोटी सेवा करने वाले लोगों का शोषण को बंद किया जाना चाहिए। उन्हें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करवाया जाए और साथ ही इपीएफ और ईएसआई इत्यादि के प्रावधानों की अनुपालना करवाई जाये।

#Building_Brand_Meena

rpmwu272
10.10.2019

#Building_Brand_Meena

मीना समाज के एक सक्सेसफुल शेफ भाई #उमेश_मीना का #पोर्ट_ऑफ_स्पेन , #ट्रिनिडाड में खुद का रेस्ट्रोरेंट एवं बार हैं। जिसका नाम उन्होनें बड़े गर्व से "#THE_MEENA_HOUSE" रख कर समाज की ब्रांड वैल्यू बढ़ाई है। #शाहरूख_खान ने भी इस रेस्ट्रोरेंट की विजिट की है।

इस बात को देखकर सभी को बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हमारा एक भाई विदेश में हमारे समाज का #नाम_रोशन कर रहा है। इस #सफलता से निम्नलिखित #सीख लेनी चाहिए -
यदि व्यक्ति अपने कार्य में #अच्छी_स्किल_डेवलप कर लेता है तो वह बहुत अधिक सफल हो सकता है। साथ ही स्किल डेवलप करके नौकरी करने की बजाय उसे #बिजनेस में परिवर्तित करें तो वह का ज्यादा बेहतर है। ऐसा करने से स्वयं व समाज की #ब्रांड_वैल्यू एस्टेबलिश होती है।

जो लोग प्राइवेट अथवा सरकारी कार्य करते हैं उन्हें #प्रतिदिन यह सोचना चाहिए कि मैं कैसे जीवन में अपनी #स्किल्स को #बेहतर बना कर आगे बढ़ सकता हूं? उन्हें एक #टारगेट के रूप में #आगे_बढ़ने की #तमन्ना मन में विकसित करनी चाहिए और जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें बेस्ट स्किल डेवलप करें और जीवन में आगे बढ़ने का #लक्ष्य तय करें।

उदाहरणार्थ #मजदूरी का साधारण कार्य करने वाला व्यक्ति यदि यह तय कर लेता है कि उसे #कारीगर बनना है तो कुछ समय बाद वह अवश्य ही कारीगर बन जाएगा अन्यथा पूरे जीवन भर एक #बेलदार का जीवन जीता रहेगा।  इसी प्रकार जो भी पढ़ेलिखे भाई यदि ग्रुप डी में सरकारी सेवा में भर्ती हुए हैं उन्हें उनके कार्य को अच्छा करते हुए अध्ययन भी करना चाहिए और दूसरी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर बेहतर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं अथवा जल्दी प्रमोशन के चैनलों  (LDCE, GDCE इत्यादि) के माध्यम से वे त्वरित पदोन्नति प्राप्त कर आगे बढ़ सकते हैं।

Develop your #skills, turn it into #business and be #successful with the #brand "#Meena".

रघुवीर प्रसाद मीना

चीज एक - विभिन्न भाषाओं में शब्द अनेक।

rpmwu268
24.09.2019

चीज एक - विभिन्न भाषाओं में शब्द अनेक। 

एक ही वस्तु को अलग अलग भाषाओं में भिन्न भिन्न शब्दों से पुकारा जाता है। समस्त संसार में लगभग 10000 भाषायें है तो उदाहरणार्थ पानी, पृथ्वी, आकाश, अग्नि व वायु जैसी सर्वव्यापी महत्वपूर्ण चीजों को भी इन भाषाओं में अलग अलग शब्दों से उच्चारित किया जाता है।

इसी प्रकार विभिन्न धर्मों के लोग नैतिकता को भी अलग अलग तरह से सम्बोधित करते हैं जबकि मतलब सबका एक ही है।

#प्रताप_नगर_बालिका_छात्रावास_में _आर्थिक_रूप_से_कमजोर_छात्राओं_का_एडमिशन_व_अन्य_महत्वपूर्ण_मुद्दे

rpmwu265
16.08.2019

#प्रताप_नगर_बालिका_छात्रावास_में_आर्थिक_रूप_से_कमजोर_छात्राओं_का_एडमिशन_व_अन्य_महत्वपूर्ण_मुद्दे

प्रताप नगर बालिका छात्रावास के संबंध में सोशल मीडिया पर काफी वहस छिड़ी हुई जिनमें मुख्य रूप से निम्न दो बातें है -
1.मासिक चार्जेज कम की जाए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं हॉस्टल में एडमिशन ले सके।
2. हॉस्टल में नियुक्त वार्डन श्रीमती माथुर को हटाकर मीना समाज की किसी महिला को वार्डन बनाया जाये।
उक्त दोनों मुद्दों पर वास्तव में समाधान के नजरिए से देखा जाए तो निम्न समाधान संभव है -

1. यह बिल्कुल सत्य बात है कि हॉस्टल बनाने की परिकल्पना ऐसी छात्राओं के लिए है जिनके मां बाप गांव में रहते हैं या छोटे शहरों में रहते हैं और जयपुर में उनके घर नहीं है एवं वे आर्थिक रूप से कमजोर है।  ₹4000 की मासिक फीस तथा आने जाने के किराए की राशि को जोड़ने के बाद यह राशि थोड़ी ज्यादा ही प्रतित होती है। परंतु जिस संस्था ने हॉस्टल बनाया है उसकी भी मजबूरी है कि उनके पास समुचित मात्रा में अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध नहीं होने के कारण वह इस फीस को सब्सिडाइज नहीं कर पाएंगी ।  ऐसी परिस्थिति में निम्न दो उपाय संभव है -
#प्रथम : समाज के सभी सक्षम लोग आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की आर्थिक मदद करके उनकी फीस को सब्सिडाइज करें और इस संबंध में मैंने स्वयं ने एक वर्ष के लिए एक छात्रा को रू. 1000/- प्रतिमाह देने की बात कही है और कम से कम 4 और समाजसेवी महानुभावों से सहयोग प्रदान करवाने का प्रयास करूंगा। सोशल मीडिया पर एक मुहिम प्रारंभ करके लोगों से फीडबैक लिया गया है जो कि बहुत ज्यादा सकारात्मक है। अतः मुझे लगता है कि जो भी आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं है और वे हॉस्टल में प्रवेश लेना चाहती है उन्हें कम से कम ₹1000 प्रतिमाह की राशि का आर्थिक सहयोग समाजसेवियों से मिल जाएगा और यदि छात्रा ज्यादा ही आर्थिक रूप से कमजोर है उनके लिए यह राशि और अधिक भी बढ़ाई जा सकेगी। मुझे हमारे समाज के समाज सेवी भाव रखने वाले भाई-बहनों पर पूरा विश्वास है कि वह आवश्यकता पड़ने पर इस मुहिम में जरूरत से ज्यादा सहयोग प्रदान करेंगे। #दूसरी बात हॉस्टल तक आने जाने के लिए जो सिटी बसें है उनकी फ्रीक्वेंसी सरकार के सहयोग से और अधिक बढ़ाई जा सकती है। ऐसा करने के लिए श्री लक्ष्मण मीना जी से निवेदन करेंगे कि सरकार की ओर से और अधिक संख्या में बसें आसपास के रूट से आने जाने लगे।

2.. #वार्डन : जब हॉस्टल प्रारंभ किया गया था उस समय भी संस्था के सदस्यों के मन में यह विचार था कि इस हॉस्टल में वार्डन हमारे समुदाय की महिला ही होनी चाहिए। परंतु उस समय उपयुक्त महिला के आगे नहीं आने के कारण जो सबसे बेस्ट ऑप्शन लगा उसे वार्डन रख लिया गया। और उस वार्डन ने हॉस्टल के संचालन की शुरुआत करने के लिए बहुत मेहनत की है। केवल इस बात के आधार पर कि वह मीना नहीं है और कुछ लोगों ने अब केवल इस मुद्दे पर ही यह डिमांड की है। ऐसी स्थिति में उसे हटाया जाना उचित नहीं रहेगा। फिर भी जब भी भविष्य में किसी ठोस कारण आयेगा या उसका टेन्योर पूरा होगा तो कोशिश की जाएगी कि हॉस्टल में वार्डन हमारे समाज की ही उपयुक्त महिला बने।  छात्राओं की संख्या बढ़ने पर सहायक वार्डन भी रखी जाएगी। अतः मेरा सुझाव है जो भी महिलाएं  इस कार्य के लिए आगे आना चाहती है कृपया हॉस्टल संचालन समिति के संपर्क में रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सूचित किया जा सके।

उक्त विवेचना के मद्देनजर मुझे नहीं लगता है अब लोगों को हॉस्टल के संचालन के संबंध में अनावश्यक टिप्पणियां करनी चाहिए। यदि लोग अब भी टिप्पणी करते हैं तो यह मान लीजिए कि उनका उद्देश्य हॉस्टल संचालन को बेहतर करना नहीं बल्कि कुछ और छुपा हुआ उद्देश्य है।
मेरा सभी से  विनम्र निवेदन है कि अपने अपने गांव या जानकारी में ऐसी छात्राओं को आईडेंटिफाई करें जो पढ़ने में अच्छी है और आर्थिक कारणों से जयपुर में रहने में परेशानी है उन्हें हॉस्टल में प्रवेश दिलाएं और हमें सूचित करें ताकि ऐसी छात्राओं को कम से कम ₹1000 प्रतिमाह का आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा सके।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं के निर्धारण हेतु निम्नलिखित मापदंड हो सकते हैं-
अ) छात्रा के मां बाप इनकम टैक्स पेयी नहीं नहीं हो।
ब) छात्रा के पिता या भाई या अविवाहित बहन सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं हो।
स) छात्रा के पिता का स्वर्गवास हो गया हो और उसके भाई-बहन छोटे हो।
द) छात्रा वास्तविक बीपीएल परिवार से हो।
कृपया आप इस क्रम और क्राईटेरिया सजेस्ट कर सकते हैं।

रघुवीर प्रसाद मीना

समाज की एक बड़ी समस्या : सकारात्मक लोग चुप रहते हैं और नकारात्मक लोग जरूरत से ज्यादा टिप्पणी करते हैं।

rpmwu264
16.08.2019

#समाज की एक बड़ी समस्या : सकारात्मक लोग चुप रहते हैं और नकारात्मक लोग जरूरत से ज्यादा टिप्पणी करते हैं।

मैंने कल एक पोस्ट डाली थी जिसमें मूल रूप से लिखा था कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं  की फीस को सब्सिडाइज करने के लिए मैं स्वयं एक छात्रा को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करूंगा और कोशिश करूंगा कि 4 और लोगों से इस प्रकार की सहायता करवा दूं। उसी पोस्ट में मैंने हॉस्टल के संचालन से संबंधित विभिन्न खर्चों का जो ब्यौरा मेरे पास उपलब्ध था वह भी संलग्न किया था। 

इस पोस्ट पर कुछ सकारात्मक लोगों ने कहा कि हाँ हम भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों को सहायता प्रदान करेंगे। लेकिन उसके बाद बहुत से ऐसे लोगों के काॅमेंटस् की लड़ी लग गई जो बिना हाॅस्टल को देखे उनकी बात रख रहे हैं कि हॉस्टल कैसे संचालित होना चाहिए? वास्तव में AC नहीं लगे हुए है फिर भी यह कहना कि कमरों में AC लगे हुए हैं, ड्यूटी अवर्स को बिना जाने कह रहे हैं कि महिला एवं पुरुष गार्डों की सैलरी में भारी अंतर है, नीम के पेड़ के नीचे पढ़ाया जा सकता है, बिजली का बिल बहुत अधिक है इत्यादि इत्यादि। ऐसे लोग अनेक प्रकार की खामियां निकालने में माहिर हैं और आर्थिक सहयोग की बातें  बिलकुल नहीं करते हैं। 

समाज की समस्या ही यह है कि जिन लोगों की नकारात्मक सोच है वे ज्यादा कमेंट करते हैं और जो लोग सकारात्मक है वे केवल चीजों को देखते हैं और अपनी बात नहीं रखते है।

अतः सभी सकारात्मक सोच वाले लोगों से अनुरोध है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपनी बातें रखें ताकि सकारात्मक माहौल बने और चीजें उन्नति की ओर अग्रसर हो। 

रघुवीर प्रसाद मीना 

प्रतापनगर बालिका छात्रावास और संस्था

rpmwu263
16.08.2019

प्रतापनगर बालिका छात्रावास और संस्था 

यह एकदम सही बात है की प्रताप नगर बालिका छात्रावास "अखिल भारतीय श्री मीना सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था" की प्रॉपर्टी है। परंतु इसके साथ साथ यह भी उतना ही सही है कि समाज का हर व्यक्ति इस संस्था का सदस्य बन सकता है और संस्था के संचालन में भागीदारी निभा सकता है। संस्था की प्रॉपर्टी की बात को गलत तरीके से इतना उछालना मेरे हिसाब से कोई समझदारी नहीं है।
अब बात आती है की हॉस्टल निर्माण में इतना खर्च नहीं करके पैसे बचाने चाहिए थे और उनसे संचालन में मदद करना चाहिए थी। मैं आपको बताऊं कि यह हॉस्टल केवल दो ही मंजिल का बनाया जा रहा था और संस्था के अधिकतर सदस्य नहीं चाह रहे थे कि हॉस्टल में और तीसरी मंजिल बने क्योंकि फंड की कमी थी। परंतु मैंने और श्री कुंजीलाल मीना जी ने इस विषय में यह सोचा कि जब हॉस्टल बन ही रहा है जिसकी नींव जी+4 मंजिल हेतु उपयुक्त है तो उसमें कम से कम तीन मंजिल तो बनाई जाए ताकि एक अच्छी कैपेसिटी विकसित हो जाये क्योंकि जो पैसे नींव में लगने थे वे तो लग ही चुके थे। इसी भावना से इस हॉस्टल की तीसरी मंजिल बनाई गई ताकि हॉस्टल की कैपेसिटी ठीक-ठाक बन जाए। हॉस्टल में किसी भी प्रकार से अनावश्यक खर्चा नहीं किया गया है। जितना संभव हो सकता था अच्छे से अच्छे प्रयत्नों के साथ कम से कम खर्चे में हाॅस्टल का निर्माण करवाया गया। जहां से भी बचत संभव हो सकती थी जानकारियों के लाभ के माध्यम से कम से कम कीमत में बिल्डिंग मटेरियल लिया गया एवं अच्छे कंम्पटिशन के बाद बनाने वाले लोगों को ठेका दिया गया ताकि कम से कम लागत में हॉस्टल का निर्माण हो और उसकी कैपेसिटी बढ़ जाए। बिना तथ्यों को समझें इस प्रकार पब्लिक में टिप्पणी करना मुझे लगता है ठीक नहीं है।
अब बात रही कि इस हॉस्टल में केवल आदिवासी छात्राएं ही रहनी चाहिए एवं फीस भी कम है और वार्डन भी हमारे समाज की होनी चाहिए। मैं और समिति के सदस्य व्यक्तिगत रूप से इन तीनों चीजों से सहमत रहे है। परन्तु जब वार्डन सिलेक्शन की बात थी तो मैं भी उस समय वहां मौजूद था और सिलेक्शन कमिटी का पार्ट था परंतु देखा गया कि हमारे समाज की महिलाएं वार्डन का काम करने के लिए या तो आगे नहीं आई और जो आगे आई थी वे वास्तव में वार्डन के काम को सम्भालने के लिए योग्य नहीं थी। हॉस्टल के संचालन के लिए सैलरी को देखते हुए जो भी सबसे अच्छा ऑप्शन लगा उसका निर्णय भी काफी दिनों तक इंतजार करने के बाद लिया गया। बीच में मैंने स्वयं ने सोशल मीडिया पर भी लिखा था कि यदि हमारे समाज की कोई महिला वार्डन का कार्य देखना चाहे तो वह अवश्य आगे आये लेकिन उस समय कोई आगे नहीं आयी।
फीस की अगर बात की जाए तो हॉस्टल में वार्डन, सपोर्ट स्टाफ, चौकीदार, गार्डन रखरखाव, बिजली का बिल, साफ सफाई व सामान्य मरम्मत इत्यादि पर प्रतिमाह लगभग 1,18, 500/- रुपए का खर्च है। जिसमें वार्डन की सैलरी मात्र 10500/- प्रति माह ही है। यह खर्चा तो हर माह करना ही होगा, इसके लिए मासिक फीस 1500/-  रुपए प्रति छात्रा रखी गई है जो कि अधिक नहीं है। इसी प्रकार मेस के चार्जेस यदि देखें जाए तो प्रतिदिन के हिसाब से ₹83 आते हैं जोकि चार वक्त के खाने व नास्ते/स्नेक्स के लिए अधिक नहीं है।
उक्त सभी के मद्देनजर फीस को कम करने के लिए क्या तरीके हो सकते हैं आप बताएं?
मेरे अनुसार तो यदि हॉस्टल के संचालन का स्टैंडर्ड अच्छा रखना है तो हमें सक्षम लोगों से आर्थिक सहयोग लेने और बच्चियों की फीस को सब्सिडाइज करने के अलावा और कोई विकल्प नजर नहीं आता है। फिर भी आप देखें और सोचें की क्या बेहतर हो सकता है जिससे कि हॉस्टल अच्छी तरह से संचालित हो सके और उसमें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों का एडमिशन हो सके व वहां रहने वाली छात्राएं आगे बढ़े और समाज का नाम रोशन करें।

प्रतापनगर_बालिका_छात्रावास

rpmwu262
16.08.2019

#प्रतापनगर_बालिका_छात्रावास

प्रतापनगर बालिका छात्रावास के सम्बन्ध में फेसबुक के माध्यम से जो पोस्टें आई है और उनमें मैंने जो समझा है वे निम्नलिखित मुद्दे है -
1. चाहे सीटें खाली रहे, केवल आदिवासी छात्राओं को ही एडमिशन दिया जाए । 
2. हाॅस्टल की फीस कम की जाये ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं आसानी से एडमिशन ले सके। 
3. हाॅस्टल में मीना वार्डन व स्टाफ रहे।
4. जिन चीजों का ठेका दिया जाता है उन्हें भी मीनाओं को दिया जाये।
कुछ लोग संस्था के सदस्यों के प्रयासों को एकदम दरकिनार करके उनके लिए कुछ भी आपत्तिजनक लिखने में नहीं चूक रहे हैं। जिसने आजतक हाॅस्टल जाकर भी नहीं देखा व समर्थ होते हुए भी कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया या जिन्होंने सहयोग के लिए कमिटमेंट किया एवं फिर सहयोग नहीं दिया न दिलवाया वे सभी भी बेवाक टिप्पणी कर रहे है। हर स्तर पर दिखाने का प्रयत्न कर रहे है कि वे ही वास्तव में गरीब के हितकारी है। ऐसे सभी लोगों का ध्यान निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलूओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूं - 
1. संस्था ने अपना ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा बनाये रखा व कार्यकारिणी के सदस्यों की जानकारी और अच्छे व्यवहार की वजह से काफी मंहगी जमीन बहुत कीमत पर राजस्थान आवासन मंड़ल से भूमि आवंटित करवाई।
2. संस्था की कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने हाॅस्टल निर्माण हेतु एक एक लाख रू. की सहयोग राशि प्रदान की है ॥
3. संस्था के सभी सदस्यों ने अपनी व्यक्तिगत जानकरी का प्रयोग करते हुए निर्माण हेतु धनराशि इकठ्ठी करवाई है।
4. निर्माण के दौरान संस्था के कई सदस्यों ने इसे व्यक्तिगत कार्य से भी ज्यादा मानकर इसको समय दिया।
5. संस्था ने और स्थानों पर भी अनेकों समाजहित के कार्य करवायें है और करवा भी रही है।

मैं संस्था के सभी सदस्यों व हाॅस्टल निर्माण में सहयोग कर्ताओं को इस हाॅस्टल के निर्माण व संचालन की शुरुआत करने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। साथ ही सभी से अनुरोध करता हूं कि संस्था द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में समझे, उन पर विचार करे व अनावश्यक टिप्पणी नहीं करे। 
अब बात है कि सोशल मीडिया पर हाॅस्टल संचालन व एडमिशन के सम्बन्ध में उठाये जा रहे मुद्दों पर क्या किया जाएं - 
मैं स्वयं एवं कार्यकारिणी के अधिकतर सदस्य भी सोशल मीडिया पर उठाये गये उक्त सभी पहलुओं से बिलकुल सहमत है। परन्तु हाॅस्टल का अच्छा संचालन भी जरूरी है, इससे आप सभी सहमत होगें। हाॅस्टल संचालन के लिए जो न्यूनतम खर्चे है वे करने ही होगें। संस्था के पास इतना फंड नहीं है कि फीस को कम करके हाॅस्टल को संचालित कर सके।
कृपया सोच समझ कर सुझाव दे कि उक्त पहलूओं के अनुसार हाॅस्टल संचालित करने के लिए क्या करें? आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों को एडमिशन मिले, उसके लिए यदि फीस कम करनी है तो आर्थिक सहयोग कहां से मिल पायेगा?
मैं अभी हुबली में हूं एवं सम्भवत 1 सितम्बर को जयपुर आऊंगा तब एक मिटिंग रखी जा सकती है ताकि आमने सामने बैठकर इस विषय में सार्थक चर्चा हो सके।
रघुवीर प्रसाद मीना 

केवल जातिवाद की बातें करना व कट्टरता रखना समाज हित में नहीं है।

rpmwu261
16.08.2019

#केवल_जातिवाद_की_बातें_करना_व_कट्टरता_रखना_समाज_हित_में_नहीं_है

जब मैं हमारे गांव पीलोदा में 8 वीं कक्षा तक पढ़ता था तो समझता था की पूरी दुनिया में #मीना सबसे #शक्तिशाली जाती है। और दूसरी जातियों को हम कुछ भी नहीं समझते थे क्योंकि वहां रहने वाले दूसरे लोगों की जीवनचर्या मीनाओं के ऊपर ही निर्भर होती थी। उसके बाद जब गंगापुर सिटी में आए तो दूसरे के घर में किराए से कमरे लेकर रहना पड़ता था तब पता चला कि बनिया बामणों की स्थिति मीनाओं की स्थिति से ज्यादा अच्छी है। फिर उसके पश्चात जयपुर में पढ़ने आए तब लगने लगा कि जाट और राजपूत की मीनाओं से भी अधिक चलती है। उसके बाद इलाहाबाद, दिल्ली व जमालपुर पढ़ने गए तो पता चला कि लोग मीनाओं के बारे में ज्यादा नहीं जानते है। उसके बाद जब ट्रेनिंग व पोस्टिंग इत्यादि में मुंबई, बेंगलुरु, चैन्नई इत्यादि गए तो पता चला कि कई लोग पूछते थे कि मीना लड़का होता है या लड़की? और जब मैं सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया व  रूस गया तो पता चला कि वहां लोग मीनाओं को जानते ही नहीं है।
उक्त संपूर्ण #वृतांत से मैं केवल यह बताना चाहता हूं कि व्यक्ति जिस वातावरण में रह रहा है वह उसके हिसाब से ही चीजों को सही समझता है। जो व्यक्ति गांव में रहता है वह सोचता है कि मीना ही सबसे शक्तिशाली जाति है और व्यक्ति जैसे जैसे आगे बढ़ता, विकसित होता है उसको लगने लगता है की दूसरे लोग भी है जो मीनाओं से विकसित व ताकतवर है एवं उनके बिना हमारा काम नहीं चलता है। लेकिन जो व्यक्ति गांव में रहता है हो सकता है उसका काम दूसरी जाति व समाज के लोगों के बिना चल जाए, हालाँकि मुश्किल है। परन्तु जो लोग नौकरी व बिजनेस करते हैं और शहरों में रहते हैं वे अपने आप से पूछे कि क्या उन्होंने कभी जिंदगी में दूसरी जाति के लोगों से सहायता नहीं ली या आने वाले समय में पूरे जीवन में दूसरे समाज के लोगों से सहायता नहीं लेंगे? मुझे लगता है कि हर समझदार व्यक्ति का इस प्रश्न का उत्तर नकारात्मक ही होगा। यथार्थ में वह स्वयं दूसरे समाज के लोगों को सहायता देता है और #दूसरों_से_सहायता लेता भी है, ऐसा करने के बिना काम ही नहीं चल सकता है।
जो लोग कहते हैं कि हमें केवल मीनाओं की बात करनी चाहिए, उनका भी बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि हो सकता है उनके जीवन का अनुभव उसी प्रकार का रहा हो। परंतु यथार्थ यह है कि हमें दूसरे लोगों से भी काम पड़ता है और हम दूसरे लोगों के भी काम आते हैं। मेरे पास हर रोज अक्सर लोग अनुरोध करते है कि फलां जगह फलां अधिकारी है आप उसको कह दो वह मेरे बेटे या बेटी का काम कर देगा। और हम दूसरी जाति या समाज के अधिकारियों से #सहायता करने के लिए कहते भी है व अक्सर काम होता भी है। और सभी लोगों का ऐसा ही अनुभव होगा।
अतः सभी मित्रों से कहना चाहता हूं कि हमें जातिवाद को कट्टरता जो कि नकारात्मक पहलू है कि ओर नहीं ले जाना चाहिये। #जाति_उत्थान की बात करनी चाहिए जो कि दूसरे समाजों के साथ #मिलने_जुलने से ही संभव है। दूसरों से घृणा से नहीं। यदि कोई व्यक्ति सोचे कि वह केवल अपने समाज के बलबूते विकसित हो जाएगा तो यह उसकी भूल है और ऐसा करने से समाज को केवल और केवल नुकसान ही होगा।
हमें आवश्यकता है कि हम #अच्छा_काम करें और #अच्छा_व्यवहार रखें और दूसरे समाज के लोगों की बेवजह इंसल्ट नहीं करें और हम भी दूसरों के काम आए और दूसरे भी हमारे काम आए ऐसी विचारधारा विकसित करते हुए समाज की #ब्रांड_वैल्यू को ऊंचा करने के हर संभव प्रयास किए जाएं। 
एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि अमर्यादित व असंसदीय भाषा का प्रयोग व्यक्ति के स्वयं की पर्सनैलिटी को नकारात्मक प्रदर्शित करती है। अतः ऐसी भाषा से बचें और यदि अापके विचार नहीं मिल रहे हो और आप विरोध प्रकट करना चा रहे हैं तो अवश्य प्रकट करें परंतु भाषा को #संयमित रखें, यही आपके #सभ्य होने की निशानी है।
रघुवीर प्रसाद मीना

जातिवाद_नकारात्मक_कट्टरता_से_बचे।

rpmwu260
16.08.2019

#जातिवाद_नकारात्मक_कट्टरता_से_बचे।

मैं स्वयं और समिति के अधिकांश सदस्य भी यही चाहते हैं कि प्रताप नगर बालिका छात्रावास में  केवल आदिवासी बालिकाएं ही रहे एवं  कार्य करने वाला हर स्टाफ भी आदिवासी हो। परंतु प्रताप नगर छात्रावास में, सभी को कई बार बताने के बावजूद भी, जब हमारे समुदाय कि कोई उपयुक्त महिला वार्डन के लिए नहीं मिली तो समिति ने एक दूसरे समाज की महिला को हॉस्टल संचालन हेतु वार्डन रखने एवं इसी प्रकार हाॅस्टल में सीटें रिक्त रहने पर यदि दूसरे समाज की बालिकाओं को जगह देने के विचार करने पर इतनी आपत्ति हो रही है, यह समझ से परे है।
हम सभी लोग अक्सर कहते हैं कि जातिवाद सही नहीं है। यदि हम लोग इसी प्रकार जातिवाद के आधार पर अंध कट्टर बनेंगे तो हमारे समाज का कभी भला नहीं होने वाला। इतिहास में भी आप देख सकते हैं कि जो भी लोग जाति या धर्म के प्रति कट्टर रहते हैं वे कभी भी उपर नहीं उठ पाये।
सामान्य जीवन में हमें सभी को साथ लेकर चलना पड़ेगा और यदि हम इतना ज्यादा दूसरे लोगों का विरोध करेंगे तो हमारे लोगों का भी दूसरे लोग मौका पड़ने पर विरोध करेंगे। और जिसकी वजह से हम कभी भी दूसरे लोगों द्वारा स्वीकार नहीं हो पाएंगे।
इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है की जातिगत कट्टरता को बढ़ावा ना दें और यदि हम हमारे लोगों को विभिन्न मसलों में सपोर्ट करते हैं यह अच्छी बात है परंतु दूसरों के प्रति नकारात्मक कट्टरता रखना सही नहीं है वल्कि हानिकारक है।
जो लोग यह कह रहे हैं की इसमें केवल हमारे समाज के लोगों का ही योगदान है उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि यदि दूसरे समाज के लोगों का योगदान नहीं होता तो हाउसिंग बोर्ड द्वारा यह भूमि किसी कीमत पर आवंटित नहीं होती। इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है कि अनावश्यक दूसरे समाजों को नहीं कोसे।
हालाँकि जितने फीडबैक मिले हैं उनके बारे में कार्यसमिति की अगली बैठक में चर्चा की जायेगी।
रघुवीर प्रसाद मीना

आदिवासी रेल परिवार - सम्पूर्ण भारतीय रेल

rpmwu259
16.08.2019

आदिवासी रेल परिवार - सम्पूर्ण भारतीय रेल

भारतीय रेल हमारे देश में सरकारी क्षेत्र में डायरेक्ट व इनडायरेक्ट जाॅब मुहैया कराने वाली सबसे बड़ी सरकारी ऑर्गेनाइजेशन है। आदिवासी समुदाय के लोग सरकारी जॉब को प्राइवेट बिजनेस या प्राइवेट जॉब की अपेक्षा ज्यादा महत्व देते हैं। तदनुसार रेलवे में उनकी संख्या अन्य विभागों की अपेक्षा काफी अधिक है। भारतीय रेल संपूर्ण देश में अधिकांश राज्यों एवं यूनियन टेरिटरीज् को रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ती है। हर स्थान पर रेलवे के कर्मी कार्यरत रहते हैं जिनमें आदिवासी समुदाय के कर्मी भी शामिल होते हैं। भारतीय रेल में पहले से ही आॅल इंडिया एससी एसटी रेलवे एम्पलाइज एसोसिएशन बना हुआ है और वह अपना कार्य करता है। आदिवासी समुदाय के लोग जहां पर भी होते हैं एक दूसरे से अंतर्मन से जुड़े होने के कारण एक दूसरे की मदद करते हैं और परेशानी इत्यादि आने पर समाधान करने का हरसंभव प्रयत्न करते हैं। जब नई भर्तियां होती है तो सभी ने देखा कि परीक्षार्थियों एवं जिन बच्चों का सलेक्शन हो जाता है उनके मेडिकल या फिजिकल फिटनेस टेस्ट के दौरान उनको रहने, खाने व दिशा निर्देश देने इत्यादि से संबंधित सभी प्रकार की सहायता करने की हर स्तर पर प्रयास किये जाते हैं। जॉब लगने के पश्चात भी उन्हें जब कोई परेशानी होती है तो आदिवासी समुदाय के लोगों से बात करना और उनसे सहायता प्राप्त करना आसान लगता हैं और उसी के अनुसार वे उनके पास अपेक्षा रखते हुए अपनी समस्याएं बताते हैं। यह प्रकट करते बड़ी प्रसन्नता है कि अधिकतर लोग एक दूसरे की मदद करते हैं।
मुझे लगता है कि अब वक्त है कि आदिवासी रेल परिवार को एक व्यवस्थित ढंग से आॅर्गनाईज कर लिया जाए ताकि एक दूसरे की मदद करने की ताकत मजबूत होगी व संगठन होने के अनेक लाभ होते ही हैं।
संगठन : इस संस्था का ढांचा मूल रूप से रेलवे के ऑर्गनाइजेशनल ढांचे जैसे अपेक्स बाॅड़ी, जोनल रेलवेज्, प्रोडक्शन यूनिट्स व मंडलों में विभक्त किया जा सकता हैं। सभी स्थानों पर जो संगठन होंगे वे एक दूसरे से रेलवे के स्ट्रक्चर की तरह ही जुड़े होगें। एक्जिक्यूटिव कमिटी का निर्माण लोकतांत्रिक तरीके से होगा।
एक्जीक्यूटिव कमिटी : 1. अध्यक्ष (एक) 2. उपाध्यक्ष (साधारणतया 1 व अधिकतम 3) 3. महासचिव (एक) 4. कोषाध्यक्ष (एक) 5. संयुक्त सचिव (दो) 6. एक्जीक्यूटिव मेंम्बर्स (साधारणतया 5 व अधिकतम 9)।
सदस्यता - सेवारत व सेवानिवृत्त आदिवासी रेलकर्मी (अधिकारी व कर्मचारी) तथा रेलवे से जुड़े हुए अन्य आदिवासी यथा पहले रेल सेवा करने वाले, कुली, वेन्डर, ठेकेदार, ठेके पर कार्य करने वाले कर्मी अथवा जो भी आदिवासी व्यक्ति रेलवे या रेलवे कर्मियों से संबंध रखना चाहता है, वे सब इस संस्था के अर्थात "आदिवासी रेल परिवार" के सदस्य बन सकते हैं। सदस्यता फी सालाना एवं लाईफटाईम दोनों प्रकार की ही होंगी। मासिक रू. 100/- के अनुसार सालाना फी रू. 1200/- रखी जा सकती है और लाईफटाईम रू. 11000 हो सकती है। सभी मंडल यूनिटों से 25% राशी जोनल बाॅड़ी के लिए व 15% राशी अपेक्स बाॅड़ी के लिए जायेगी। शेष 60% उनके स्वयं के लिए होगी।
उद्देश्य : 1. आदिवासी रेल कर्मियों में भाईचारे व एकदूसरे के उत्थान की भावना को सूदृढ़ करना।
2. आदिवासी रेल कर्मियों को अच्छी गुणवत्ता का कार्य करने व स्वयं और दूसरों की स्किल बढ़ाने हेतु प्रेरित कर आदिवासियों की" ब्रांड वैल्यू " बढ़ाना।
3. दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के मन में रेलवे के प्रति आकर्षण पैदा करना।
4.  रेलवे के साथ प्राइवेट कार्य करने वाले आदिवासी व्यक्तियों के मन में एक सहयोग की भावना जागृत करना ताकि ऐसे लोगों की संख्या अधिक से अधिक बढ़े।
5. अन्य विभागों में कार्यरत आदिवासी कर्मियों व आदिवासी प्राईवेट व्यक्तियों के साथ तालमेल बिठाकर आदिवासियों के हितों की बात करना।
6. पर्यावरण संरक्षण व कमजोर वर्गों के हितों हेतु समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके जागृति फैलाना।
7. आदिवासियों में शिक्षा को बढ़ावा देना और उन्हें उन्नति से रोकने वाले धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण और रिति रिवाजों से दूर रहने हेतु जागृत करना।
8.  आदिवासियों के हितों के लिए बनाई गई सरकारी नीतियों व योजनाओं का अध्ययन कर उनकी जानकारी देना ताकि आदिवासी क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं सफल हो सके।
9.  रेलवे में कार्यरत या रेलवे से जुड़ी हुई बड़ी कंपनियों को आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासियों के कल्याण हेतु कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना।
10. आदिवासियों के हितों के लिए सरकारी नीतियों को प्रभावित करने के लिए कार्य योजना व जागृति।
उक्त प्रकार सोची गई संस्था का राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। आप सभी से अनुरोध है कि जो भी इस संस्था से जुड़ना चाहता है वे कृपया अपना मत व सूझाव व्यक्त करें। साथ ही अपना नाम, पदनाम, पोस्टिंग का स्थान, मोबाइल न. इत्यादि संलग्न गूगल फॉर्म के माध्यम से मुहैया कराएं।
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSey1I9sPL2BoMXEfEI_P1XI5dSbWk56l8p9OKSy5xMneuGItw/viewform
धन्यवाद
रघुवीर प्रसाद मीना

Points for public speaking : IDWIP 2019

rpmwu254
09.08.2019

1. Opening & thanks
2. Not to go back and look forward, not backwards like old traditions etc.
3. Small mind, medium mind, great mind
4. Inspiration from Ambedkar
5. Post is an opportunity
6. Geography & History
7. All are right... Village, Ggc, JP, Mumbai, Singapore, America... different thinking
8. Make things happen
9. Assume ownership
10. Do not insult
11. Vani_seat_pani
12. See things from other person's view point
13. Political awareness... Key of 100 locks
14. Respect seniors and protect juniors
15. Always maintain dignity... behaviour must be good.
16. Give advice as you would give to your children.
17. Do unto your close ones that you would do unto others.
18. You have responsibility to honour your surname.
19. Question the wrong doer.
20. 3D for dowry
21. Appreciate in absence to promote your friends.
22. RPM's window.
23. DAP. Identify friends & foes.
24. Girl's Hostel & female education.
25. Keep handkerchief while eating - NNM
26. Be flexible in thoughts.
27. Do not condemn, complain & criticise
28. Consider yourself an important person in the society and organisation.
29. Think twice before writing on social media or in office.
30. Learn good things from others and follow.
31. Must introspect daily, weekly, monthly, Qtrly, Yearly etc. and improve personality.
32. Read and write every day.
33. Wear good clothes, spend on self.
34. Be a good human being.
35. Remember face of great men and learn and follow them.. Dr. BR Ambedkar, Our GM, Swami Viveka Nand, Mahatma Gandhi.
36. Meena-Mina issue brief
37. Presentation on tribes
38. Our demands
39. Think big
40. Why have people disliking Meenas? Remedy
41. Reservation - We are here and comfortable.
42. Always talk sense
43. Maintain solid relationships - small Exp.
44. Learn to give feedback after work.
45. Leadership in job.
46. One drowns when he stays there for long time.
47. Swimming is must.
48. Vision mission - write today
49. Financial management.
50. Same to you funda to relieve tension.
51. Do not consume gutka, khaini etc.
52. Attention on education - शेरनी की दूध
53. Hardware software theory - be good with all.
54. Upload download of knowledge
55. मनुष्य को अच्छा कार्य क्यों करना चाहिए?
56. Change of technology in exploitation.
57. Meena 13% in 1981, 25% male & 1% female.
58. Now no one does agriculture with the help of bullocks, all use tractor so change as per progress.
59. Use of computers at initial stage was feared, now person not using computer and IT are treated as outdated.
60. If any body part is not well then entire body is unwell so all the persons of the community should be well off.
61. One patient and 12 doctors, what will happen to patient?
62. Upload Download theory - We must upload, not only keep on downloading.
63. Surname is like brand.. Improve brand
64. Respect the persons doing business and those performing good in private sector.
65. Try to ensure payment of minimum wages as most of the labour belongs to sc st obc and other down trodden.
66. Make yourself educated, learn facts like who created Jharkhand and Chhatisgarh states for the welfare of tribals?

Thursday 19 March 2020

MP/MLA पर भयंकर जिम्मेदारी होती है, उन्हें उनका समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

rpmwu320
19.03.2020

MP/MLA पर भयंकर जिम्मेदारी होती है, उन्हें उनका समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। 

एक सांसद की कांस्टीट्यूएंसी में सामान्यतः लगभग 15 से 20 लाख वोटरस् होते हैं, इसी प्रकार एक विधायक की कांस्टीट्यूएंसी में 2 से 3 लाख वोटरस्  होते है। हम समझ सकते हैं की सांसद/विधायक के ऊपर कितने लोगों की आशाएं टिकी होती है। उनके समय के हर क्षण में उनके वोटरस् ही नहीं कांस्टीट्यूएंसी की समस्त जनसंख्या का हिस्सा होता है।

अतः हर सांसद/विधायक को उनके समय को बहुत अधिक समझदारी से मैनेज करना चाहिए, छोटे मोटे कम महत्व के कार्यों में अनावश्यक जरूरत से ज्यादा समय नष्ट नहीं करें। इतनी बड़ी जनसंख्या/वोटर्स की आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए जो भी हो सके उसे बेस्ट तरीके से संपादित करें। 

सभी सांसदों /विधायकों को बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी जीवनी को यदि पढ़ें तो समझ में आएगा कि उन्होंने उनके जीवन के हर क्षण का सदुपयोग किया और सामाजिक रूप से प्रताड़ित, कमजोर व गरीब के हित के लिए लड़ाई लड़ी, उन्हें जागृत किया, संविधान में प्रावधान बनाएं। उसके बाद कई और ऐसे दस्तावेज बनाएं जिससे महिलाओं, मजदूरों और कमजोर वर्ग के हित सधे। 

रघुवीर प्रसाद मीना 

Importance_of_moral_values

rpmwu319
18.03.2020

#Importance_of_moral_values

वीडियो में दिखाया गया कार्य और खाने की चीजों में मिलावट करने जैसे घिनौने कार्य हमारे देश के लोग ही करते हैं। दूसरे नागरिक उनके ऊपर पूर्ण रुप से विश्वास करके उन चीजों का इस्तेमाल करते हैं। उपभोक्ताओं के साथ यह सरासर धोखा है।

ऐसा करने वालों के विरुद्ध सरकार को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। व्यक्ति की लालच व नैतिक मूल्यों का पतन इस प्रकार के कार्यों का मुख्य कारण है। अतः हमें बच्चों की पढ़ाई में नैतिक मूल्यों पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

जब बड़े नेता या अधिकारी सोचते हैं कि वे भ्रष्टाचार करके धन कमा सकते है तो छोटे लोग धन कमाने के लिए इस प्रकार के अनैतिक कार्य करते हैं। अतः आदमी छोटा हो अथवा बड़ा, उसके नैतिक मूल्यों का अच्छा होना बहुत अधिक जरूरी है।

नैतिक मूल्य और धर्म दोनों में बहुत अंतर है। मिलावट करने वाला व्यक्ति धार्मिक हो सकता है और मिलावट के पाप की कमाई की कुछ राशि मंदिर में दान करके सोच सकता है कि उसे पाप से मुक्ति मिल जाएगी। परंतु अच्छे नैतिक मूल्यों वाले व्यक्ति इस प्रकार के गलत कार्य कभी नहीं करेंगे। अतः आवश्यकता है कि देश में नैतिक मूल्यों पर बहुत जोर दिया जाये।

रघुवीर प्रसाद मीना 

Monday 16 March 2020

30 जून 2019 मावलांकर हाॅल कन्स्टीट्यूशन क्लब प्रतिभा सम्मान समारोह।

rpmwu240
30.06.2019

Opening and thanks to organisers and all present there.
अपने आप को पहचाने। गांव में हम बोस है परंतु दुनियां में हमारी क्या स्थिति है?
हम बुजूर्गो व सेवा निवृत्त समाज बन्धुओं से क्या आशा रखते हैं?
जो लोग उनके बच्चों को सही राह नहीं दिखाते है या उनको कोई अच्छा नहीं छोडते हैं, उनके बच्चे बुजूर्गो के बारे में क्या सोच रखते हैं?
हम भावी पीढ़ी को क्या देने वाले हैं?
1871 criminal tribes act
1. Reservation - why?, 3 options, Dr. BRA, inclusive growth, महिलाओं को भी पहले नहीं पढ़ाया जाता था।
मीनाओं को क्यों, कैसे और कब मिला?
हमें क्या लाभ मिला, हमारी पहचान हुई, हमारी स्थिति सुधारी।
मीना मीणा में फंसाया, समय, धन, ऊर्जा की बर्बादी।
13 point roster, परिणाम व हमारी मांगें।
आदिवासियों की बेदखली गंभीर मसला है।
ऐसे फंक्शन समाजसेवा की भावना का टीकाकरण है।
2. पुरखों ने क्या किया और अब हमें क्या करना है?
सही राजनीति की बातें करे, अच्छे व योग्य राजनेता, न्यायालयों में हमारा प्रतिनिधित्व, मिडिया में हमारी भागीदारी।
3. मिडिया पर 3% लोगों का कब्जा, हर वक्त गलत व भ्रामक प्रचार।
4. उन्नति करें, समान विचारधारा के लोगों को साथ लेने की कोशिश करें, मेनस्ट्रीम में आये, पृथक रहने की बात नहीं करे।
5. कम्पनी राज स्थापित हो रहा है, प्राईवेट व विदेशी कंपनियों को प्रोत्साहन, 3 लाख करोड़ कर्ज माफ़, राफेल का घोटाला और फाईल चोरी, खाना और मुर्ख बनाना।
कमजोर भैंस के ज्यादा कलिला चिपकते है।
बिमार कोई और दवा दूसरे को। 80% स्वयं जिम्मेदार।
वन से बेदखली, जबकि राजा महाराजाओं को महल।
आने वाला समय कठिन है, योग्य नेता ही चाहिए।
सलाह वही दो जो स्वयं के बच्चों को दे।
राजनीति की बात करें, सही लोगों को चुने। जनता पहले नेता चुने और फिर प्रोब्लमस् को सोल्व करें।
अम्बेडकर, गांधी, जयपाल सिंह मुंडा, ज्योतिवा फूले के आदर्शों का ध्यान रखें व उनको आगे बढ़ाये।
जय हिंद। जय भीम। जय बिरसा। जय फूले।

रामायण व शूद्र और महिलाएं

rpmwu237
16.06.2019

#कृपया_जानकार_व_बुद्धिमान_लोग_बतायें कि निम्न बातें #सही है या #गलत?
1.*जे बरनाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा*।।
(तेली, कुम्हार, किरात, कोल, कलवार आदि सभी जातियां नीच 'अधम' वरन के होते हैं)
2. *नारी मुई गृह संपत्ति नासी, मूड़ मुड़ाई होहिं संयासा*
                (उ•का• 99ख  03)
(घर की नारी 'पत्नी' मरे तो समझो एक सम्पत्ति का नाश हो गया, फिर दुबारा दूसरी पत्नी ले आना चाहिए, पर अगर पति की मृत्यु हो जाए तो पत्नी को सिर मुंड़वाकर घर में एक कोठरी में रहना चाहिए, रंगीन कपड़े व सिंगार से दूर तथा दूसरी शादी करने की शख्त मनाही होनी चाहिए)
3. *ते बिप्रन्ह सन आपको पुजावही,उभय लोक निज हाथ नसावही*
(जो लोग ब्रह्मण से सेवा/ काम लेते हैं, वे अपने ही हाथों स्वर्ग लोक का नाश करते हैं)
4. *अधम जाति मै विद्दा पाए। भयऊँ जथा अहि दूध पिआएँ*
       (उ०का० 105 क 03)
(नीच जाति विद्या/ज्ञान प्राप्त करके वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पिलाने के बाद साँप)        
5. *आभीर(अहिर) जमन किरात खस,स्वपचादि अति अधरूप    जे*!!
     (उ• का• 129  छं•01 )(अथॅ खुद जाने)
6. *काने खोरे कूबरे कुटिल कुचली जानि*।।
(अ• का• दोहा 14)
(दिव्यांग का घोर अपमान, जिन्हें भारतीय संविधान ने उन्हें तो एक विशेष इंसान का दर्जा दिया & विशेष हक-अधिकार भी दिये)
7. *सति हृदय अनुमान किय सबु जानेउ सर्वग्य,कीन्ह कपटु मै संभु सन नारी सहज अग्य*
(बा • का• दोहा 57क)
( नारी स्वभाव से ही अज्ञानी)बाकि अथॅ खुद समझे ।
8.*ढोल गवार शूद्र पशू नारी,सकल ताड़न के अधिकारी* ।।
(ढोल, गंवार और पशुओं की हीे तरह *शूद्र* एवं साथ-साथ *नारी* को भी पीटना चाहिए)
    ( सु•का•  दोहा 58/ 03)
9.*पुजिए बिप्र शील गुण हीना,शूद्र न पुजिए गुण ज्ञान प्रविना*
(ब्रह्मण चाहे शील-गुण वाला नहीं *है फिर भी पूजनीय हैं और शूद्र चाहे कितना भी शीलवान,गुणवान या ज्ञानवान हो मान-सम्मान नहीं देना चाहिए)
10. रामायण में बालकाण्ड के दोहा 62 के श्लोक 4 में कहा गया है, कि जाति अपमान सबसे बड़ा अपमान है

की पोस्टस् पर आरक्षित वर्ग के अधिकारियों की पोस्टिंग।

rpmwu236
15.06.2019

"की पोस्टस्" पर आरक्षित वर्ग (एससीएसटी व ओबीसी) के अधिकारियों के कम प्रतिनिधित्व की जड़।
ये ही असली समस्या है कि बड़ी कही जाने वाली पोस्ट सिंगल पोस्ट ही होती है और उन पर आरक्षित वर्ग के अधिकारियों का आरक्षण नहीं होता है जिसके कारण "की पोस्टस्" पर आरक्षित वर्ग के योग्य अधिकारियों को विभिन्न बहानों जैसे उम्र, एपीएआर, विजिलेंस प्रकरण इत्यादि की वजह सेे पदस्थ नहीं किया जाता है। अब नई कार्य पद्धति से यह भेद और बढ़ जायेगा।
आवश्यकता है कि इस परेशानी का हल निकाला जाये व "की पदों" पर आरक्षित वर्ग के सक्षम अधिकारियों को तय अनुपात में पदस्थ करें।

Adrm to swr

rpmwu234
15.06.2019

Request for cancellation of transfer orders.
Raghuveer Prasad Meena,IRSME, ADRM/Operations/Jaipur/NWR transferred to Hubli, SWR.
He joined the post of ADRM/Jaipur on 27.11.2017, only 1 and a 1/2 years back and the tenure for ADRMs is 3 years.
On 12.06.19, his transfer orders were issued for SWR HQ Hubli though he came to NWR from Jabalpur/WCR in Nov.'17 only.
He has an excellent service record, rated as outstanding officer in all APARs throughout his carrier of 25 years. Awarded 2 times at the level of MR and once by GM. Also bestowed upon Jamalpur Association Award at IRIMEE.
Please help in cancellation of transfer orders.
Regards
MPs
1. Dr. Kirodi Lal Meena - Harish Ji
2. Rahul Kaswan - Harish Ji, Prem Lochab
3. Jaskaur Meena - self, kisan bassi, Khuntla
4. Manoj Rajoria - Suresh, Darshan, PR
5. Hanuman Beniwal - Mehr, Manish
6. Ram Charan Bohra - self
7. Gajendra Singh Shekhawat - Manish, PR
8. Madan Lal Saini - Darshan, Suresh
9. Arjun Ram Meghwal - Kunji Lal, BLB
10 Rajya Vardhan Rathore - BLB, Virendra, Tulsi Ram Saini, Ramesh uprms, GS Lotwara, Mukesh Adv
11. Arjun Lal Meena - Self
12. Om Birla - PS,  Anil Lodha
13. Gulab Chand Kataria - Virendra, Rajiv
14. Kanakmal Katara - Rakesh Mohan Ji
15. Kailash Chaudhary - Prashant Sharma
16. Swami Sumedhanand - self
17. Baba Balaknath - PR
18. Ramdas Athawale - Sohan Lal
19. Arjun Munda - Sudhanshupati
20. Thavarchand Gehlot - BLB
21. OM Mathur - Kunji Lal
22. Smriti Irani - SV Singh and Sudhanshu
23. Diya Kumari - PS
24.Prakash Javedekar - Mahadev Khuntla, Rajesh /Jaskaur
25. Ram Kishor Verma, Nemi, CTI, Vijendra TTE
26.Bhupendra Yadav, Satya Prakash
27. Rao Indrajeet Singh, Rakesh/RE
28. Prabhubhai N Vasawa, MP, Gujarat, Self
29. Kaushal Kishore, MP, Mohanlalganj, Lucknow - BR Meena, IB
30. Dipendra Hooda, KP
31. Ram Shankar Katheria, MP, Agra, BR Meena
1. S Bairva
2. Mehant/Mahavir Ji - Vidyaprakash, Mehr
3. Guruji - TRS
4. Naresh Sirohi Ji
12,Sunheri Bagh Road , राज्यवर्धन राठौड़
Jaipur Division MPs
1. Rao Indrajeet Singh
2. Baba Balaknath
3. Jaskaur Meena
4. Ramcharan Bohra
5. Rajyavardhan Singh Rathore
6. Bhagirath Chaudhary
7. Sumedhanand Ji
8. Narendra Kumar Khinchad
9. Sukhvir Singh Jaunapuria
For kind attn of Hon'ble MR please.
I, R.P. Meena, IRSME, was transferred from the post of ADRM/Jaipur to SWR HQ/Hubli on 12.06.19 just after 1  and 1/2 years though normal tenure is 3 years.
I met everyone including MRS and CRB but no one is telling any reason. However it is learnt that my transfer has been done based on some election related feedback by Mr.Rajyavardhan Singh Rathore, Hon'ble MP/Jaipur Rural.
The feedback given by Hon'ble MP is based on some false and imaginary information. Being a railway officer, I know my limits and did not indulge in any such election related activity.
There are 8 other Parliamentary Constituencies (Gurugram, Alwar, Dausa, Jaipur City, Ajmer, Sikar, Jhunjhunu and Tonk Sawaimadhopur) in the durisdiction of Jaipur Division, the matter may be enquired from their Hon'ble MPs, if needed.
I have always worked hard with sincerity and devotion and was rated as outstanding officers throughout my career of 25 years. I was awarded 2 times at the level of MR and once by GM.
This untimely transfer based on false feedback is demoralising and discouraging and I am feeling extremely sad. Also my son is studying in Jaipur, sudden transfer will also cause serious logistic problems.
Kindly arrange to cancel the above transfer orders, I am hopeful that I will get justice from your kind honour.
Kindly grant me permission to personally meet you and put up my case.
Regards
Raghuveer Prasad Meena
I, R.P. Meena, IRSME was transferred from the post of ADRM/Jaipur on 12.06.19 and I came to know on 24.06.19 while submitting my fit certificate for the period 14.06.19 to 21.06.19 and LAP for 12 days from 24.06.19 to 05.07.19 for the work related to admission of my daughter in Delhi University that I was relieved on 13.06.19 itself. I then decided to avail 12 days joining period from 24.06.19 to 05.07.19.
However the work pertaining to admission of my daughter in Delhi University still needs my presence with her, I shall therefore be availing LAP for 7 more days from 06.07.19 to 12.07.19 with outstation permission upto 14.07.19.
I shall report on 15.07.19 at Hubli, HQ of SWR.
This is for your kind information please, I shall submit request for sanction of leave in prescribed format at the time of joining on 15.07.19.
Regards
Raghuveer Prasad Meena, IRSME