Sunday 22 March 2020

#प्रताप_नगर_बालिका_छात्रावास_में _आर्थिक_रूप_से_कमजोर_छात्राओं_का_एडमिशन_व_अन्य_महत्वपूर्ण_मुद्दे

rpmwu265
16.08.2019

#प्रताप_नगर_बालिका_छात्रावास_में_आर्थिक_रूप_से_कमजोर_छात्राओं_का_एडमिशन_व_अन्य_महत्वपूर्ण_मुद्दे

प्रताप नगर बालिका छात्रावास के संबंध में सोशल मीडिया पर काफी वहस छिड़ी हुई जिनमें मुख्य रूप से निम्न दो बातें है -
1.मासिक चार्जेज कम की जाए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं हॉस्टल में एडमिशन ले सके।
2. हॉस्टल में नियुक्त वार्डन श्रीमती माथुर को हटाकर मीना समाज की किसी महिला को वार्डन बनाया जाये।
उक्त दोनों मुद्दों पर वास्तव में समाधान के नजरिए से देखा जाए तो निम्न समाधान संभव है -

1. यह बिल्कुल सत्य बात है कि हॉस्टल बनाने की परिकल्पना ऐसी छात्राओं के लिए है जिनके मां बाप गांव में रहते हैं या छोटे शहरों में रहते हैं और जयपुर में उनके घर नहीं है एवं वे आर्थिक रूप से कमजोर है।  ₹4000 की मासिक फीस तथा आने जाने के किराए की राशि को जोड़ने के बाद यह राशि थोड़ी ज्यादा ही प्रतित होती है। परंतु जिस संस्था ने हॉस्टल बनाया है उसकी भी मजबूरी है कि उनके पास समुचित मात्रा में अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध नहीं होने के कारण वह इस फीस को सब्सिडाइज नहीं कर पाएंगी ।  ऐसी परिस्थिति में निम्न दो उपाय संभव है -
#प्रथम : समाज के सभी सक्षम लोग आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की आर्थिक मदद करके उनकी फीस को सब्सिडाइज करें और इस संबंध में मैंने स्वयं ने एक वर्ष के लिए एक छात्रा को रू. 1000/- प्रतिमाह देने की बात कही है और कम से कम 4 और समाजसेवी महानुभावों से सहयोग प्रदान करवाने का प्रयास करूंगा। सोशल मीडिया पर एक मुहिम प्रारंभ करके लोगों से फीडबैक लिया गया है जो कि बहुत ज्यादा सकारात्मक है। अतः मुझे लगता है कि जो भी आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं है और वे हॉस्टल में प्रवेश लेना चाहती है उन्हें कम से कम ₹1000 प्रतिमाह की राशि का आर्थिक सहयोग समाजसेवियों से मिल जाएगा और यदि छात्रा ज्यादा ही आर्थिक रूप से कमजोर है उनके लिए यह राशि और अधिक भी बढ़ाई जा सकेगी। मुझे हमारे समाज के समाज सेवी भाव रखने वाले भाई-बहनों पर पूरा विश्वास है कि वह आवश्यकता पड़ने पर इस मुहिम में जरूरत से ज्यादा सहयोग प्रदान करेंगे। #दूसरी बात हॉस्टल तक आने जाने के लिए जो सिटी बसें है उनकी फ्रीक्वेंसी सरकार के सहयोग से और अधिक बढ़ाई जा सकती है। ऐसा करने के लिए श्री लक्ष्मण मीना जी से निवेदन करेंगे कि सरकार की ओर से और अधिक संख्या में बसें आसपास के रूट से आने जाने लगे।

2.. #वार्डन : जब हॉस्टल प्रारंभ किया गया था उस समय भी संस्था के सदस्यों के मन में यह विचार था कि इस हॉस्टल में वार्डन हमारे समुदाय की महिला ही होनी चाहिए। परंतु उस समय उपयुक्त महिला के आगे नहीं आने के कारण जो सबसे बेस्ट ऑप्शन लगा उसे वार्डन रख लिया गया। और उस वार्डन ने हॉस्टल के संचालन की शुरुआत करने के लिए बहुत मेहनत की है। केवल इस बात के आधार पर कि वह मीना नहीं है और कुछ लोगों ने अब केवल इस मुद्दे पर ही यह डिमांड की है। ऐसी स्थिति में उसे हटाया जाना उचित नहीं रहेगा। फिर भी जब भी भविष्य में किसी ठोस कारण आयेगा या उसका टेन्योर पूरा होगा तो कोशिश की जाएगी कि हॉस्टल में वार्डन हमारे समाज की ही उपयुक्त महिला बने।  छात्राओं की संख्या बढ़ने पर सहायक वार्डन भी रखी जाएगी। अतः मेरा सुझाव है जो भी महिलाएं  इस कार्य के लिए आगे आना चाहती है कृपया हॉस्टल संचालन समिति के संपर्क में रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सूचित किया जा सके।

उक्त विवेचना के मद्देनजर मुझे नहीं लगता है अब लोगों को हॉस्टल के संचालन के संबंध में अनावश्यक टिप्पणियां करनी चाहिए। यदि लोग अब भी टिप्पणी करते हैं तो यह मान लीजिए कि उनका उद्देश्य हॉस्टल संचालन को बेहतर करना नहीं बल्कि कुछ और छुपा हुआ उद्देश्य है।
मेरा सभी से  विनम्र निवेदन है कि अपने अपने गांव या जानकारी में ऐसी छात्राओं को आईडेंटिफाई करें जो पढ़ने में अच्छी है और आर्थिक कारणों से जयपुर में रहने में परेशानी है उन्हें हॉस्टल में प्रवेश दिलाएं और हमें सूचित करें ताकि ऐसी छात्राओं को कम से कम ₹1000 प्रतिमाह का आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा सके।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं के निर्धारण हेतु निम्नलिखित मापदंड हो सकते हैं-
अ) छात्रा के मां बाप इनकम टैक्स पेयी नहीं नहीं हो।
ब) छात्रा के पिता या भाई या अविवाहित बहन सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं हो।
स) छात्रा के पिता का स्वर्गवास हो गया हो और उसके भाई-बहन छोटे हो।
द) छात्रा वास्तविक बीपीएल परिवार से हो।
कृपया आप इस क्रम और क्राईटेरिया सजेस्ट कर सकते हैं।

रघुवीर प्रसाद मीना

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