rpmwu264
16.08.2019
#समाज की एक बड़ी समस्या : सकारात्मक लोग चुप रहते हैं और नकारात्मक लोग जरूरत से ज्यादा टिप्पणी करते हैं।
मैंने कल एक पोस्ट डाली थी जिसमें मूल रूप से लिखा था कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की फीस को सब्सिडाइज करने के लिए मैं स्वयं एक छात्रा को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करूंगा और कोशिश करूंगा कि 4 और लोगों से इस प्रकार की सहायता करवा दूं। उसी पोस्ट में मैंने हॉस्टल के संचालन से संबंधित विभिन्न खर्चों का जो ब्यौरा मेरे पास उपलब्ध था वह भी संलग्न किया था।
इस पोस्ट पर कुछ सकारात्मक लोगों ने कहा कि हाँ हम भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों को सहायता प्रदान करेंगे। लेकिन उसके बाद बहुत से ऐसे लोगों के काॅमेंटस् की लड़ी लग गई जो बिना हाॅस्टल को देखे उनकी बात रख रहे हैं कि हॉस्टल कैसे संचालित होना चाहिए? वास्तव में AC नहीं लगे हुए है फिर भी यह कहना कि कमरों में AC लगे हुए हैं, ड्यूटी अवर्स को बिना जाने कह रहे हैं कि महिला एवं पुरुष गार्डों की सैलरी में भारी अंतर है, नीम के पेड़ के नीचे पढ़ाया जा सकता है, बिजली का बिल बहुत अधिक है इत्यादि इत्यादि। ऐसे लोग अनेक प्रकार की खामियां निकालने में माहिर हैं और आर्थिक सहयोग की बातें बिलकुल नहीं करते हैं।
समाज की समस्या ही यह है कि जिन लोगों की नकारात्मक सोच है वे ज्यादा कमेंट करते हैं और जो लोग सकारात्मक है वे केवल चीजों को देखते हैं और अपनी बात नहीं रखते है।
अतः सभी सकारात्मक सोच वाले लोगों से अनुरोध है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपनी बातें रखें ताकि सकारात्मक माहौल बने और चीजें उन्नति की ओर अग्रसर हो।
रघुवीर प्रसाद मीना
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