Saturday 14 March 2020

हिन्दू_मुसलमान_दोनों_DAP_से_दूर_रहे_शिक्षा_और_वैज्ञानिक_दृष्टिकोण_पर_जोर_दें।

rpmwu316
14.03.2020

हिन्दू_मुसलमान_दोनों_DAP_से_दूर_रहे_शिक्षा_और_वैज्ञानिक_दृष्टिकोण_पर_जोर_दें।

250 वर्ष का इतिहास से पता चलता है कि #आधुनिक_विश्व मतलब 1800 के बाद जो दुनिया मे तरक्की हुई, उसमें पश्चिमी मुल्कों का ही हाथ है ।हिन्दू और मुस्लिम का इस विकास में 1% का भी योगदान नहीं है। 1800 से लेकर 1940 तक हिंदू और मुसलमान सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे।

अगर आप दुनिया के 100 बड़े वैज्ञानिकों के नाम लिखें तो बस एक या दो नाम हिन्दू और मुसलमान के मिलेंगे।

पूरी दुनिया मे 61 इस्लामी मुल्क हैं, जिनकी जनसंख्या 1.50 अरब के करीब है, और कुल 435 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मस्जिदें अनगिनत। दूसरी तरफ हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब के करीब है और 385 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मन्दिर 30 लाख से अधिक।

अकेले अमेरिका में 3 हज़ार से अधिक और जापान में 900 से अधिक यूनिवर्सिटी है़ जबकि इंगलैंड और अमेरिका दोनों देशों में करीब 200 चर्च भी नही हैं। ईसाई दुनिया के 45% नौजवान यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं।
 वहीं मुसलमान नौजवान 2% और हिन्दू नौजवान 8 % तक यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं। दुनिया की 200 बड़ी यूनिवर्सिटी में से 54 अमेरिका, 24 इंग्लेंड, 17 ऑस्ट्रेलिया, 10 चीन, 10 जापान, 10 हॉलैंड, 9 फ्रांस, 8 जर्मनी, 2 भारत और 1 इस्लामी मुल्क में हैं जबकि शैक्षिक गुणवत्ता के मामले में विश्व की टॉप 200 में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं आती है।

अब हम आर्थिक रूप से देखते हैं। अमेरिका की जी.डी.पी 14.9 ट्रिलियन डॉलर है।जबकि पूरे इस्लामिक मुल्क की कुल जी.डी.पी 3.5 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं भारत की 1.87 ट्रिलियन डॉलर है। दुनिया में इस समय 38000 मल्टीनेशनल कम्पनियाँ हैं। इनमे से 32000 कम्पनियाँ सिर्फ अमेरिका और यूरोप में हैं।

अब तक दुनिया के 10000 बड़े अविष्कारों में 6103 अविष्कार अकेले अमेरिका में हुए है। दुनिया के 50 अमीरो में 20 अमेरिका, 5 इंग्लेंड, 3 चीन, 2 मक्सिको, 2 भारत और 1 अरब मुल्क से हैं।

हम हिन्दू और मुसलमान जनहित, परोपकार या समाज सेवा में भी ईसाईयों से पीछे हैं। रेडक्रॉस दुनिया का सब से बड़ा मानवीय संगठन है। इस के बारे में बताने की जरूरत नहीं है।बिल गेट्स ने 10 बिलियन डॉलर से बिल- मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की बुनियाद रखी जो कि पूरे विश्व के 8 करोड़ बच्चों की सेहत का ख्याल रखती है।जबकि हम जानते हैं कि भारत में कई अरबपति हैं।मुकेश अंबानी अपना घर बनाने में 4000 करोड़ खर्च कर सकते हैं और अरब का अमीर शहज़ादा अपने स्पेशल जहाज पर 500 मिलियन डॉलर खर्च कर सकता है।

राजनीतिक दलों के सेवन स्टार रेटेड कार्यालय बन जाते हैं मगर मानवीय सहायता के लिये कोई आगे नही आ सकते हैं।यह भी जान लीजिये कि ओलंपिक खेलों में अमेरिका ही सब से अधिक गोल्ड जीतता है। हम खेलो में भी आगे नहीं। हम अपने अतीत पर गर्व तो कर सकते हैं किन्तु व्यवहार से स्वार्थी ही हैं। आपस में लड़ने पर अधिक विश्वास रखते हैं, मानसिक रूप से हम आज भी अविकसित और कंगाल हैं। बस हर हर महादेव, जय श्री राम और अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने मे हम सबसे आगे हैं।

अब जरा सोचिये कि हमें किस तरफ अधिक ध्यान देने की जरुरत है। क्यों ना हम भी दुनिया में मजबूत स्थान और भागीदारी पाने के लिए प्रयास करें बजाय विवाद उत्पन्न करने के और हर समय हिन्दू मुस्लिम करने के? और हां 
इसके लिए केवल सरकारें या राजनीति ही जिम्मेदार नहीं हैं। बल्कि सब कुछ जानते हुए आप और #हम_सब_जिम्मेदार हैं क्योंकि हम कभी निष्पक्ष न थे और न हैं , हम भी इन्हीं बातों के भक्त बने हुए हैं।

तो तय करें, आज से हम इंसान बनना शुरू कर दें और धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (DAP) के चक्करों से अपने आप को दूर रखे व दूसरों को दूर रहने हेतु प्रेरित करे। #शिक्षा व #वैज्ञानिक_दृष्टिकोण को विकसित करने में पुरूषार्थ समझें।

रघुवीर प्रसाद मीना
(अधिकांश मसला दूसरी पोस्ट से लिया है, परन्तु तथ्यात्मक है)

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