rpmwu187
27.01.2019
आजकल कुछ लोग पुन: मीना के साथ मीणा को जुड़वाने की मुहिम चलाने का प्रयत्न कर रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें निम्न पर विचार कर इस प्रकरण को नहीं उठाना चाहिए। मेरे मतानुसार इस मुद्दे को यदि नहीं छेड़ा जाए तो बेहतर है क्योंकि छेड़ने से निम्नलिखित नुकसानदेह संभावनाएं बन सकती है -
1. आज सम्पूर्ण राजस्थान राज्य में हमारी समस्त जनसंख्या एक ही हेड "मीना (Mina)" में गिनी जा रही है। मीणा(Meena) नाम का कोई हेड नहीं है। यदि मीना के साथ मीणा जोड़ दिया जाता है तो कालांतर में मीना और मीणा दो समुदाय कर दिये जाएंगे और लोगों को हम में फूट डालने का साधन मिल जायेगा। आज जयपुर से उत्तर व पूर्व की ओर मीना शब्द ज्यादा प्रचलित है जबकि दक्षिणी राजस्थान में मीणा शब्द अधिक प्रचलन में है। बाद में स्थिति आ सकती है कि मीना उन्नति कर चुके हैं उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया जाए और केवल मीणाओं को ही आरक्षण दिया जाये। ऐसा होने से जो समाज आज एकजुट है वह विभक्त होकर कमजोर हो जायेगा।
2. यदि राज्य सरकार सिफारिश करती है और केंद्र में मीना के साथ मीणा नहीं जुड़ता है तो यह मसला जितने दिन पेंडिंग रहेगा उतने दिन जिनके नाम के साथ मीणा लिखा हुआ है उनके प्रमाण पत्र बनने में जानबूझकर बदमाशी करने वाले अधिकारी यह कहकर उन्हें परेशान कर सकते हैं कि मसला केंद्र में लम्बित है।
3. यदि मीना के साथ मीणा जोड़ा नहीं गया तो जो लोग मीणा सरनेम लगाते हैं उनके लिए हमेशा हमेशा के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
उपरोक्त के मध्यनजर इस मसले को बिल्कुल भी नहीं छेड़ना चाहिए और हमें एक ही बात कहनी चाहिए कि हम सभी का समुदाय "मीना(Mina) है। मीणा, गोत्र, गांव का नाम इत्यादि केवल सर नेम मात्र है।
कृपया ध्यान पूर्वक अवलोकन व विचार करें और अपनी टिप्पणी दें।
सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
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