rpmwu315
07.03.2020
स्वयं_समाज_दूसरे_समाज_मदद
व्यक्ति को स्वयं के #समाज को अपने #बड़े_परिवार के समान मानना चाहिए।
07.03.2020
स्वयं_समाज_दूसरे_समाज_मदद
व्यक्ति को स्वयं के #समाज को अपने #बड़े_परिवार के समान मानना चाहिए।
व्यक्ति को जब सैलेरी, खेती या बिजनेस से आमदनी होती है तो वह अपने परिवार व बच्चों की आवश्यकताओं के लिए चुपचाप खर्च करता है। यह सभी को सामान्य लगता है और कोई इस बात का आॅब्जेक्शन नहीं करता है। परन्तु यदि वही व्यक्ति पब्लिक में दिखादिखाकर अपने बच्चों को पैसा देने लगे तो देखने वाले कुछ लोगों के मन में विचार आ जायेगा कि देखो कैसे पैसों का दिखावा कर रहा है और वे उस व्यक्ति के बारे में अच्छी सोच नहीं रखेंगे।
इसी प्रकार कोई व्यक्ति जब अपने समाज के लोगों की चुपचाप मदद करता है तो उसके बारे में कोई दूसरे लोग ज्यादा टीका टिप्पणी नहीं करते हैं। परंतु जब लोग दिखावा करके अपने समाज के लोगों की मदद करते हैं तो दूसरे समाज के लोगों के मन में मदद करने वाले व्यक्ति के प्रति खराब भाव उत्पन्न होते हैं। यह मनुष्य का सामान्य व्यवहार है।
हमें हमारे समाज के लोगों को बड़ा परिवार का सदस्य मानते हुए अवश्य मदद करनी चाहिए। परंतु बेहतर होगा कि मदद का दिखावा नहीं करें ताकि दूसरे समाज के लोगों के मन में बेवजह मदद करने वाले के प्रति खराब भावना उत्पन्न नहीं हो।
इसके साथ साथ ही इस बार पर विशेष ध्यान देने की भी आवश्यकता है कि #लोग_क्या_कहेंगे के डर से समाज के लोगों की मदद करने में संकोच करने की बिलकुल जरूरत नहीं है।
रघुवीर प्रसाद मीना
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