Friday 16 August 2019

घर की पुताई की प्रक्रिया से सीखे जाने वाला जोरदार तथ्य।

rpmwu258
16.08.2019

घर की पुताई की प्रक्रिया से सीखे जाने वाला जोरदार तथ्य।

म सब जानते हैं की घर की पुताई तब करवाई जाती है जब हमें उसे वर्तमान स्थिति से #बेहतर बनाना चाहते है। जितने दिन भी घर की पुताई चलती है उस दौरान घर की स्थिति पहले की स्थिति से भी खराब हो जाती है। परंतु जब पुताई पूर्ण हो जाती है और साफ सफाई हो जाती है तो घर चमकने लगता है। 

यह प्रक्रिया हर उस एक्शन के लिए लागू होती है जहां हम स्थिति को सुधारना चाहते हैं। वर्तमान में कश्मीर में सरकार ने जो किया है वह सुधार करने की भावना से किया है परंतु कुछ दिन जो पहले स्थिति थी, पुताई के दिनों की तरह, उससे भी खराब होना एकदम सामान्य बात है। लेकिन जब यह सुधार कार्यवाही संपूर्ण हो जाएगी तो वास्तव में कश्मीर की स्थिति पहले से बेहतर होगी। 

कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार को यह कार्यवाही इस प्रकार से नहीं करनी चाहिए थी, वहां रहने वाले लोगों से पुछना चाहिये था। यदि सरकार ऐसा करने लगे तो देश में कई और राज्य बन जाएंगे और कुछ राज्य या क्षेत्र स्वतंत्र देश की चाहत रखने वाले भी हो सकते हैं। ऐसे मुद्दों पर आमजनता की राय लेकर समझदारी पूर्ण निर्णय नहीं लिया जा सकता है। मुझे लगता है सरकार के इस कदम पर प्रश्न उठाने वाले अधिकतर ऐसे लोग हैं जो कभी जिंदगी में सुधार करने हेतु एक्शन नहीं लेते हैं और चीजों को जैसा चल रहा है वैसा ही चलते रहना देना चाहते हैं। दूसरी ओर जिन लोगों ने उनकी व्यक्तिगत जिंदगी में या उनके कार्य क्षेत्र में सुधार हेतु निर्णय लिया है वे सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को बिलकुल सही ठहरायेगें। 

सरकार द्वारा की गई कार्यवाही, जो कि बहुत ही बोल्ड निर्णय है, की अनावश्यक भर्त्सना नहीं करें। इस प्रक्रिया में हम सभी को मन से सरकार का साथ देना चाहिए और भारत देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए किए गए व किये जाने वाले हर एक्शन का सपोर्ट करना चाहिए। 
रघुवीर प्रसाद मीना 

Monday 12 August 2019

Miyawaki method of developing dense forests faster!

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12.08.2019

Miyawaki method of developing dense forests faster! 

बेंगलुरू में केजेएम डीजल लोको शेड की विजिट के दौरान #मियावाकी_तकनिकी से शेड की परिसर में डेवलप किये गए #डेंस_फॉरेस्ट को देखा। बहुत ही जोरदार कंसेप्ट लगा। छोटे-छोटे अनुपयोगी भूमि क्षेत्रों में इस प्रकार के डेंस फॉरेस्ट विकसित किए जा सकते हैं। इस तकनीक से डेवलप किए गए फॉरेस्ट 10 गुना तेज एवं 30 गुना सधन होते हैं। इस तकनीक की विस्तृत जानकारी निम्न लिंक पर देखी जा सकती है। http://bengaluru.citizenmatters.in/how-to-make-mini-forest-miyawaki-method-34867
रघुवीर प्रसाद मीना

Sunday 11 August 2019

आदिवासी_और_उनका_भविष्य

rpmwu256
10.08.2019

आदिवासी_और_उनका_भविष्य

दिनांक 9 अगस्त 2019 को अनेक स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया था और सभी आयोजनों में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ विचार विमर्श किए गए। 
हमें बहुत ही गंभीरता से सोचना होगा कि हम राष्ट्र की मुख्यधारा में कैसे आएं? और हमारे युवाओं का भविष्य कैसे बेहतर बने? 
1. सबसे पहले तो हमें अर्थात आदिवासियों को यह समझना होगा कि दूसरे लोग हमें क्या समझते हैं? हमारे बारे में क्या अवघारणा रखते है? दूसरे लोग आदिवासियों को उघाड़ा या कम कपड़ों में रहने वाला गरीब व्यक्ति मानते है और सोचते हैं कि गरीब होने के बावजूद भी ये लोग नाच गाने करके प्रसन्न रहते हैं और जीवन जीते हैं। उनके मन में हमारे लिए केवल दिखावा हेतु दया का भाव है वास्तव में वे हमारी कोई परवाह नहीं करते हैं। 
2. हमारे कई पढ़े लिखे लोग भी इस बात की वकालत करते हैं कि हमें हमारी पुरानी संस्कृति को जिंदा रखना चाहिए और हम जैसे पहले रहते थे वैसे ही रहना चाहिए। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। मुझे लगता है कि हमें नई दिशा की खोज करनी होगी, उदाहरणार्थ जैसे पूर्व में बैल से खेती की जाती थी परंतु अब जब ट्रैक्टर आ चुके हैं तो लोग ट्रैक्टर से खेती करते हैं बैल से नहीं। इसी प्रकार अब इस जमाने में हमें अपनी संस्कृति को नए हिसाब से बदलना होगा और हमें देश की मुख्यधारा में आगे आने के लिए शिक्षित होना होगा और हमारे विचारों को विकसित करना होगा। पुरानी संस्कृति के अच्छे पहलूओं को बिलकुल अंगिकार किया जा सकता है परन्तु व्यर्थ के पहलूओं को छोडना जरूरी है। 
3. हमें सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र मैं भी काम करना होगा और समाज को निजि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को महत्व सम्मान देना होगा। 
4. साथ में हमें बिजनेस की ओर बढ़ना पड़ेगा अन्यथा हम आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत नहीं हो सकते हैं। नौकरी के साथ साथ बिजनेस व निजी क्षेत्र में सहभागिता बहुत ही आवश्यक है। 
5. आपसी परस्पर सहयोग की भावना को और प्रगाढ़ करना होगा। उच्च दर्जे का काम, आचरण व व्यवहार करके हमें हमारी ब्रांड वैल्यू स्टबलिश करनी होगी। 
इस विषय में आप सभी कृपया अपने विचारों से भी अवगत करायें। 
रघुवीर प्रसाद मीना

Saturday 10 August 2019

मैसूर में इन्फोसिस ट्रेनिंग सेंटर व बीईएमएल परिसर की विजिट।

rpmwu255
10.08.2019

मैसूर में इन्फोसिस ट्रेनिंग सेंटर व बीईएमएल परिसर की विजिट। 

आज मैसूर विजिट के दौरान इन्फोसिस के इम्पाई ट्रेनिंग सेंटर एवं बीईएमएल की परिसर देखी। इन्फोसिस लिमिटेड 37 वर्ष पुरानी एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है। यह भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। इस कम्पनी में लगभग 2.3 लाख लोग काम करते हैं। इसका दुनिया भर के 46 देशों में काम हैं। इस कम्पनी का सालाना टर्नओवर लगभग 84000 करोड़ रू. (12.1 b$) है, जो कि प्रतिदिन लगभग 230 करोड़ होता है। इसके 1336 ग्राहक है। 1981 में इस कम्पनी की श्री एन.आर.नारयणमूर्ति ने श्री नन्दन एन. निलेकणी, श्री एस. गोपालकृष्णन, श्री एस.डी. शिबुलाल, श्री के. दिनेश, श्री एन.एस. राघवन व श्री अशोक अरोरा के साथ मिलकर स्थापना की थी।
इन्फोसिस का मैसूर में ट्रेनिंग सेंटर वास्तव में देखने लायक है। यह 337 एकड़ में फैला हुआ है और यहां पर जाॅब लगने के उपरांत 10500 ट्रेनि इम्पोईज् को ट्रेनिंग दी जाती है एवं लगभग 6000 प्रोग्राम डेवलपर भी इसी कैंपस में काम करते हैं। ट्रेनिंग के लिए जो क्लासरूम बने हैं वे हर तरह की मॉडर्न सुविधा से युक्त है। ट्रेनिज् के लाईब्रेरी, फूडकोर्ट, हाॅटल जैसे हाॅस्टल रूम, स्विमिंग पूल, जिम, इनडोर गेम्स, आउटडोर गेम्स, मूवी थिएटर व हर तरह की अन्य सुविधा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है। कैम्पस बहुत ही ग्रिन व सुन्दर है और इसकी बहुत ही उच्च कोटि की मेंटेनेंस है। प्रोग्राम डेवलपमेंट व क्लासरूमस् की बिल्डिंगस् व मल्टीलेवल पार्किंग गजब की बनी हुई है। इसे देखकर लगता है कि भारत वास्तव में अग्रणी देशों की श्रेणी में जल्दी ही आ जाएगा।
इस केंपस को भारत में बनाने के लिए श्री नारायण मूर्ति, इंफोसिस के संस्थापक व उनकी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद।
बीईएमएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, की परिसर को देखा। इस परिसर में भारी क्षमता 60, 100, 120 व 205 टन वाले ट्रिपलर व स्प्रिन्कलर ट्रकों का निर्माण किया जाता है। ये ट्रक कोलमाईन्स में उपयोग में आते हैं। बीईएमएल की इस यूनिट का सालाना टर्नओवर लगभग ₹700 करोड़ है। यूनिट इंचार्ज श्री एच. एस. रंगनाथ स्वयं ने कार्यक्षेत्र की विजिट करवाई, उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद।
जब भी हम बाहर जाए तो हमें मंदिर और पुरानी चीजों को देखने की अपेक्षा नई चीजों को देखना चाहिए ताकि हमारे सोचने का नजरिया बदलें और हम अच्छी चीजों को विकसित करने के लिए उत्तम प्लान कर सकें।
रघुवीर प्रसाद मीना

Wednesday 7 August 2019

प्रताप नगर बालिका छात्रावास का संचालन

rpmwu253
06.08.2019

#प्रतापनगर_बालिका_छात्रावास का संचालन 

कल मैंने एक पोस्ट डाली थी जिसमें प्रताप नगर बालिका छात्रावास के मासिक रूम व चार्जेस के बारे में कुछ लोगों का कहना है ये ज्यादा है। ऐसे सभी लोगों को अवगत कराना चाहता हूं कि मैं मानता हूं कि रूम व मेस चार्जेस कम से कम होने चाहिए और यदि संभव हो तो एकदम समाप्त कर दिये जाये। 
परन्तु हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हाॅस्टल संचालन हेतु बिजली का बिल, गार्डन का रखरखाव, सभी शिफ्टों में चौकीदार, साफ-सफाई की व्यवस्था और सामान्य संचालन अर्थात् वार्डन, स्टेनरी इत्यादि का खर्चे के लिए राशि कहां से आयेगी। संस्था के पास अभी जो कार्य कराए गए हैं उनको पूरा करने की लिए ही और फण्डस्  की आवश्यकता है ऐसे में हॉस्टल के संचालन पर अपनी ओर से फंड खर्च करके बालिकाओं को रखने के खर्चे को वहन कर पाना संभव नहीं है। 
आप सभी को विदित कराया जाता है कि छात्राओं पर मासिक आर्थिक भार कम करने के लिए हाॅस्टल के संचालन में एक विकल्प संभव है कि यदि समाज के आर्थिक रूप से सक्षम भाई-बहन एक या अधिक बच्चियों के खर्चे उठाना चाहे या हाॅस्टल संचालन में आर्थिक मदद करना चाहे तो वे सादर आमंत्रित है। 
बिना मुद्दे को समझे, टिप्पणी करने से समाज को कोई लाभ नहीं होने वाला है बल्कि समाजहित में अच्छा काम करने की सोच रखने वालों की संख्या में कमी आ सकती है। अतः अनावश्यक काॅमेंट नहीं करे।
रघुवीर प्रसाद मीना 

370 का उन्मूलन : जीत हार नहीं मानकर सभी की जीत का भाव रखें। 

rpmwu252
06.08.2019

370 का उन्मूलन : जीत हार नहीं मानकर सभी की जीत का भाव रखें। 

म्मू कश्मीर के संदर्भ भारतीय संविधान की धारा 370 को समाप्त करना एक सराहनीय कदम है। इससे जम्मू कश्मीर राज्य जिसे कई मायनों में अन्य राज्यों की तुलना में विशेष अधिकार प्राप्त थे जोकि इस राज्य को पीछे रखने के अहम् कारक थे वे समााप्त हो जाएंगे। वहां के लोग मानते रहे है कि धारा 370 के माध्यम से प्रदत्त विशेष अधिकारों के कारण उनके नागरिकों व राज्य की उन्नति होगी परंतु ऐसा नहीं हुआ और यह तथ्य सभी के सामने है। धार्मिक उन्माद, आतंकवाद की घटनाओं व अन्य कारणों से जम्मू कश्मीर, जिसको कि भारत का स्वर्ग कहा जाता है, की उन्नति नहीं हुई और यह राज्य बहुत पिछड़ा रह गया। वहां लोग दिग्भ्रमित होकर भारत के विरुद्ध ही अभियान चलाते रहते हैं, हमारी सेना को दूसरे देश की सेना मानते है। 
धारा 370 को समाप्त करना किसी की जीत या किसी की हार की तरह नहीं लेकर सभी की जीत ही मानी जानी चाहिए। भारत सरकार के इस एक्शन से कश्मीर में रहने वाले लोगों का कल्याण होगा और कश्मीर भारत देश के अन्य राज्यों की भांति मजबूत केंद्र शासित प्रदेश अथवा राज्य बनेगा। 
आजादी के समय जब कश्मीर का भारत में विलय हो रहा था तब बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने धारा 370 के माध्यम से कश्मीर को विशेष दर्जा देने का विरोध किया था। इसी प्रकार डॉ श्यामा प्रकाश मुखर्जी ने भी इस धारा के विरुद्ध कड़ी आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं चल सकते हैं। ऐसे सभी लोगों की सोच सही साबित हुई और जम्मू कश्मीर को अलग दर्जा देने के कारण वहां उन्नति अन्य राज्यों की तुलना में कम हो पाई और वहां के लोग अपने आपको अलग प्रदेश अथवा देश के लोग मानने लगे और आतंकवाद की घटनाएं इत्यादि बहुत अधिक घटित होने लगी। भारत सरकार को जम्मू कश्मीर को अपने साथ रखने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी व भारी संख्या में सैनिकों को शहीद होना पड़ा। उक्त के मध्येनजर धारा 370 की समाप्ति एक स्वागत योग्य कदम है।
रघुवीर प्रसाद मीना