Sunday 8 March 2020

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस - 8 मार्च

rpmwu314
07.03.2020

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस - 8 मार्च 

1913 से लगातार 8 मार्च को विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, 1975  में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इसे मान्यता दी गई। इस दिन को मनाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी कि महिलाओं के साथ भेदभाव होता रहा और उन्हें पुरुष की अपेक्षा कम अधिकार के साथ आंका गया जिसके कारण पुरुष और महिला की बराबरी नहीं हो पाई। जबकि वास्तव में यदि देखा जाए तो मानव के विकास में पुरुष की अपेक्षा महिला अधिक कार्य करती है और ज्यादा परेशानियों भी उठाती है। यहां तक कि धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (DAP) के कारण महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया गया।

इस अवसर पर महिलाओं को सुदृढ़ करने हेतु और महिला शक्ति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, यह एक अच्छी बात है। महिलाओं को मजबूत करने हेतु व्यक्ति स्वयं के स्तर पर व समाज और सरकार सामाजिक स्तर पर बहुत सारे कदम उठा सकते हैं। एक अहम् बात यह है कि व्यक्ति स्वयं, महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें बराबरी का हक देने और दिलाने का प्रयत्न करें। कार्यालयों व समाज के विभिन्न पहलुओं पर महिलाओं की उन्नति और उन्हें अधिकार दिलाने हेतु दृढ़ संकल्पित रहना चाहिए।
पुराने समय में शूद्रों की भांति महिलाओं को पढ़ने का भी अधिकार नहीं था जिसके कारण महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाई। लेकिन जब महिलाओं को पढ़ाया गया तो वे बहुत ही उत्कृष्ट कार्य कर पाई। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने में अहम भूमिका निभाई है और उन्होंने हिंदू कोड बिल के जरिए महिलाओं को मजबूत करने की मुहिम छेड़ी थी।

आज के दिन हमें लड़के और लड़की में अंतर नहीं करना चाहिए और जहां भी मौका लगे लड़कियों को पढ़ाने में और उन्हें आगे बढाने में अग्रसर रहने की जरूरत है। हमारी दादी, नानी, माँ, काकी, बुआ, बहिन, पत्नी, बेटी, भतिजी,भानजी सभी महिलाएं ही है जिनका हमें सम्मान करना चाहिए।

रघुवीर प्रसाद मीना

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