Wednesday 16 November 2016

जीवन में समस्याओं को सरलता से हैण्डल करने हेतु ध्यान में रखे कॉक्रोच हटाने एवमं अधिकतम नुकसान को कम करने की थ्योरी।

rpmwu96
13.11.2016

अक्सर देखा जाता है कि कई लोग जीवन में छोटी मोटी समस्याओं के आने पर बहुत अधिक व्यथित हो जाते है। स्वमं तो परेशान होते ही है दूसरों में भी भय का वातावरण व्याप्त कर देते है। आजकल सरकार द्वारा रू. 500-1000 के पुराने नोटों के चलन को बंद करने से बेवज़ह लोग ज्यादा ही परेशान हो रहे है एवमं दूसरों को भी अनुचित रूप से डरा रहे है। समस्याओं से निपटने के लिए निम्न दोनों तरीक़ों को आज़माये एवमं जीवन को सरल बनाएँ-
1. एक बार होटल में चल रही पार्टी में एक महिला ने देखा कि उसके कन्धे के ऊपर एक कॉक्रोच को बैठा हुआ है। महिला जो कि बहुत ख़ुश थी, पार्टी को इंजॉय कर रही थी, अचानक ज़ोर से चीख़ी, लोग समझ पाते तब तक उसने ऐसा व्यवहार किया मानो उसे बिजली का करेंट लग गया हो, उसके कपड़े अस्त-व्यस्त हो गये तथा वह बहुत परेशान नज़र आने लगी। इतनें में वह कॉक्रोच उस महिला की सहायता करने वाली दुसरी महिला पर जम्प कर गया, वह महिला भी पहली महिला की तरह भययुक्त व्यवहार करने लगी एवमं परेशान हो गई। इतने में अफ़रातफ़री देख एक हॉटलकर्मी आया, उसने कॉक्रोच को बहुत ही आसानी से पकड़ा व बहार फैंक दिया। यानी, समस्या के आने पर बेवजह व्यथित नहीं हो , सरलता से उसका समाधान ढूँढे़ और समाधान की क्रियान्वित करें।
2. जब कोई गम्भीर समस्या आ जाये तो खराब से खराब परिणाम के बारे में मन में विचार कर ले और तब उस ख़राब परिणाम को कम करने के बारे में सोचे तथा अपने खास नज़दीकी दोस्तों एवमं परिवारजनों से विचारविमर्श करके सकारात्मक समाधान की ओर अग्रेसित हो। समस्या के नुकसान को कम करने का यह प्रभावी तरीक़ा है।
समस्या या परेशानियॉ जीवन का अभिन्न अंग है। जीवन को सफल बनाने के लिए उन्हे सरलता से हैण्डल करना सीखना ही होगा।
रघुवीर प्रसाद मीना

जीवन में लोगो को पहचाने व उनकी भॉति के अाघार पर ही उनसे अपेक्षा रखे तथा महत्व दे।

rpmwu95
08.11.2016


प्रत्येक मनुष्य को जीवन में विभिन्न प्रकार के लोगो से वास्ता पड़ता है एवमं उनसे जानकारी हो जाती है। जानने वाले लोगो को निम्न तीन श्रेणियों में बॉटा जा सकता है-
1. Leaf People (पत्ते की भॉति वाले लोग) : अधिकतर जानकार लोग पेड़ पर लगे पत्ते की तरह होते है, वे पेड़ की शोभा तो बढ़ाते है परन्तु पतझड़ के समय पेड का साथ छोड देते है। फिर नये पत्ते आ जाते है ओर यह प्रक्रिया चलती रहती है।
2. Branch People (शाखा की भॉति वाले लोग) : कुछ लोग पेड़ की शाखाओं की तरह होते है, वे दुख-सुख में पेड के साथ ही रहते है एवमें अलग होने पर पेड़ की छवि पर गहरा असर करते है।
3. Root People (जड़ की भॉति वाले लोग) : जीवन में बहुत ही कम लोग पेड़ की जड़ की तरह होते है, जो कि मनुष्य का पालन पोषण करते है, जैसे जड़ दिखती नहीं है ऐसे ही वे भी दिखावा नहीं देते है परन्तु व्यक्ति की भलाई का हर सम्भव प्रयास करते है, गाइड करते है, सहारा देते है, आपत्ति के समय सबसे बाद में उखड़ते है।
जीवन में पत्ते, शाखायें व जड़ वाली प्रकृति के लोग क्रमश: सबसे ज्यादा, कम व बहुत ही कम होते है। हमें लोगो की परख करके उनके बारे में जान लेना चाहिये और तदानुसार उनसे अपेक्षा रखनी चाहिये। यह भी समझना ज़रूरी है कि एक ही व्यक्ति अलग अलग लोगो के लिए भिन्न भिन्न भॉति के रूप में हो सकते है। अत: सभी से समान रूप से अपेक्षा नहीं की जा सकती है। हमें चाहिये कि हम जड़ व शाखाओं जैसे व्यवहार करने वाले लोग की संख्यॉ अधिक से अधिक बढ़ाये एवं तदानुसार उनका ख़याल रखे व महत्व दे।
रघुवीर प्रसाद मीना

सभी में राम है तो अछूतता क्यों? क्यों किया जाता है गरीब, कमजोर व पिछडो को आगे बढाने की योजनाओं का विरोध?

हिन्दु धर्म हर जीव आत्मा में परमात्मा के स्वरूप के होने की अवधारणा रखता है। लोग कहते है कि हर व्यक्ति में राम है। फिर हिन्दु धर्म मानने वाले लोग अछूतता (अस्पृश्यता) में क्यों विश्वास करते है? क्यों नहीं हर व्यक्ति में राम देखते है? क्यों कुछ लोग ग़रीबों का हर प्रकार का शोषण करते है? लोगों के हक़ मारकर कमाई धनराशी से दिखावे के लिए दान दक्षिणा करते है?
हिन्दु धर्म में ऊँच-नीच की भावना से एक राम को ऊँचा व दुसरे राम को नीचा मानते है। कहने मात्र के लिए तो सभी में राम है परन्तु वस्तुस्थिति यह है कि ऊँच-नीच की मान्यता इतनी गहरी है कि लोग राम राम में ही बहुत भारी अंतर करते है।
यदि अग्रणी हिन्दु, हिन्दु धर्म का वास्तव में भला चाहते है तो उन्हें इस दौगलेपन को छोड़ना होगा एवं सभी में जो राम है उसे समान रूप से देखना होगा। गरीब, कमजोर व पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए सरकार या संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का विरोध छोड़कर उनका समर्थन करना चाहिये। बेव़जह न्यायलयों का सहारा लेकर पिछड़ो को आगे लाने की सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को अटकाकर समाज में द्वैशता पैदा करने की आदत को छोड़ना होगा।
अस्पृश्यता व गरीब/पिछड़ो के उत्थान की योजनाओं का विरोध करना छोड़कर देखो देश की उन्नति की रफ़्तार अपने आप बढ़ जायेगी।
रघुवीर प्रसाद मीना

धार्मिक अन्धविश्वास के प्रदुषण को बढ़ाने वालों के लिए रोचक तथ्य |

rpmwu97

16.11.2016

धार्मिक अन्धविश्वास के प्रदुषण को बढ़ाने वालों के लिए रोचक तथ्य |

*हिन्दू और मुसलमान*. दोनो सुनें , थोडा धीरज से और थोडा ध्यान से पढ़े ?
** 250 वर्ष का इतिहास खंगालने पर पता चलता है , कि आधुनिक विश्व मतलब 1800 के बाद , जो दुनिया मे तरक़्क़ी हुई , उसमें पश्चिमी मुल्को यानी सिर्फ *यहूदी और ईसाई* लोगो का ही हाथ है !
*हिन्दू और मुस्लिम* का इस विकास मे 1% का भी योगदान नही है !
** आप देखिये के 1800 से लेकर 1940 तक *हिंदू और मुसलमान* सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे !
अगर आप दुनिया के *100 बड़े वैज्ञानिको* के नाम लिखें , तो बस *एक या दो नाम हिन्दू और मुसलमान* के मिलेंगे !
** पूरी दुनिया मे *61 इस्लामी मुल्क* है , जिनकी जनसंख्या *1.50 अरब* के करीब है और कुल *435 यूनिवर्सिटी* है !
दूसरी तरफ *हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब* के क़रीब है और *385 यूनिवर्सिटी* है !
जबकि *अमेरिका* मे 3 हज़ार से अधिक और *जापान* मे 900 से अधिक *यूनिवर्सिटी* है !
*ईसाई* दुनिया के *45% नौजवान यूनिवर्सिटी* तक पहुंचते हैं
! वहीं *मुसलमान नौजवान 2%* और *हिन्दू नौजवान 8 %* तक *यूनिवर्सिटी* तक पहुंचते हैं !
दुनिया के *200 बड़ी यूनिवर्सिटी* मे से *54 अमेरिका , 24 इंग्लेंड , 17 ऑस्ट्रेलिया , 10 चीन , 10 जापान , 10 हॉलॅंड , 9 फ़्राँस , 8 जर्मनी ,
2 भारत और 1 इस्लामी मुल्क* में हैं !
** अब हम आर्थिक रूप से देखते है !
*अमेरिका* का *जी. डी. पी 14.9 ट्रिलियन डॉलर* है !
जबकि पूरे *इस्लामिक मुल्क* का कुल *जी. डी. पी 3.5 ट्रिलियन डॉलर* है ! वहीं *भारत का 1.87 ट्रिलियन डॉलर* है !
दुनिया मे इस समय *38,000 मल्टिनॅशनल कम्पनियाँ* हैं ! इनमे से *32000 कम्पनियाँ* सिर्फ *अमेरिका* और *युरोप* में हैं !
अब तक दुनिया के *15,000 बड़े अविष्कारों* मे *6103 अविष्कार* अकेले *अमेरिका* में और *8410 अविष्कार ईसाइयों या यहूदियों* ने किये हैं !
दुनिया के *50 अमीरो* में *20 अमेरिका* , *5 इंग्लेंड* , *3 चीन* , *2 मक्सिको* , *2 भारत* और *1 अरब मुल्क* से हैं !
** अब आपको बताते है , कि हम *हिन्दू और मुसलमान जनहित , परोपकार या समाज सेवा* मे भी *ईसाईयों और यहूदियों से पीछे* हैं !
*रेडक्रॉस दुनिया* का सब से *बड़ा मानवीय संगठन* है , इस के बारे मे बताने की जरूरत नहीं है !
** बिल गेट्स ने *10 बिलियन डॉलर* से *बिल- मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन* की बुनियाद रखी , जो कि पूरे *विश्व के 8 करोड़ बच्चो* की सेहत का ख्याल रखती है !
जबकि हम जानते है , कि भारत में कई अरबपति हैं !
*मुकेश अंबानी* अपना घर बनाने मे 4000 करोड़ खर्च कर सकते हैं और *अरब का अमीर शहज़ादा* अपने स्पेशल जहाज पर 500 मिलियन डॉलर खर्च कर सकते हैं !
मगर *मानवीय सहायता* के लिये दोनों ही आगे नही आ सकते हैं !
** यह भी जान लीजिये की *ओलंपिक खेलों* में *अमेरिका* ही सब से *अधिक गोल्ड* जीतता है ,
हम खेलो में भी आगे नहीं !
** *हम अपने अतीत पर गर्व तो कर सकते हे , किन्तु व्यवहार से स्वार्थी ही है
! आपस में लड़ने पर अधिक विश्वास रखते हैं !*
** *मानसिक रूप में आज भी हम विदेशी व्यक्ति से अधिक प्रवाभित हैं !
अपनी संस्कृति को छोड़ कर , विदेशी संस्कृति अधिक अपनाते हैं !*
*" बस हर हर महादेव और अल्लाह हो , अकबर के नारे लगाने मे , हम सबसे आगे हैं !
अब जरा सोचिये , कि हमें किस तरफ अधिक ध्यान देने की जरुरत है !
क्यों ना हम भी दुनिया में मजबूत स्थान और भागीदारी पाने के लिए प्रयास करें
, बजाय विवाद उत्पन्न करने के और हर समय हिन्दु - मुस्लिम करने के , खुद और देश की ऊन्नती पर ध्यान दे !

यह मैसेज मेरे एक मित्र सुरेश नागरवाल के पेज से आप सभी की जानकारी के लिए शेयर किया गया है, मेरे द्वारा इसमें बहुत थोडा ही संशोधन है।