rpmwu260
16.08.2019
#जातिवाद_नकारात्मक_कट्टरता_से_बचे।
मैं स्वयं और समिति के अधिकांश सदस्य भी यही चाहते हैं कि प्रताप नगर बालिका छात्रावास में केवल आदिवासी बालिकाएं ही रहे एवं कार्य करने वाला हर स्टाफ भी आदिवासी हो। परंतु प्रताप नगर छात्रावास में, सभी को कई बार बताने के बावजूद भी, जब हमारे समुदाय कि कोई उपयुक्त महिला वार्डन के लिए नहीं मिली तो समिति ने एक दूसरे समाज की महिला को हॉस्टल संचालन हेतु वार्डन रखने एवं इसी प्रकार हाॅस्टल में सीटें रिक्त रहने पर यदि दूसरे समाज की बालिकाओं को जगह देने के विचार करने पर इतनी आपत्ति हो रही है, यह समझ से परे है।
हम सभी लोग अक्सर कहते हैं कि जातिवाद सही नहीं है। यदि हम लोग इसी प्रकार जातिवाद के आधार पर अंध कट्टर बनेंगे तो हमारे समाज का कभी भला नहीं होने वाला। इतिहास में भी आप देख सकते हैं कि जो भी लोग जाति या धर्म के प्रति कट्टर रहते हैं वे कभी भी उपर नहीं उठ पाये।
सामान्य जीवन में हमें सभी को साथ लेकर चलना पड़ेगा और यदि हम इतना ज्यादा दूसरे लोगों का विरोध करेंगे तो हमारे लोगों का भी दूसरे लोग मौका पड़ने पर विरोध करेंगे। और जिसकी वजह से हम कभी भी दूसरे लोगों द्वारा स्वीकार नहीं हो पाएंगे।
इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है की जातिगत कट्टरता को बढ़ावा ना दें और यदि हम हमारे लोगों को विभिन्न मसलों में सपोर्ट करते हैं यह अच्छी बात है परंतु दूसरों के प्रति नकारात्मक कट्टरता रखना सही नहीं है वल्कि हानिकारक है।
जो लोग यह कह रहे हैं की इसमें केवल हमारे समाज के लोगों का ही योगदान है उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि यदि दूसरे समाज के लोगों का योगदान नहीं होता तो हाउसिंग बोर्ड द्वारा यह भूमि किसी कीमत पर आवंटित नहीं होती। इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है कि अनावश्यक दूसरे समाजों को नहीं कोसे।
हालाँकि जितने फीडबैक मिले हैं उनके बारे में कार्यसमिति की अगली बैठक में चर्चा की जायेगी।
रघुवीर प्रसाद मीना
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