rpmwu192
13.02.2019
NWR में ट्रांसफर हेतु NOC पर जो कन्फ्यूजन है उसको समझें व समझदारी से काम ले।
सभी को विदित है की हर विभाग में विभिन्न कैटेगरीयों हेतु निर्धारित संवर्ग होता हैं और उस संवर्ग में आरक्षण के हिसाब से विभिन्न समुदाय के लोगों के लिए संख्या सुरक्षित होती है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के खासकर जयपुर मंडल में अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग अधिकतर संवर्गो में उनके आरक्षण प्रतिशत से पहले से ही अधिक है। साथ ही बहुत सारी बड़ी संख्या में लोग दूसरी रेलवे से जयपुर मंडल में आना चाहते हैं।
कृपया समझे की हर कैटेगरी में जो स्वीकृत संवर्ग है उससे ज्यादा लोगों को एनओसी ग्रांट नहीं की जा सकती है और ग्रांट करते समय आरक्षण के अनुसार डायरेक्ट कोटे में सीटें देखने पड़ती हैं। जयपुर मंडल पर एनओसी लेने में तेजी आ सके इसके लिए मैंने व्यक्तिगत रूप में गूगल शीट के माध्यम से मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है और उसमें हम मॉनिटर करते हैं। यदि वैकेंसी है तो तुरंत एनओसी ग्रांट की जा रही है परंतु यदि वैकेंसी नहीं हो तो एनओसी ग्रांट करना संभव नहीं हो पाता है।
फिर भी अभी हाल में बडे़ लम्बे प्रयासों से व्यवस्था की गई है कि उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मंडल जयपुर, अजमेर, बीकानेर व जोधपुर मैं आपस में स्थानांतरण हेतु केटेगरी नहीं देखी जा रही है। अतः जो लोग बाहर कि रेलवे से उत्तर पश्चिम रेलवे में आना चाहते हैं उनको मेरी सलाह है कि वे ऐसे मंडलों में पहले आए जहां पर उनकी केटेगरी में वैकेंसी है और वहां ज्वाइन करने के बाद जयपुर मंडल के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिये यह भी प्रावधान किया गया है कि कर्मचारी हमारे मंडल में ही दूसरे मंडल में दस्तावेजों को भेजने के लिए आवेदन कर सकता है, उसे पुन: उसके मंडल से दस्तावेज़ मंगवाने की जरूरत नहीं है।
रघुवीर प्रसाद मीना
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