Thursday 28 February 2019

जो लोग ज्यादा खाते है या व्यर्थ करते है, वे है anti sustainable development के एजेंट।

rpmwu198
28.02.2019

जो लोग ज्यादा खाते है या व्यर्थ करते है, वे है anti sustainable development के एजेंट।

जो लोग जरूरत से ज्यादा खाना थाली में लेते है और बाद में फेंक देते हैं तथा जो आवश्यकता से अधिक खाते है, ऐसे सभी लोग  sustainable development के विरूद्ध काम करते है।
जरूरत से अधिक खाकर या थाली में अधिक लेकर फेंकने से खाने की कमी करते हैं और जरूरतमंदों को खाना या तो नहीं मिल पाता है या महंगा मिलता है।
साथ ही ज्यादा खाने से हैल्थ खराब होती है और ऐसे लोग दवाईयों व अस्पतालों की कमी व उन्हें मंहगा भी करते है। और हैल्थ खराब होने से इफिसियेंटली काम भी नहीं कर पाते हैं व ईलाज करवाने में दूसरों को भी इनगेज करके रखते है।
अतः सार यह है कि -
1) कम खाना खायें
2) उतना ही लो थाली में जो व्यर्थ ना जाये नाली में।
रघुवीर प्रसाद मीना

Tuesday 26 February 2019

युवा संस्कार शिविर।

rpmwu197
26.02.2019

व्यक्ति वह बन जाता है जो वह सोचता है। अतः हमें हमारी सोच को उत्कृष्ट बनाने की महत्ति जरूरत है। सोच को बदलने के लिए युवाओं में अच्छे संस्कार विकसित करना जरूरी है। ऐसा करने के लिए विभिन्न स्तरों पर युवा संस्कार शिविर आयोजित करने से सोच को अच्छी दिशा देने में गति आ सकती है। शिविरों में निम्न बिन्दुओं पर विचार किया जा सकता है -
1. निरोगी शरीर हेतु व्यसनों से दूर रहे व नियमित आयाम करें।
2. धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण से दूर रहे और दूसरों को भी दूर रहने की सलाह दे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करें।  जाति धर्म के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार रखे ।
3. अपने कार्य को संपूर्ण कर्तव्य परायणता के साथ निष्पादित करें। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में स्किल डेवलप करें ताकि कार्य ताकि किए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता आपकी पहचान बन सके।
4.  याद रखें कि आपके व्यवहार से आपकी ब्रांड बनती है अतः सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें।
5.  गरीब व कमजोर लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें और सभी की मदद करें।
6.  बड़ों का सम्मान करें और अपने से छोटों को प्रोत्साहित व सहायता प्रदान करें।
7. कथा, भागवत व रामायण इत्यादि के स्थान पर संविधान का अध्ययन करें और उसके विभिन्न पहलुओं व महानता को समझे और जीवन में अपनाएं।
8. महापुरुषों जैसे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व अन्य महापुरुषों की जीवनी को पढ़े व उनसे समाज हित में अच्छे काम करने की प्रेरणा ले।
9. अपनी पोस्ट को एक अपॉर्चुनिटी समझे और सभी की मदद करने का प्रयास करें। बात तो कम से कम अच्छी तरह करें।
10.  प्रश्नपत्र का उत्तर देते समय जैसे हर प्रश्न को अटेम्प्ट करने का प्रयास रहता है। इसी प्रकार जीवन के हर पहलू को बैलेंस करने का प्रयास करें। अपने बच्चों, पत्नी के साथ साथ मां बाप भाई बहन रिश्तेदार दोस्त सभी पर बैलेंस होना।
इसमें और क्या क्या जोड़ा जाये?
रघुवीर प्रसाद मीना

Monday 25 February 2019

हमें खुले दिमाग से राजनितिक बाते करनी ही होगी।

rpmwu196
24.02.2019

सामान्यतः जब हम छोटीमोटी या भारी भरकम खर्चा करके समाज की बड़ी मीटिंगस् करते है तो अक्सर कहते हुए सुना होगा कि राजनितिक बाते नहीं करे। इसी प्रकार अधिकांश लोग यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि उनकी संस्था गैर राजनीतिक है। जबकि गहराई से सोचो तो पता चलेगा कि हमारी अच्छी या बुरी जो भी दशा है, हुई है या होने वाली है, वह मुख्य रूप से राजनितिक निर्णयों के कारण ही हुई है। अतः ऐसी स्थिति में समाज की बैठकों में राजनीति की बातों पर चर्चा नहीं करने में बिलकुल भी समझदारी नहीं है।
हमारे द्वारा खुले दिमाग से राजनितिक बातों पर चर्चा नहीं करने की वजह से हम उपयुक्त नेतृत्व का चुनाव नहीं कर पाते हैं। विधानसभा व संसद में केवल और केवल योग्य नेताओं का ही चुनाव करना चाहिए ताकि वे हमारे हित की निति तय करवा सकें और हमारे  अधिकारों की रक्षा करें।
यदि कम पढ़ा लिखें या कम समझदार नेताओं को चुना जायेगा तो हमें न केवल अल्पकालिक वल्कि दीर्घगामी दुष्परिणाम भुगतने होंगे।
अतः आवश्यक है कि हम समाज की मीटिंगस् के दौरान राजनीति के संबंध में खुलकर चर्चा करें और देखें कि कौनसी पार्टी व कौन नेता हमारे समाज के हित के लिए बेहतर है। जो समाज को मजबूत करें, हमें उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
इसी के साथ साथ न्यायालय एवं मीडिया में भी हमारी उपस्थिति नगण्य है और इन दोनों संस्थाओं द्वारा भी समाज को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अतः यह भी जरूरी है कि हम बच्चों व युवाओं को न्यायालय और मीडिया की ओर जाने हेतु प्रेरित और प्रोत्साहित करें।
रघुवीर प्रसाद मीना