Monday 16 March 2020

रामायण व शूद्र और महिलाएं

rpmwu237
16.06.2019

#कृपया_जानकार_व_बुद्धिमान_लोग_बतायें कि निम्न बातें #सही है या #गलत?
1.*जे बरनाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा*।।
(तेली, कुम्हार, किरात, कोल, कलवार आदि सभी जातियां नीच 'अधम' वरन के होते हैं)
2. *नारी मुई गृह संपत्ति नासी, मूड़ मुड़ाई होहिं संयासा*
                (उ•का• 99ख  03)
(घर की नारी 'पत्नी' मरे तो समझो एक सम्पत्ति का नाश हो गया, फिर दुबारा दूसरी पत्नी ले आना चाहिए, पर अगर पति की मृत्यु हो जाए तो पत्नी को सिर मुंड़वाकर घर में एक कोठरी में रहना चाहिए, रंगीन कपड़े व सिंगार से दूर तथा दूसरी शादी करने की शख्त मनाही होनी चाहिए)
3. *ते बिप्रन्ह सन आपको पुजावही,उभय लोक निज हाथ नसावही*
(जो लोग ब्रह्मण से सेवा/ काम लेते हैं, वे अपने ही हाथों स्वर्ग लोक का नाश करते हैं)
4. *अधम जाति मै विद्दा पाए। भयऊँ जथा अहि दूध पिआएँ*
       (उ०का० 105 क 03)
(नीच जाति विद्या/ज्ञान प्राप्त करके वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पिलाने के बाद साँप)        
5. *आभीर(अहिर) जमन किरात खस,स्वपचादि अति अधरूप    जे*!!
     (उ• का• 129  छं•01 )(अथॅ खुद जाने)
6. *काने खोरे कूबरे कुटिल कुचली जानि*।।
(अ• का• दोहा 14)
(दिव्यांग का घोर अपमान, जिन्हें भारतीय संविधान ने उन्हें तो एक विशेष इंसान का दर्जा दिया & विशेष हक-अधिकार भी दिये)
7. *सति हृदय अनुमान किय सबु जानेउ सर्वग्य,कीन्ह कपटु मै संभु सन नारी सहज अग्य*
(बा • का• दोहा 57क)
( नारी स्वभाव से ही अज्ञानी)बाकि अथॅ खुद समझे ।
8.*ढोल गवार शूद्र पशू नारी,सकल ताड़न के अधिकारी* ।।
(ढोल, गंवार और पशुओं की हीे तरह *शूद्र* एवं साथ-साथ *नारी* को भी पीटना चाहिए)
    ( सु•का•  दोहा 58/ 03)
9.*पुजिए बिप्र शील गुण हीना,शूद्र न पुजिए गुण ज्ञान प्रविना*
(ब्रह्मण चाहे शील-गुण वाला नहीं *है फिर भी पूजनीय हैं और शूद्र चाहे कितना भी शीलवान,गुणवान या ज्ञानवान हो मान-सम्मान नहीं देना चाहिए)
10. रामायण में बालकाण्ड के दोहा 62 के श्लोक 4 में कहा गया है, कि जाति अपमान सबसे बड़ा अपमान है

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