Sunday 22 March 2020

प्रतापनगर_बालिका_छात्रावास

rpmwu262
16.08.2019

#प्रतापनगर_बालिका_छात्रावास

प्रतापनगर बालिका छात्रावास के सम्बन्ध में फेसबुक के माध्यम से जो पोस्टें आई है और उनमें मैंने जो समझा है वे निम्नलिखित मुद्दे है -
1. चाहे सीटें खाली रहे, केवल आदिवासी छात्राओं को ही एडमिशन दिया जाए । 
2. हाॅस्टल की फीस कम की जाये ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं आसानी से एडमिशन ले सके। 
3. हाॅस्टल में मीना वार्डन व स्टाफ रहे।
4. जिन चीजों का ठेका दिया जाता है उन्हें भी मीनाओं को दिया जाये।
कुछ लोग संस्था के सदस्यों के प्रयासों को एकदम दरकिनार करके उनके लिए कुछ भी आपत्तिजनक लिखने में नहीं चूक रहे हैं। जिसने आजतक हाॅस्टल जाकर भी नहीं देखा व समर्थ होते हुए भी कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया या जिन्होंने सहयोग के लिए कमिटमेंट किया एवं फिर सहयोग नहीं दिया न दिलवाया वे सभी भी बेवाक टिप्पणी कर रहे है। हर स्तर पर दिखाने का प्रयत्न कर रहे है कि वे ही वास्तव में गरीब के हितकारी है। ऐसे सभी लोगों का ध्यान निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलूओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूं - 
1. संस्था ने अपना ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा बनाये रखा व कार्यकारिणी के सदस्यों की जानकारी और अच्छे व्यवहार की वजह से काफी मंहगी जमीन बहुत कीमत पर राजस्थान आवासन मंड़ल से भूमि आवंटित करवाई।
2. संस्था की कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने हाॅस्टल निर्माण हेतु एक एक लाख रू. की सहयोग राशि प्रदान की है ॥
3. संस्था के सभी सदस्यों ने अपनी व्यक्तिगत जानकरी का प्रयोग करते हुए निर्माण हेतु धनराशि इकठ्ठी करवाई है।
4. निर्माण के दौरान संस्था के कई सदस्यों ने इसे व्यक्तिगत कार्य से भी ज्यादा मानकर इसको समय दिया।
5. संस्था ने और स्थानों पर भी अनेकों समाजहित के कार्य करवायें है और करवा भी रही है।

मैं संस्था के सभी सदस्यों व हाॅस्टल निर्माण में सहयोग कर्ताओं को इस हाॅस्टल के निर्माण व संचालन की शुरुआत करने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। साथ ही सभी से अनुरोध करता हूं कि संस्था द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में समझे, उन पर विचार करे व अनावश्यक टिप्पणी नहीं करे। 
अब बात है कि सोशल मीडिया पर हाॅस्टल संचालन व एडमिशन के सम्बन्ध में उठाये जा रहे मुद्दों पर क्या किया जाएं - 
मैं स्वयं एवं कार्यकारिणी के अधिकतर सदस्य भी सोशल मीडिया पर उठाये गये उक्त सभी पहलुओं से बिलकुल सहमत है। परन्तु हाॅस्टल का अच्छा संचालन भी जरूरी है, इससे आप सभी सहमत होगें। हाॅस्टल संचालन के लिए जो न्यूनतम खर्चे है वे करने ही होगें। संस्था के पास इतना फंड नहीं है कि फीस को कम करके हाॅस्टल को संचालित कर सके।
कृपया सोच समझ कर सुझाव दे कि उक्त पहलूओं के अनुसार हाॅस्टल संचालित करने के लिए क्या करें? आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों को एडमिशन मिले, उसके लिए यदि फीस कम करनी है तो आर्थिक सहयोग कहां से मिल पायेगा?
मैं अभी हुबली में हूं एवं सम्भवत 1 सितम्बर को जयपुर आऊंगा तब एक मिटिंग रखी जा सकती है ताकि आमने सामने बैठकर इस विषय में सार्थक चर्चा हो सके।
रघुवीर प्रसाद मीना 

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