rpmwu191
12.02.2019
नया 13/200 पाॅइन्ट रोस्टर यूनिवर्सिटीज ही नहीं सरकार के अन्य विभागों में लागू करने के लिए जारी किया जा चुका है। नई रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जनजाति समुदाय को भारी नुकसान है। समझने हेतु महत्वपूर्ण बिन्दु निम्न प्रकार है -
1. 200 पाॅइन्ट रोस्टर एसटी समुदाय के 7.5% आरक्षण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था ताकि 200 पदों में से 15 पूर्ण पद चिन्हित हो सके।
1. 200 पाॅइन्ट रोस्टर एसटी समुदाय के 7.5% आरक्षण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था ताकि 200 पदों में से 15 पूर्ण पद चिन्हित हो सके।
2. 14 पदों के संवर्ग के लिए रेलवे में 14+1 L Shaped रोस्टर प्रचलन में था, इसमें 8 वें पद को एसटी के लिए सुरक्षित कर दिया गया।
3. नई रोस्टर प्रणाली में भी दो प्रकार के रोस्टर बनाए गए है। 13 पदों तक के संवर्ग के लिए 13 +1 L Shaped रोस्टर और 13 से अधिक पदों के संवर्ग के लिए 200 पॉइंट का साधारण रोस्टर।
4. नई रोस्टर प्रणाली पुरानी रोस्टर प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है और उससे अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को क्या नुकसान है?
अ) 13 पाॅइन्ट रोस्टर में अनुसूचित जनजाति के लिए प्रारम्भिक भर्ती के समय कोई स्थान नहीं है जबकि पुराने 14 पाॅइन्ट रोस्टर मे़ 8वां स्थान सुरक्षित था। अब केवल रिप्लेसमेंट के समय ही 14वां स्थान आयेगा। अतः छोटे संवर्ग में एसटी समुदाय के अभ्यर्थियों के लिए प्रारंभ में कोई स्थान नहीं रह गया है यह एक बहुत भारी नुकसान है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति के लिए 14 प्वाइंट रोस्टर में 4 व 12 वें दो स्थान सुरक्षित थे और अब नए 13 पॉइंट रोशन में केवल 7वां एक पॉइंट ही सुरक्षित रह गया है। पुराने 14 पाॅइन्ट रोस्टर में OBC के लिए 2, 6,10 व 14 कुल 4 पद सुरक्षित और अब 4,8 व 12 केवल तीन पद ही सुरक्षित है।
ब) पहले 14 से बड़े संवर्ग के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर में ओबीसी, एससी, एसटी हेतु क्रमशः 2, 4, 8 वें पद सुरक्षित होना प्रारंभ होते थे और अब नए 200 पाॅइन्ट रोस्टर में OBC, SC, ST के लिए क्रमशः 4,7,14 वें पद सुरक्षित होना प्रारंभ हो रहे है।
संबंधित दस्तावेज संलग्न है कृपया इसे समझे और नई रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति व ओबीसी के साथ अनुसूचित जनजाति को तो बहुत अधिक नुकसान है। कृपया इसे सही करने के लिए जो भी संभव हो अपनी अपनी आवाज़ उठाएं और जनता और नेताओं को आवाज़ उठाने के लिए जागरूक करें।
सुनने लायक बात है सरकार अवश्य सुनेगी और हल निकालेगी।
रघुवीर प्रसाद मीना
You Are Right Sir Ji
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