Saturday 25 July 2020

बुद्धिमान व्यक्ति, यदि गलत करने लग जाये तो स्वयं का ही सबसे अधिक नुकसान करते है।



 rpmwu373 dt.25.07.2020
एक बार अमेरिका में एक बहुत ही जबरदस्त पेंटर ने पेंट करके नकली डॉलर बनाना शुरू कर दिया और वह कई दिनों तक इस प्रकार करता रहा। एक दिन वह सब्जी मंडी गया और सब्जी बेचने वाले को उसने सब्जी के बदले नकली डॉलर दिए। सब्जी वाले के हाथ गीले थे तो उसने देखा कि डॉलर से पेंट निकल रहा है जबकि दिखने में वे डॉलर हूबहू एकदम असली जैसे लग रहे थे। डॉलर से जब पेंट निकलने लगा तो सब्जी वाले को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है और उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आकर देखा और जाँच के उपरांत पाया कि जो डॉलर सब्जी वाले को दिए गए थे वे नकली थे। उसके पश्चात जिस व्यक्ति ने नकली डॉलर दिए थे उससे पुलिस ने बात की और उसको अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में उस व्यक्ति से पूछा कि तुमने किस किस को कितना कितना ठगा है। उसने कई लोगों का नाम व कई घटनाएं बताई।  

पुलिस ने फिर पूछा कि तुमने सबसे अधिक किस को नुकसान किया? उस व्यक्ति ने जो जवाब दिया वह सुनने व सबक लेने लायक है - 

उस व्यक्ति ने कहा कि मैंने सबसे ज्यादा नुकसान स्वयं को ही किया है। मैं इतना अच्छा पेंटर होते हुए इस गलत कार्य में फंस गया, यदि ऐसा नहीं करता तो मैं अच्छी अच्छी पेंटिंग बनाकर ईमानदारी पूर्ण तरीके से उन्हें बेचकर आजीविका कमा सकता था और मुझे मेरे काम पर बहुत गर्व व प्रसन्नता होती कि मैंने एक ईमानदार व सार्थक जीवन जिया है। परंतु मेरा दुर्भाग्य रहा कि मैं बुद्धिमान होते हुए भी गलत कार्य में पड़ गया। 



इस बात से सभी को सीख लेनी चाहिए कि बुद्धिमान आदमी को अपनी बुद्धि गलत एवं असामाजिक कार्यों में नहीं लगानी चाहिए।यदि वास्तव में अच्छा एवं सफलतापूर्वक जीवन जीना चाहते है तो ईमानदार तरीक़े से कुछ खास करके छाप छोड़नी चाहिए।

सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना 

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