Wednesday 15 July 2020

विश्व युवा कौशल दिवस


rpmwu362 dated 15.07.2020


विकसित और विकासशील देशों के लिए युवा बेरोजगारी आज की दुनिया में अर्थव्यवस्था और समाज के सामने सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक है। विश्व स्तर पर, पांच में से एक (20 %) युवा एनईईटी (NEET - Not in Employment, Education or Training) अर्थात नॉट इन एम्प्लॉयमेंट (रोजगार), एजुकेशन (शिक्षा) या ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) है।  युवा NEET में से चार में से तीन महिलाएं हैं। 1997 और 2017 के बीच जहां युवाओं की आबादी 139 मिलियन बढ़ी, वहीं युवा श्रम शक्ति 58.7 मिलियन कम हो गई। 2016 में NEET के रूप में 259 मिलियन युवाओं को वर्गीकृत किया गया था, यह संख्या 2019 में अनुमानित 267 मिलियन थी और 2021 में लगभग 273 मिलियन तक बढ़ने का अनुमान है।


2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा डिज़ाइन किया गया, विश्व युवा कौशल दिवस युवाओं, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (TVET - Technical and Vocational Education and Training) संस्थानों और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक अवसर है कि वे युवाओं को रोज़गार, सभ्य काम और उद्यमिता हेतु कौशल (Skill) प्रदान करने के महत्व को पहचाने और सेलिब्रेट करें।


हमारे देश की जो सबसे बड़ी समस्याएं है उसमें से लोगों में स्किल की कमी एक प्रमुख समस्या है। कार्य करने के प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी स्किल वाले लोगों की भारी कमी होने के कारण भारत में बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता उतनी बेहतर नहीं होती जितनी की विदेशों के उत्पादों की होती है।

देश में स्किल की कमी व्यक्तिगत न होकर एक सामुहिक व सामाजिक समस्या है। क्योंकि चिरकाल से देश में जो लोग हाथ से कार्य करते थे उनको समाज में नीचा दर्जा मिला और जो लोग हाथ से कार्य नहीं करते थे, केवल बातें करते थे, पूजा करते थे, लड़ाई कर सकते थे, मैनेज करते थे और फाइनेंस अरेंज करते थे उन्हें समाजिक तौर पर ऊपर रखा गया और उन्हें ज्यादा महत्व दिया गया। जिसके कारण कालांतर में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई जो हाथ से काम नहीं करके, बातें या भाषण देने में माहिर थे या चीजों को मैनेज करते थे। आज भी यदि देखें तो देश में लगभग 80% धन सम्पदा उन लोगों के पास है जो स्वयं कार्य नहीं करते हैं उनमें कोई स्किल नहीं है।


देश को यदि उन्नति की ओर ले जाना है तो हम में से प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि जातिवाद को समाप्त करें और किसी को भी जाति के आधार पर छोटा बड़ा नहीं समझा जाए। हमारे देश में वास्तव में यह समस्या रही है कि जिन जातियों के लोग कार्य करते हैं उन्हें छोटा समझा जाता रहा है, जिसके कारण देश में काम व काम करने वालों के महत्व को नहीं समझा गया। काम करने वाले लोगों को अच्छे भाव से नहीं देखने के कारण आज देश में अच्छी स्किल के लोग कम हो गए हैं और हमारे प्रधानमंत्री महोदय को भी स्किल इंडिया प्रोग्राम चलाने की आवश्यकता लगी।

सोचने और विचार करने वाले कितने भी अच्छे लोग हो, उनकी क्रियान्विति करने वाले यदि अच्छी गुणवत्ता के नहीं हो तो सोचा हुआ कार्य संतोषजनक रूप से सम्पादित नहीं हो सकता है। देश की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि हम हर कार्य करने वाले व्यक्ति को महत्व दें और जो लोग कार्य नहीं करते हैं उन्हें जरूरत से ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाए।

जो लोग पढ़े-लिखे हैं एवं आर्थिक रूप से समृद्ध हैं, उन्हें चाहिए कि वे गाँवों में उधोग विकसित करेें एवं गाँवों व शहरों के बीच एक कड़ी का काम करते हुए गाँवों में बनने वाले उत्पादों को शहरों में मुहैया करायें ताकि गाँव के लोगों को वहीं पर उचित दर पर रोजगार मिल सके।

नेताओं व उच्च सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने व्यक्तिगत सम्बंधों तक का उपयोग करते हुए गाँव के विकास हेतु आधारभूत सुविधायें उपलब्ध करवाने में यथासम्भव योगदान दें। सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी भी गाँव में लोगों को सही सलाह दें एवं जितना सम्भव हो सके लोगों को व्यक्तिगत एवं सामूहिक परेशानियों से निजात दिलाने में मदद करें।


देश की अपेक्षित उन्नति नहीं होने का एक मुख्य कारण देश के उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता में कमी है। यदि हम वास्तव में देश की त्वरित तरक्की चाहते हैं तो हमें हमारे उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना होगा और वह तभी संभव है जब काम करने वाले लोगों की स्किल उच्च स्तर की हो।

हमें अच्छी स्किल वाले लोगों का सम्मान करना होगा, उन्हें महत्व देना होगा, लोगों के मन में उनके प्रति आदर जागृत करना होगा। जैसे हम खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलों के विभिन्न प्रकार के कंपटीशन कराते हैं उसी प्रकार यदि स्किल से संबंधित कंपटीशन करवाएं जाएं तो स्किल डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित हो सकते है और देश में बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार होगा। देश के जल्दी विकसित होने व लोगों को रोजगार मिलने में यह ठोस कदम साबित हो सकता है।

समाज व सरकार दोनों को अपने अपने स्तर पर स्किल से सम्बन्धित कंपटीशन करवा कर, अच्छी स्किल वाले लोगों को गौरवान्वित करना चाहिए ताकि और लोग भी उनसे प्रभावित होकर उनके अनुयायी बन सके और अच्छी स्किल होने में गर्व महसूस कर सके। 

रघुवीर प्रसाद मीना




5 comments:

  1. शानदार लेख

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  2. वास्तविकता व जागरूकता से परिपूर्ण लेख। ऐसे लेखनों से एक दिन समाज मे जरूर अच्छे बदलाव आएंगे।

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  3. वास्तविकता व जागरूकता से परिपूर्ण लेख। ऐसे लेखनों से एक दिन समाज मे जरूर अच्छे बदलाव आएंगे।

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    1. आपका लेख बहुत ही सराहनीय कदम है सरकार व समाज को भी जागरुक करना चाहिए।एक दिन अवश्य परिवर्तन आएगा।

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Thank you for reading and commenting.