rpmwu355 dt. 27.05.2020
तैरना आना जीवन बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। वर्ष 1998 से 2000 के बीच जब मेरी रतलाम में पोस्टिंग थी तो उस समय हमारे एक स्टाफ के दो बच्चे एक साथ तालाब में डूब गए। उसके बाद मैंने ऐसी ही घटना एक स्टाफ के बच्चे के साथ गांधीधाम में भी देखी। आए दिन आप सभी भी अखबारों में इस प्रकार की खबर पढ़ते होंगे कि डूबने से मृत्यु हो गई।
अभी हाल में टोडाभीम के भोपुर गांव के पास तीन युवाओं जिनकी उम्र 20-21 वर्ष की थी पानी में डूबने से अकाल मृत्यु हो गई। इस प्रकार की घटनाएं बहुत ही दुखद एवं मन को ठेस पहुंचाने वाली होती है।
यदि कोई तैरना जानता है तो इस प्रकार की घटनाओं के घटित होने में काफी कमी आ सकती है। अतः सभी को सलाह है कि आवश्यक रूप से स्वयं तैरना सीखें और बच्चों को तैरना सिखायें। तैरना आना जीवन जीने की महत्वपूर्ण स्किल है।
रघुवीर प्रसाद मीना
Very good suggestion meena saab.
ReplyDeleteD G Shrimali
सही है सर आपातकाल में तैरने की कला बड़ी महत्वपूर्ण है।
ReplyDeleteसही सर आपातकाल में तैरने की कला बड़ी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। रामकुमार मीना ढंड
ReplyDeleteसर, आपने बहुत ही जरूरी और महत्वपूर्ण कला को सीखने के लिए सभी को जाग्रत किया है, के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर l
ReplyDeleteजीवन को बेहतर स्वास्थ्य के साथ जीने और अमूल्य जीवन को बचाने के लिए, इस कला का आना जरूरी है l
लखन लाल मीना
bilkul sahi hai sar Ji taiyar Na apne aap mein ek bahut badi khala hai aur isase apne jivan mein aap kahin logon ki jindagi abhi bacha sakte hain isliye aap aur apne Parivar ko tairna jarur sikhayen
ReplyDelete