इतिहास को जानकर हर व्यक्ति दुखी होता है। आज जिनकी स्थिति अच्छी है और पहले खराब थी, वे इतिहास को जानकर इस बात से दुखी होते है कि पहले उनकी स्थिति खराब थी। और जिन लोगों की स्थिति अब खराब है और पहले अच्छी थी वे इस बात पर दुखी होते हैं कि उनकी स्थिति अब खराब हो गई है।
इतिहास को जान लेना ठीक है लेकिन उस पर जरूरत से ज्यादा समय खर्च करना बुद्धिमानी नहीं है। इतिहास में जो जो गलतियां हुई है उन गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं की जाए, इस उद्देश्य से इतिहास को पढ़ना और जानना चाहिए। परंतु कई लोग ऐसे हैं जो इतिहास के पीछे इतने ज्यादा पड़े रहते हैं कि वे वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में सोचते ही नहीं है और केवल और केवल अपने भूतकाल के इतिहास को जानने और दुखी होने में स्वयं व दूसरों को व्यस्त रखते हैं।
आवश्यकता है इतिहास की जानकारी के साथ वर्तमान व भविष्य की स्थिति को कैसे बेहतर बनाया जाएं और कैसे धार्मिक अंधविश्वासों के प्रदूषणों (#DAP) तथा दकियानूसी सोच से बाहर आकर शिक्षा व अपने अधिकारों पर ध्यान दे और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित कर स्वयं और दूसरों के जीवन स्तर में सुधार करे।
रघुवीर प्रसाद मीना
Sir,
ReplyDeleteReally this is the perfect picture of today's scenerio.. you have describe in your post. Definitely we have to know our history and past, but we should work hard to make our tommorow brighter.
Thsnks
ReplyDeleteIf our history is glorious we have improve it .
ReplyDeleteIf we are background then we have to improve us to came in main streamline.
हर बात के दो पहलू होते है। अब इसे देखने व सुनने वाले पर निरभर करता है कि वह अपने अतीत को कैसे समझता है । जैसे बुरे दिनों के अतीत की स्थिति मे वह याद कर निराश होसकता है या कीगई गलतियों से सबक लेकर अपने भविष्य को सुधारने का प्रयास कर सकता है। अच्छे दिनों के अतीत को देखर या सुनकर वह अतीत से भी अच्छा बनने का प्रयास कर सकता या फिर अच्छे दिनो के अहंकार मे अपने वर्तमान को जिने लगता हैं । अतः भूतकाल व वर्तमान का तुलनात्मक अध्ययन करना आवश्यक है।
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