Monday 25 May 2020

शिक्षा_ज्ञान का महत्त्व...

rpmwu354 dt. 25.05.2020
भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहब #भीमराव_अंबेडकर के सबसे महत्वपूर्ण और प्रचलित स्लोगन है "#शिक्षित_बनो #संगठित_रहो #संघर्ष_करो"; #शिक्षा_शेरनी_का_दूध_है। डिक्शनरी में बहुत सारे शब्द थे परंतु बाबा साहब जैसे महान व्यक्ति ने शिक्षा को ही सबसे अधिक महत्व दिया। इसी प्रकार महात्मा #ज्योतिबा_फुले व उनकी धर्मपत्नी माता #सावित्रीबाई_फुले ने भी लोगों को शिक्षा के महत्व को समझाना, उनके जीवन का उद्देश्य बनाया।

भारत के साथ विश्व के इतिहास को देखने से पता चलता है कि #आमजन को अत्याचारी व्यवस्था व रीति-रिवाजों एवं अंधविश्वासों से ऊबारने में जिन भी महान लोगों ने मदद की है उन सब का #हथियार_शिक्षा ही रही। अगर वे शिक्षित नहीं होते तो कभी भी आमजन की मदद नहीं हो पाती और आज भी लोग अस्पृश्यता, रंगभेद, दासप्रथा, अंधविश्वास, सतीप्रथा जैसे क्रूर रीति-रिवाजों या तो राजशाही अथवा कॉलोनाइजेशन के अधीन ही प्रताड़ित होते रहते हैं।

हमारे देश के लोकप्रिय अभिनेता श्री #अमिताभ_बच्चन ने भी बड़ी जोरदार तरीके से समझाया कि व्यक्ति को रोटी कपड़ा मकान के इंतजाम के पश्चात जिस चीज पर ध्यान देना चाहिए वह है #शिक्षा अर्थात #ज्ञान अर्जित करना।

स्वयं शिक्षित बने, ज्ञान अर्जित करें। और दूसरों को शिक्षित होने में मदद करें। यदि शिक्षित होने में हम दूसरों की मदद करेंगे तो इससे बड़ी नैतिकता व धर्म का दूसरा कोई कार्य नहीं हो सकता है। अतः जहां भी शिक्षा में दूसरों की मदद करने का मौका मिले तो उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए, खासकर यदि बालिकाओं की शिक्षा के लिए कोई संस्था जैसे #ट्राईबल_हेल्पिंग_हैंड (THHS), #सोच_बदलो_गांव_बदलो_टीम (SBGBT) व अन्य सहयोग कर रही है तो उनको अवश्य ही आर्थिक व अन्य हर प्रकार की मदद करें। #Help_others_in_education

सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
मो. 8209258619

4 comments:

  1. अप्प दीपो भव... शिक्षा हुनर वह औजार है जो आम आदमी को प्रतिष्ठा-यश-धन-ताकत सब से नवाज सकती है

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  2. शिक्षा और ज्ञान में, शिक्षा वो पहला चरण है जिसे पार करना अनिवार्य है l जीवन का मतलब समझना हो, जीवन को उन्नत
    बनाना हो तो, शिक्षा ही वह जीवन का सूत्र है जो एक आदमी को फ़रिश्ता बनाती है और शिक्षा ही ज्ञान का आधार है l इस पर प्रत्येक मनुष्य का अधिकार के साथ साथ, इसे अर्जित करना अतिआवश्यक है l इसलिए यह विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है और इससे ज्यादा वो व्यक्ति महत्वपूर्ण है जो इस शिक्षा और ज्ञान को मनुष्य जाति में, सूर्य के प्रकाश की तरह चारों दिशाओं में फैलाता है और उसी को पूज्यनीय गुरु कहते हैं और यही गुरु ब्राह्मा के समान स्थान पाता है l

    लखन लाल मीना
    Senior section Engineer of Railway Electrification unit, Jaipur

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