Tuesday 16 June 2020

अनावश्यक प्रतिक्रिया करने से बचना सीखें। Learn not to react disproportionately.

rpmwu356 dated 16.06.2020
लोगों के भड़काने व भटकाने से अपने लक्ष्य प्राप्त करने के अभियान से ध्यान नहीं हटाएं। दूसरों के उकसावे पर रिएक्शन देते समय ध्यान रहे कि हम सब अनावश्यक प्रपंच में तो नहीं पड़ रहे है? लम्बा चलना है अतः #हाई_बीम को ऑन रखकर काम करें, छोटी मोटी चीजों को नजरअंदाज करें। निम्नलिखित कहानी से आसानी से बात समझी जा सकती है - 

एक गधा पेड़ से बंधा था। एक बदमाश आया और उसे खोल गया। गधा स्वतंत्र होकर खेतों की ओर भाग निकला और खड़ी फसल को नुकसान करने लगा। किसान की पत्नी ने यह देखा तो गुस्से में जोर से मारने पर गधे की टांग टूट गई। 

गधे की टूटी टांग देखकर गधे के मालिक को बहुत गुस्सा आया और उसने किसान की पत्नी को गाली-गलौज की व पीट डाला । 

पत्नी की पिटाई की बात सुनकर किसान को इतना गुस्से में आ गया कि उसने गधे के मालिक को पीटा और उसका सिर फोड़ दिया।

गधे के मालिक की पत्नी ने जब पति की भयंकर पिटाई की खबर सुनी तो गुस्से में उसके बेटों से कहा कि किसान का घर जला दो।

बेटे शाम को गए और मां के आदेश को पूरा कर आए। उन्होंने मान लिया कि किसान भी घर के साथ जल गया होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसान वापस आया और उसने गधे के मालिक की पत्नी और बेटों, तीनों की जमकर पिटाई कर दी।

इसके बाद उसे पछतावा हुआ और उसने स्वयं से पूछा कि यह सब नहीं होना चाहिए था। ऐसा क्यों हुआ?

अंदर से उत्तर मिला कि, 'दूसरे ने कुछ नहीं किया। दूसरे ने तो सिर्फ गधा खोला था या फिर अपने आप खुल गया हो, लेकिन तुम सभी ने बिना सोचे समझे जरूरत से ज्यादा #रिऐक्ट व #ओवर_रिऐक्ट किया और अपने अंदर के अनकंट्रोलड् विकारों को बाहर आने दिया। इसलिए अगली बार जब भी किसी को जवाब देने, प्रतिक्रिया देने, किसी से बदला लेने से पहले एक लम्हे के लिए रुकना और नतीजे के बारे में सोचना जरूर।'

!! ध्यान रहे कि उपरोक्तानुसार कई बार दूसरे लोग जानबूझकर हमारे बीच सिर्फ उकसाने व भड़काने का एक छोट सा मुद्दा पेश करते है और बाकी विनाश हम खुद ही कर लेते हैं !!

सादर
Raghuveer Prasad Meena

1 comment:

  1. गांधीवादी विचारधारा के मित्र के लेख में गांधीगीरी का उन्नत समावेश है...

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Thank you for reading and commenting.