Thursday 3 June 2021

बीज व पेड़ में जिस प्रकार का सम्बन्ध है वैसा ही सम्बन्ध हमारे कृत्यों व जीवन की परिस्थितियों में होता है। छोटे बीज से विकसित पेड़ बहुत बड़ा आकार ले सकता है, इसी प्रकार हमारे अच्छे या बुरे कर्म स्वरूप बीज विकसित होकर जीवन में तदनुसार परिस्थितियां उत्पन्न करते है।

rpmwu385 dt. 03.06.2021
बीज छोटा होता है परन्तु उससे विकसित पेड़ बहुत बड़ा हो सकता है। और बीज जिस चीज का होता है पेड़ भी उसी का होगा। कभी इमली के बीज से आम का पेड़ नहीं उग सकता है। अर्थात् जैसा बीज वैसा पेड़।

उपरोक्त से हमें यह समझना चाहिए कि हम जो भी कृत्य करते है वह कितना भी छोटा क्यों न हो, चाहे छुप कर किये गये हो परंतु उसके होने वाले परिणाम बहुत बड़े हो सकते हैं और उस कृत्य के तदनुसार ही परिस्थितियां बनती है। अतः जो लोग अच्छे कार्य करते हैं उन्हें जीवन में अच्छी परिस्थितियां मिलती है एवं जो गलत कार्य करते हैं उन्हें जीवन में खराब परिस्थितियां मिलना निश्चित है। 

प्रकृति के समय के अंतराल की तुलना में मनुष्य का जीवनकाल बहुत ही सुक्ष्म होता है। अतः हो सकता बीज बोने अर्थात् कृत्य करने से पेड़ बनने यानि परिस्थितियां बनने में एक से अधिक पीढ़ी लग जाये। परन्तु कर्मो का उनके अनुरूप फल अवश्य प्राप्त होता है। इसप्रकार जो भी व्यक्ति गलत कार्य करते है वे अदूरदर्शी होते है एवं स्यंव या भावी पीढ़ियों के नुकसान का ही बीज बोते है।

मनुष्य को उपरोक्त से सीख लेकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गलत कार्य व दूसरों को बेवजह हानि पहुंचाने इत्यादि से बचना चाहिए।दीर्घकाल में स्वयं उसका व उसकी भावी पीढ़ियों का ही भला होगा।

सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना 


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