rpmwu172 dt. 17.12.2018 एवं समय समय पर अपडेटेड।
पाँचना बाँध का निर्माण करौली शहर 12 किलोमीटर दूर पाँच नदियों 1. बरखेड़ा 2. भद्रावती 3. मॉची 4. भैसावट 5. अटाकी के संगम से बनी गम्भीर नदी पर हिण्डौन-करौली मार्ग पर गुडला के पास किया गया है। इसका निर्माण वर्ष 1977 से लेकर 2004 के मध्य विभिन्न चरणों में लगभग 125 करोड़ रूपये की लागत से संपन्न हुआ। महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जब नहर की प्लानिंग हुई थी तब करौली सवाईमाधोपुर डिस्ट्रिक्ट का ही हिस्सा था क्योंकि करौली 1997 में राजस्थान का 32 वां जिला बना था। इस बाँध की भराव क्षमता 2100 मिलियन क्यूबिक फीट (5947 करोड़ लीटर) , 240 डैड व 1860 लाइव स्टोरेज है अर्थात् इस बाँध से 1860 एमसीएफटी (5267 करोड़ लीटर) पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध हो सकता है।
पाँचना बाँध का कुल कमाण्ड क्षेत्र 9985 हैक्टेयर (39478 बीघा), 35 गांवों में है जोकि दो जिलों सवाई माधोपुर व करौली में विभाजित है। करौली जिले के 18 गाँवों की 4895.93 हैक्टेयर व सवाई माधोपुर के 17 गाँवों की 5089.03 हैक्टेयर भूमि कमाण्ड क्षेत्र में आती है। इसकेे अलावा 12 और गाँँवों की भूमि भी सिंचित होती है। इस प्रकार कुल 47 गाँवों की भूमि सिंचित होती है।
एक बीघा खेत का क्षेत्रफल 165 फीट x 165 फीट = 27225 वर्गफीट होता है। एक बार की सिंचाई हेतु भूमि को लगभग 4 इंच अर्थात् 4/12 =1/3 फीट पानी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार एक बीघा खेत की सिंचाई के लिए 27225 x 1/3 = 9075 घन फीट पानी की आवश्यकता रहती है। पाँचना बाँध की सिंचाई क्षमता के अनुसार इस बाँध से 204959 बीघा भूमि को एक बार या कमाण्ड क्षेत्र की भूमि को 5 बार भराया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस डैम की नहरों में वर्ष 1991-91 से 2005-06 के बीच, 13 सालों तक पानी छोड़ा गया। परन्तु अब वर्ष 2006 अर्थात 14 वर्षो से बेवजह उदासीनता के कारण नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। जिससे क्षेत्र के सभी समाजो की लगभग 1. 25 लाख से भी ज्यादा जनसँख्या भयंकर तरह से परेशान व कुपित है। इसी प्रकार गुड़ला लिफ्ट परियोजना के प्रोजेक्ट में भयंकर देरी होने से वहां के किसान भी दुखी है।
सूचना के अधिकार के तहत् मेरे द्वारा माँगी गई सूचना के अनुसार वर्ष 2004 से 2006 तक 9985 हैक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई परन्तु वर्ष 2006 के उपरान्त बाँध में पानी की अवाक होने के बावजूद भी बिना ठोस कारणों के नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। पाँचना डैम कमांड एरिया विकास परिषद की माँग या अन्य किसी कारण से 13 वर्षो के पश्चात् दिनांक 10 जून 2020 को दिन में 1 बजे के आसपास नहर में पानी खोला गया परन्तु स्थानीय लोगों के विरोध के कारण उसे दिनांक 11 जून 2020 को सुबह ही बंद कर दिया गया।
नहरों में पानी नहीं छोड़ने के कारण कमाण्ड क्षेत्र के गाँवों के किसानों को निम्नलिखित हानियां हो रही है -
1. सिंचित व असिंचित फसल के उत्पादन की मात्रा में अन्तर के कारण किसानों को प्रति वर्ष लगभग 100 करोड़ रूपये से ज्यादा की आर्थिक हानि होती हैं। नहर में सिंचाई हेतु पिछले 14 वर्षो से पानी नहीं आने के कारण कमांड एरिया के किसानों को अब तक रु. 1400 करोड़ व गुड़ला लिफ्ट परियोजना के किसानों को प्रोजेक्ट में भयंकर देरी होने से रु. 160 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चूका है।
2. जिन थोड़े बहुत किसानों के पास भूजल की उपलब्धता है, सिंचाई हेतु पानी उपयोग करने के लिए उन्हें बिजली व डीजल संचालित उपकरणों का प्रयोग करना पड़ता है जिससे कृषि उत्पादन की लागत बहुत अधिक बढ़ जाती है।
3. भूमि क्रय-विक्रय के समय रजिस्ट्री के चार्ज तथा भेज कमाण्ड एरिया होने के कारण बढ़ी हुई दर से लगते है।
4. ट्यूबेल व पम्पिंगसेट के माध्यम से भू-जल के अधिक दोहन की वजह से भू-जल का स्तर बहुत नीचे चला गया है जिससे पीने के पानी तक की समस्या हो जाती है। बोरवेल से फ़्लोराइडयुक्त खारे पानी के कारण ज़मीन की उर्वरकता ख़राब हो रही है। कुछ गांवों में तो बाहर से मिट्टी लानी पड़ती है।
5.पानी की कमी के कारण चारा नहीं होने से पशुपालन का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
6. पानी की किल्लत से खेती नहीं होने के कारण कम भूमि वाले कृषको को रोजगार के लिए क्षेत्र से शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
7. रोजगार नहीं होने से युवा विभिन्न प्रकार की असामाजिक गतिविधियों एवं स्मैक जैसे ख़तरनाक नशे के शिकार हो रहें है।
8. पांचना डैम के लगातार भरे रहने से भराव क्षेत्र में हमेशा पानी रहता है जिसके कारण वहां पहले गर्मियों के दिनों में माली जो सब्जी करते थे उनका रोजगार छीन गया हैं और आसपास के लोगों के ताजा सब्जियां भी नहीं मिलती है।
9. आमदनी नहीं होने से क्षेत्र के किसान कर्जदार बन रहें हैं। बच्चों को शिक्षा दिलाने तक में गंभीर समस्याएं आ रहीं है।
10. क्षेत्र की जनता की आर्थिक स्थिति ख़राब होने से व्यवसाय करने वाले लोगों व मजदूरों और सभी की हालत भी ख़राब हो रही है।
11. नहर में पानी नहीं खोलने से सरकार की छबि भी खराब हो रही है। सम्पूर्ण व्यवस्था के प्रति नागरिकों के मन में ख़राब भाव आता है।
आस पास के लोगों की मांग के अनुसार 13 गांवों की लगभग 8000 बीघा ज़मीन की सिंचाई हेतु 200 एम.सी.एफ़.टी. पानी देने के लिए 13.21 करोड़ रूपये की लागत से लिफ्ट योजना बनाने हेतु 2010-11 से निर्माण कार्य अत्यंत धीमी गति से चल ही रहा है। कार्य लगभग सम्पूर्ण हो चूका हैं। फिर भी कंमांड एरिया के गॉंवों हेतु नहर में पानी नहीं खोला जाना, सरकार व् राजनेताओं की किसानों के दुःख के प्रति उदासीनता दर्शाता है एवम यह भी लगता है कि सरकार असामाजिक तत्वों का साथ दे रही है।
14 वर्षों में गरीब किसानों को 1400 करोड़ का जो नुकसान हुआ है वह 1400 करोड़ के भ्रष्टाचार से भी ख़राब है फिर भी जिम्मेदार लोग सो रहे है। इन 14 वर्षों में बिना नहरों में पानी खोले, पाँचना डैम से सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों को लगातार सैलरी व भत्ते दिए जा रहे है। विरोध का केवल नाम है, 14 वर्षों में किसी के भी विरुद्ध कोई कार्रवाई तक नहीं हुई है। सभी जिम्मेदार लोग असंवेदशीलता व निकम्मेपन का परिचय दे रहे है, जो कि शर्मनाक है।
आवश्यकता है कि सरकार, सभी पार्टियो के राजनेता व समझदार समाज सेवी कंमांड एरिया के गॉंवों के किसानों की पीड़ा को समझे एवम पांचना बांध की नहर में पानी खुलवायें । व्यक्तिगत तौर पर हम सभी राजस्थान संपर्क पोर्टल व ट्विटर पर नहर में पानी खुलवाने के लिए सरकार से अनुरोध/शिकायत करें एवम अपने अपने जानकर नेताओ से भी कुछ करने हेतु निवेदन करें ताकि एक जनजागृति पैदा करने में हम हमारा रोल तो अदा कर सके।
पांचना डैम के कमांड एरिया की नहर में पानी खुलवाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाकर योजनाबद्ध मुहिम चलाने के लिए एक गूगल फॉर्म डिज़ाइन किया गया है। कमांड एरिया के गांवों व दूसरे सभी इच्छुक सामजिक कार्यकर्त्ता कृपया अपनी जानकारी इस फॉर्म में उपलब्ध करवाएं एवं ट्विटर अकाउंट बनायें ताकि रणनीति के मुताबिक क्षेत्र के लोगों की आवाज़ उठाई जा सके। अधिक जानकारी व सुझावों के लिए श्री रघुवीर प्रसाद मीना, मो. 8209258619, ग्राम - पीलोदा से संपर्क कर सकते है।
जानकारी भरने के लिए गूगल फॉर्म की लिंक हेतु इस लाईन को क्लिक करें। https://bit.ly/369auoz
आवश्यकता महसूस होने पर पांचना डैम कमांड एरिया विकास परिषद का गठन किया जायेगा जिसके निम्नलिखित उदेश्य होंगे -
दिनांक 19.05.2020 पांचना डैम की नहरों में पानी खोलने के सम्बन्ध में फेसबुक लाइव कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। देखने के लिए कृपया नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें एवं आपके सुझाव अवश्य दें।
इस मुहिम में जुड़ने हेतु गूगल फॉर्म की लिंक नीचे दी हुई है -
इच्छुक सामाजिक कार्यकर्ता इस गूगल फॉर्म में जानकारी भर सकते हैं और इसे दूसरों को जानकारी भरने के लिए शैयर भी कर सकते हैं। साथ में जिनके पास व्हाट्सप्प वाला मोबाइल नहीं है उनकी जानकारी भरने में मदद करें।
अभी तक पांचना डैम से नहर में पानी खुलवाने के लिए चलाई जाने वाली मुहिम हेतु जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जानकारी भरी है, उनकी समरी निम्न लिंक पर देखी जा सकती है।
फेसबुक पर #पांचना_डैम_कमांड_एरिया_विकास_परिषद के नाम से एक #पब्लिक_ग्रुप, पांचना डैम के कमांड एरिया की नहरों में पानी खुलवाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक मंच बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है। इस ग्रुप के माध्यम से आपसी विचार विमर्श एवं सूचनाएँ सुलभता से सम्प्रेषित हो सकेगी। सभी इच्छुक सामाजिक कार्यकर्ता एवं भाई बहन कृपया इस ग्रुप का हिस्सा बने और साथ में अपना ट्विटर अकाउंट भी बनायें ताकि रणनीति के मुताबिक क्षेत्र के लोगों के दुःख को समझाने और उसके समाधान के लिए आवाज़ उठाई जा सके। अधिक जानकारी व सुझावों के लिए श्री रघुवीर प्रसाद मीना, मो. 8209258619, ग्राम - पीलोदा से संपर्क कर सकते है। #फेसबुक पर #पांचना_डैम_कमांड_एरिया_विकास_परिषद से जुड़ने के लिए निम्न लिंक को क्लिक करके ग्रुप को ज्वाइन करे।
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अभियान के विभिन्न पोस्टर्स, फोटो व वीडियो निम्न लिंक्स पर देखें जा सकते है -
कृपया जनहित में किसानों की आवाज़ बने और उनको न्याय दिलाने की मुहिम का हिस्सा बने।
धन्यवाद।
रघुवीर प्रसाद मीना
ग्राम - पीलोदा
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