rpmwu177
20.12.2018
ब्राॅड Vs नैरो (Broad Vs Narrow) सोच का जीवन पर प्रभाव।
सभी ने सुना होगा की रेलवे की पटरियों के विभिन्न गेज यथा ब्रॉडगेज, स्टैन्डर्डगेज, मीटरगेज और नैरोगेज इत्यादि होते है। ब्रॉड गेज पर गाड़ियां नैरोगेज की तुलना में तेज गति से चलती हैं। जीवन में भी इसी प्रकार यदि व्यक्ति की सोच ब्रॉड (व्यापक) है तो वह ज्यादा सफल होगा और यदि उसकी सोच नैरो (संकुचित) है तो वह कम सफल होगा। इसलिए व्यक्ति को जीवन में ब्रॉड दृश्टिकोण रखने की आवश्यकता है।
राजनीतिक जीवन में भी यदि किसी राजनेता पर समाज विशेष का स्टैंप लग जाता है तो वह ज्यादा उन्नति नहीं कर सकता है। और ना ही अपने स्वयं के समाज का चाहेनुसार भला कर सकता है क्योंकि वह सामान्यतः ऐसी पोजीशन पर पहुंच ही नहीं पाता है जहां से किसी का भी बहुत अधिक भला कर सके। आज तक जितने भी लोग राजनीति में सफल हुए हैं वे सब व्यापक दृष्टिकोण वाले ही है। अतः राजनीति में सफल होने के लिए सभी को साथ लेकर चलना होगा एवं सभी के विकास व कल्याण की कामना का ध्येय रखना पड़ेगा।
यदि हमारे समाज को वास्तव में राजनीति, बिजनेस या अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो हमें दूसरे लोगों को साथ लेकर व्यापक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना ही होगा। अन्यथा संकुचित सोच के साथ आगे बढ़ना संभव नहीं है। यह बात समाज के साथ व्यक्तिगत जीवन मैं भी उतनी ही खरी है। अत: सफलता के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाएं और सभी को साथ लेकर चले।
रघुवीर प्रसाद मीना
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