Tuesday 11 December 2018

किसानों की व्यथा।

rpmwu165
10.12.2018

किसान व अंतिम उपभोक्ता एक नज़र में -
मरता मैं भी हूँ और मरते तुम भी हो।
मैं सस्ता बेच के मरता हूं और
तुम महंगा खरीद के मरते हो।
केवल मिडिलमेन ही मार रहा हम दोनों को।
सरकार जो रक्षक है वह बनी हुई है तमाशबीन।
संलग्न लेख में किसानों की दशा को जोरदार तरीके से बताया गया है। किसानों का उत्पाद बहुत ही कम दाम पर बिकता है और खरीद करने वाले अंतिम उपभोक्ता बहुत ऊंचे दाम पर चीजों को खरीदते हैं। मिडिलमेन जो कि किसानों व अंतिम उपभोक्ताओं की तुलना में बहुत ही कम संख्या हैं, वे बहुत अधिक मार्जिन की बचत करते हैं। जो कि किसान व उपभोक्ता दोनों को ही मारता हैं। उदाहरणार्थ यदि किसान टमाटर ₹2 किलो बेचता है तो उपभोक्ता के पास वह ₹20 किलो तक पहुंचता है। सरकार को चाहिए कि वह इस भयावह मार्जिन को कम करने का उपाय करें ताकि किसान को फसल बेचने से ₹10 मिले और उपभोक्ता को सामग्री ₹12 में मिले। दोनों को ही ₹8 का लाभ मिल सके।
किसान व उपभोक्ताओं की वेदना को कम करने के निम्न उपाय हो सकते हैं -
1. आवश्यकता है उपभोक्ता व किसान का अधिक से अधिक डायरेक्ट कनेक्शन हो व मिडिलमेन का रोल कम हो जाए।
2. फसल सीजन के हिसाब से पैदा होती है। जब पैदा होती है तो एक साथ भारी वोल्यूम में पैदा होती है जिसका एक साथ कन्जम्पशन (उपभोग) होना संभव नहीं है। अतः स्टोरेज के संसाधनों का विकास करना होगा।
3.  प्रोसेसिंग यूनिटस् फसल के पैदा होने की जगह के आसपास लगाई जाएँ ताकि किसान उनके उत्पाद को उचित दर पर सीधा प्रोसेसिंग यूनिटस् में भेज सकें और तैयार की गई वस्तु भी कम लागत में तैयार हो जाये और उपभोक्ताओं को भी सही दाम पर मिल सके।
4. फसल हेतु उर्वरक व कीटनाशक दवाइयां सही दाम एवं समय पर उपलब्ध हो और उनकी ब्लैक मार्केटिंग नहीं हो।
5. फसल पैदा करने के लिए जो पानी चाहिये उसकी उपलब्धता आसानी से होनी चाहिए। उसके लिए फॉर्म पोन्डस् या पानी बचाने की तकनीकी संसाधन किसान को कम दाम पर मुहैया कराये जाएं।
6. बिजली या डीजल की दरें न्यूनतम होनी चाहिए।
7. किसानों को भी चाहिए कि वे उनकी स्किल को डेवलप करें और नई तकनीकी का उपयोग कर कृषि कार्य करें ताकि कम लागत में अधिक पैदावार हो सके।
8.  सरकार को भी चाहिए कि जो लोग अच्छा पैदा कर रहे हैं उन्हें सम्मान व पहचान दें ताकि दूसरे किसान प्रोत्साहित हो सके।
9. सरकार को उन संस्थाओं एवं सिस्टम्स को प्रोत्साहित करना चाहिए जिनमें मिडल में का मार्जिन कम रहता है और किसानों फसल का सही दाम मिले व अंतिम उपभोक्ताओं को भी सही दाम पर चीजें मिले।
10. श्री पिंटू पहाड़ी व अन्य समझदार व्यक्ति इस विषय पर अक्सर लगातार लोगों को अवगत कराते रहते हैं, उनकी जानकारी का लाभ उठाएं। उनसे सीख कर एफिशिएंट तरीके से खेती करें।
रघुवीर प्रसाद मीना

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