rpmwu209
23.03.2019
#जागरूक #मतदाता व #सही #उम्मीदवार का सलेक्शन ।
अक्सर चुनावों के बाद #मतदाता #ठगा सा #महसूस करते हैं और शिकायत करते रहते हैं कि पार्टियां अच्छे लोगों को टिकट नहीं देती है। वोटर्स को जो भी पार्टियों के उम्मीदवार होते है उन्हें वोट करना पड़ता है अन्यथा नोटा पर वोट देते हैं जिससे कोई लाभ नहीं।
मैं सभी मतदाताओं को बताना चाहता हूं कि वे अपने आप की #ताकत को समझें और टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, ईमेल व इंस्टाग्राम इत्यादि के इस युग में भली-भांति राजनीतिक पार्टियों को अच्छे व #योग्य #उम्मीदवार के #सलेक्शन करने में मदद कर सकते हैं। मतदाताओं को चाहिए कि वे वास्तव में राजनीतिक पार्टियों को अच्छे व योग्य उम्मीदवार चुनने में मदद करें और उन्हें समय पर सही #फीडबैक दें। राजनीतिक पार्टियां स्वयं भी चाहती है कि अच्छे व योग्य उम्मीदवार उनके कैंडिडेट बने परंतु समुचित फीडबैक के अभाव में उन्हें पुराने नेताओं या उनके परिवारजनों को ही उम्मीदवार बनाना पड़ता है। जिससे बाद में मतदाता दुखी रहते हैं और पार्टियों को अच्छा उम्मीदवार नहीं मिल पाता है और जो भी कैंडिडेट उपलब्ध है उन्हें ही वोट करना पड़ता है।
मतदाताओं को चाहिए कि #प्रथम #चरण में वे जिसे भी चुनाव हेतु #उपयुक्त #कैंडिडेट समझें उनके #सलेक्शन के बारे में समय पर टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से पार्टियों के प्रमुख नेताओं को फीडबैक दें तथा #द्वितीय #चरण में जब वोटिंग हो तो आवश्यक रूप से वोट डालें यदि आ नहीं सकते हैं तो पोस्टल बैलट के माध्यम से वोटिंग करें परंतु यह प्रण ले लें कि #वोट #अवश्य ही #करना है।
रघुवीर प्रसाद मीना
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