Tuesday 20 July 2021

श्री प्रभु लाल देवन्द सर - गुणवत्तायुक्त जीवनमूल्यों से ओतपोत्र व्यक्तित्व एवं अरावली विचार मंच के प्रधान पैट्रन (संरक्षक)

(05-07-1944 से 17-07-2021, 77 वर्ष 12 दिन) 
श्री प्रभु लाल देवन्द (से.नि.मेजर) भारतीय रेलवे की इंडियन रेलवे सर्विसेज ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियर के 1971 बैच के बेहद सफल व तकनीकी ज्ञान से परिपूर्ण अधिकारी रहे। उनके गौरवपूर्ण सेवा काल के दौरान उन्होंने रेलवे के अनेकों महत्वपूर्ण संस्थानों यथा पश्चिम रेलवे, मुंबई, अनुसंधान, डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, गुहाटी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, अजमेर  व उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर में मुख्य कारखाना प्रबंधक, लोअर परेल वर्कशाप, मुम्बई, चैयरमेन रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, अजमेर, अपर मंडल रेल प्रबंधक, जयपुर तथा चीफ़ वर्कशॉप इंजीनियर, पश्चिम रेलवे, चर्चगेट,मुम्बई व उपरे, जयपुर के सम्मानित व विशिष्ट पदों पर सफलता पूर्वक दक्षतापूर्ण कार्य किया और वे वर्ष 2004 में सेवानिवृत्त हुए। रेल इंडिया टेक्नीकल एंड़ इकोनॉमिक सर्विसेज (राइट्स) के प्रोजेक्ट्स में डीज़ल लोको के संचालन व रखरखाव हेतु अफ्रीकी देशों में भी भारतीय रेल के साथ देश का नाम रोशन किया। श्री प्रभु लाल देवन्द सर ने जीवन के हर क्षेत्र में गुणवत्ता व सिस्टम्स पर बहुत महत्त्व दिया। जयपुर मंडल में आईएसओ लगाने की बात हो या  रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, अजमेर की छबि को सुधारने का मसला हो या आरडीएसओ में विभिन्न डिजाइनों से सम्बंधित मसले हो, उनके योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा।

श्री देवन्द साहब का मानना था कि सेवानिवृत्ति के पश्चात व्यक्ति थर्ड लाइफ (तीसरी जिंदगी) जीता है जिसमें वह बहुत पॉवरफुल होता है क्योंकि उसके पास समुचित समय, धन व अनुभव से परिपूर्ण होता है। उनकी थर्ड लाइफ में उन्होंने हैल्थ व वेलनेस के क्षेत्र में जनहित के लिए जोरदार उदाहरणार्थ कार्य किया। देवन्द साहब विभिन्न विषयों पर बहुत सारी किताबें पढ़ते थे और हमेशा नई चीजें सीखने में विश्वास रखते थे। सेवानिवृत्ति के पश्चात् दौड़ने की टेक्निक सीखी और उन्होंने अनेकों बार 42 किलोमीटर की मैराथन दौड़ न केवल पूर्ण की अपितु उनकी कैटेगरी में प्रथम स्थान पर भी आये। उनके मोटिवेशन से अनेको युवा मित्रों ने भी मैराथन दौड़ना प्रारंभ की और जिसे गर्व के साथ पूर्ण करते रहे। मैराथन जैसी कठिन दौड़ को सरलता से पूर्ण करने हेतु श्री प्रभु लाल देवन्द सर द्बारा बताई गई टिप्स व टेक्निकस् को याद करते हुए वे सभी अपने आप को उनके सानिध्य प्राप्त होने के लिए बेहद सौभाग्यशाली समझते है। श्री देवन्द साहब ने खुले दिल से सभी को अपना पोस्चर सही रखने, श्वास लेने की सही विधि, बैलेंस्ड डाइट इत्यादि के बारे में आगे से जाकर जानकारी देकर लाभान्वित किया। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक बैलेंस व नैतिक मूल्य बेहतर करने हेतु उन्होंने जीवन विद्या की पद्धति को पहले स्वयं सीखा और फिर दूसरों को उसके प्रति उत्साहित किया। अनेकों लोगों को मेन्टरिंग के माध्यम से श्री देवन्द साहब ने जीवन की राह में गाईड किया। वे चाहते थे कि मेन्टरिंग को व्यवस्थित तरीके से अपनाकर बड़े स्तर पर लोगों का भला किया जाये ताकि बेहतर समाज का सृजन हो सके।

देश के आदिवासियों के लिए एक कल्याण व उत्थान हेतु थिंक टैंक विकसित करने के उद्देश्य से आदिवासी अधिकारियों व समकक्ष की सामाजिक संस्था अरावली विचार मंच की सन् 2003 में स्थापना की। श्री प्रभु लाल देवन्द अरावली विचार मंच के प्रथम आजन्म संरक्षक एवं अध्यक्ष थे। जब संस्था का रजिस्ट्रेशन हुआ था उसी वक्त उन्होंने रू. 15000/- का आशान्वित सहयोग देकर, वे आजन्म संरक्षक के रूप में सदस्यता ग्रहण करने वाले केवल एकमात्र व्यक्ति थे। अरावली विचार मंच के प्रत्येक उद्देश्य को निर्धारित करने मेंं श्री देवन्द साहब ने बहुत सोच-विचार, ऊर्जा व समय लगाया। प्रमुख रूप से अरावली विचार मंच के निम्नांकित उद्देश्य तय किये गए - 
1. सदस्यों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए उनके बीच आपसी सहयोग के आधार पर भ्रातृत्व भाव विकसित करना व उनके व्यक्तित्व निर्माण हेतु      विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन तथा उनकी समस्याओं के निदान हेतु प्रयत्न करना।
2. सदस्यों में देश प्रेम, आत्मविश्वास, स्वाभिमान तथा मानवीय गुणों का सर्वांगीण विकास करना।
3. समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों जैसे बालविवाह, दहेज प्रथा, नशाखोरी आदि से मुक्त होने हेतु कार्यक्रम बनाना व जागरूकता उत्पन्न करना।
4. समाज में बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना, प्रौढ़ शिक्षा का प्रसार करना व सीमित परिवार अपनाने हेतु लोगों को जागरूक करना।
5. बुजुर्गों के प्रति सम्मान एवं उनके प्रति सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना।
6. कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए व्यवस्था में व्याप्त कमजोरियों को उजागर करना तथा सामाजिक न्याय दिलवाने के लिए कार्य योजना बनाना        तथा क्रियान्वयन करना।
7. सेवाभावी, सेवानिवृत्त प्रतिभाओं को संगठित करना तथा उनके माध्यम से युवा वर्ग की प्रच्छन्न प्रतिभा एवं शक्तियों के रचनात्मक मार्गदर्शन हेतु नेटवर्क      बनाना तथा क्रियान्वयन करना।
8. बच्चों, महिलाओं, अपंग-अपाहिजों तथा कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण के लिए प्रयत्न करना।
9. समान विचारधारा वाले व्यक्तियों /समूहों से विचारों का आदान-प्रदान करना ।
10. खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
11. समाज की होनहार प्रतिभाओं का उचित मार्ग दर्शन एवं सम्मान करना व उनमें से निर्धनों को आर्थिक सहायता देना।
12. पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन करना।
कालांतर में अरावली विचार मंच को उन्होंने एक छोटे पौधे से पेड़ बनाने में अतिविशेष योगदान दिया। सदस्यों में आपस में सकारात्मक संवाद व सहकारिता कायम करने में उनकी विशिष्ट भूमिका रही। श्री प्रभु लाल देवन्द, प्रधान पैट्रन (संरक्षक) के सानिध्य व दिशानिर्देशों में अरावली विचार मंच आदिवासियों के कल्याण से संबंधित मामलों में हमेशा सक्रिय रहा। राजस्थान में एक जाति विशेष के उग्र आंदोलन व अनुचित दबाव के कारण उसको एसटी में शामिल करने पर विचार करने के लिए गठित चोपड़ा समिति को महत्वपूर्ण दस्तावेज, सूचना और गवाह प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मीना-मीणा मुद्दे को समझाने हेतु दूसरी सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर दस्तावेज़ एकत्रित किये, प्रेजेंटेशन दिए, सेमिनार व मीटिंग्स आयोजित करवाई जिससे जनता, नेताओं, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और सरकार को इस मुद्दे को सही रूप से समझने में मदद मिली। स्वदेशी लोगों के अधिकारों से संबंधित मुद्दों के प्रति जनजागृति हेतु अंतर्राष्ट्रीय विश्व आदिवासी दिवस के उत्सव को बड़े स्तर पर वर्ष 2015 से लगातार सेलिब्रेट करके लोकप्रिय बनाया। देश की जनजातियों को एकजुट करने के लिए जयपुर में "अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद" की राष्ट्रीय स्तर की बैठक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करवाने का प्रबंधन संभाला। सदस्यों के परिवार मिलन आयोजनों से महिला सशक्तिकरण के साथ सामाजिक मुद्दों पर अनेकों परिचर्चा की। आर्थिक रूप से कमजोर 24 आदिवासी छात्र-छात्राओं को 12000/- रुपये प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता प्रदान की। 10वीं या 12वीं में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 142 प्रतिभाशाली आदिवासी छात्र-छात्राओं को योग्यता प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित करके उन्हें प्रोत्साहित किया। गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि वाली आदिवासी छात्राओं के लिए प्रताप नगर, जयपुर में छात्रावास के निर्माण हेतु अरावली विचार मंच के सदस्यों द्वारा लगभग 28 लाख रु. का वित्तीय सहयोग स्वयं किया तथा लगभग 36 लाख का सहयोग दूसरे समाज सेवा का भाव रखने वाले महानुभावों व संस्थाओं से प्रदान करवाने में अहम भूमिका निभाई। सामूहिक विवाह सम्मेलनों को बढ़ावा देने के लिए 3 स्थानों पर रू. 83000/- का योगदान दिया। 13/200 पॉइन्ट रोस्टर को समझने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की व्यवस्था की। समय समय पर सामाजिक मुद्दों पर जनजागृति हेतु पत्रिकाएं प्रकाशित की जाती रही। हाल ही में श्री देवन्द साहब की पहल से 3 ई_पत्रिकाएँ 1.जनजातीय समाजों को सशक्त बनाना 2. जनजातीय सशक्तिकरण 3. जनजातीय नेताओं का योगदान प्रकाशित की गई जो कि बेहद जनप्रिय हुई। कोविड़-19 सर्वव्यापी महामारी के समय जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन के पैकेट वितरण के साथ-साथ मुख्यमंत्री कोविड-19 मिटिगेशन कोष में 5 लाख रु. का सहयोग प्रदान किया गया।

श्री प्रभु लाल देवन्द सर को हर व्यक्ति एक सकारात्मक सोच रखने वाला, सिस्टेमेटिक कार्यशैली, जीवन के हर पहलू में गुणवत्ता, दृढ़ संकल्पी, आमजन के लिए मददग़ार, महिला सशक्तिकरण के पुरजोर समर्थक, विश्वास करने योग्य अग्रज, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्तित्व के रूप में हमेशा याद रखेगा। हम सभी उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए कामना करते हुए उनके सपनों व  विचारों को साकार करने के प्रयास करेंगे। ॐ नमः शिवाय। 

सादर
रघुवीर प्रसाद मीना,
मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, भारतीय रेलवे
एवं महासचिव, अरावली विचार मंच।
rpmwu415 dt. 19.07.5021

1 comment:

  1. विनम्र श्रद्धांजलि ।
    परामत्मा उनको उचित स्थान दे ।

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Thank you for reading and commenting.