rpmwu334 dt. 21.04.2020
व्यक्ति की झूठी ईगो और उसका ज्ञान आपस में इनवर्सली प्रोपोर्शनेट होते हैं। अर्थात् यदि किसी व्यक्ति ज्ञान उच्च कोटि का है तो उसकी झूठी ईगो बहुत कम होगी और यदि ज्ञान कम है तो उसकी ईगो बहुत अधिक होगी।
व्यक्ति यदि चाहे तो स्वयं आत्मनिरीक्षण करके पता कर सकता है कि उसके ज्ञान व ईगो की स्थिति कैसी है और सुधारात्मक एक्शन ले सकता है।
Absolutely right but it's depend on sound & sallow knowledge and nature of man.
ReplyDeleteUniversal truth...
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