rpmwu250
28.07.2019
मार्मुगाओ बंदरगाह, वास्को डि गामा, गोआ
#Coal_handling_at_ports
आज दिनांक 28 जुलाई 2019 को सुबह बीच पर जाने के बाद मार्मुगाओ बंदरगाह, वास्को द गामा, गोआ पर शिप से कोल की अनलोड़िग व मालगाड़ियो में साईलोज् के माध्यम से आॅटोमेटिक लोड़िग को देखा व समझा। विभिन्न इकोनॉमिक कारणों से हमारे देश में बाहर से कोल का आयात होता है जोकि बड़े-बड़े पानी के जहाजों में आता है। इन जहाजों की कैपेसिटी 80 हजार टन से 1 लाख 10 हजार टन तक की होती है अर्थात 23 से 31 माल गाड़ियों (59 BOXN, 3500 टन) के बराबर कोल एक जहाज में परिवहन होता है। कोयले को खाली करने के लिए विशेष अनलोडिंग मशीनें को प्रयुक्त किया जाता है। मशीन की एक बकेट में करीब एक वैगन में आने वाला कोयला (लगभग 60 टन) एक बार में खाली हो जाता है। इस प्रकार फिर भी शिप को खाली करने में करीब ढाई दिन का समय लगता है।कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोल पहले स्टेकर्स तक जाता है और वहां से लोडिंग के लिए बनाए गए साइलो में जाता है। साइलो में लगभग ऑटोमेटिक लोडिंग होती है जब वैगन को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है और एक वैगन करीब 2 से 3 मिनट में लोड हो जाता है और इस प्रकार संपूर्ण 59 वैगनो का रेक 2 से 3 घंटे में लोड होता है। लोड़ होते समय भी वैगनस् में ओवर लोड नहीं हो, इस बात का ध्यान रखा जाता है। उसके बाद भी संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेक का इलेक्ट्रॉनिक इनमोशन वे ब्रिज पर वेमेंट होता है।
रेलवे को प्रतिदिन लगभग 7 से 8 लोड़ेड रेख मिलते हैं एवं एक रेक का औसतन किराया लगभग ₹40 लाख होता है, इस प्रकार रेलवे को प्रतिदिन इस पोर्ट से लगभग 3 करोड़ रू. की आय होती है जोकि काफी महत्वपूर्ण है।
सुझाव है कि जब भी आप कहीं बाहर जाए तो टेक्नोलॉजी से संबंधित चीजों को देखने व समझे का प्रयास करे ताकि आपका स्वयं का ज्ञान बढ़ेगा और दूसरों के ज्ञान बढ़ाने में भी मदद कर सकेगें तथा वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।
रघुवीर प्रसाद मीना
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