rpmwu246
19.07.2019
सोनभद्र आदिवासी नरसंहार के लिए जिम्मेदार कौन ?
दरअसल मामला तब का है जब 1955 में बिहार कैडर के एक आईएएस अफसर प्रभात कुमार मिश्रा इस इलाके के कलेक्टर बन कर आये उन्होंने सोनभद्र जिले की मूर्तियां पंचायत के उम्भा और सपही गाँव के गोंड आदिवासियों की लगभग 600 बीघा जमीन प्रशासन के साथ मिलकर अपने नाम करा ली। 1989 में यह जमीन आईएएस की पत्नी, बच्चो और आदर्श सोसाइटी के नाम करा दी।
गौंड आदिवासी इस ज़मीन पर पिछले हजारों सालों से रहते आ रहे थे लेकिन सरकारों की लापरवाही के चलते उन्हें भूमि पर पट्टे नही दिए गए थे। ऐसे में आदिवासी जमीन को जोत, बो रहे थे लेकिन मालिक प्रसाशन की मदद से मिश्रा जी बन गए। 2006 के वनाधिकार कानून के बाद जब आदिवासियों को जमीन पर पट्टे देने का मामला आया। तब पूर्व आईएएस मिश्रा की बेटी ने 160 बीघा जमीन कुछ वर्ष पूर्व उसी गाँव के प्रधान यज्ञदत्त भूरिया को बेच दी।
जब तक जमीन आईएएस नाम पर थी उसके आदमी इस आदिवासियों से लगान (क़ानूनी तौर पर लगान 1952 बंद हो गया) बसूल करते रहे। पूर्व आईएएस की बेटी जमीन से आदिवासियों को बेदखल करना चाहती थी लेकिन अकेले संभव नही था ऐसे में 600 बीघा जमीन में से एक हिस्सा 160 बीघा दबंगों को औने पौने दामों पर बेच दिया ताकि बाकी जमीन खाली कराई जा सके।
पिछले कुछ वर्ष पूर्व से यज्ञदत्त भूरिया इस जमीन पर कब्जा करना चाहता था लेकिन आदिवासी जमीन खाली करने को तैयार नही थे इसी घटना ने नरसंहार की पृष्ठभूमि तैयार की।
घटना के दिन 18 जुलाई 2019 को जमीन को कब्जाने के के लिए यज्ञदत्त भूरिया लगभग 30-32 ट्रेक्टर ट्रॉलियों में भरकर लगभग 200 लोगों के साथ जमीन पर कब्ज़ा करने पहुंचा और जब आदिवासियों ने प्रतिरोध किया तो फायरिंग की परिणाम स्वरुप 10 आदिवासी घटना स्थल पर मारे गए, 4 गंभीर हालत में है, 25 घायल है जिनका इलाज अभी चल रहा है।
अब इस नरसंहार के लिए जिम्मेदार कौन :-
1 :- आईएएस अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा ? जिसने प्रशासन के साथ मिलकर के आदिवासियों की जमीन अपने नाम की ? लेकिन ऐसे तो हजारों मिश्रा है जिन्होंने आदिवासियों की जमीनें अपने या अपने चहेतों के नाम करा राखी है।
2 गाँव का प्रधान यज्ञदत्त भूरिया और उसके लोग ? जिन्होंने आदिवासियों पर गोलीबारी की। तो उत्तर है नही। क्योकि हर आदिवासी बाहुल्य गाँव में एक यज्ञदत्त भूरिया है और आये दिन ऐसे घटनाओ को अंजाम फेटे है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नही होता।
3 सरकारें जिन्होंने आदिवासियों को अभी तक जमीन पर मालिकाना हक़ नहीं दिया ?
4. आदिवासी जो कि सदियों से वहां रहते आ रहे हैं और जमीन के अधिकार का हक मांगते रहे हैं?
1 :- आईएएस अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा ? जिसने प्रशासन के साथ मिलकर के आदिवासियों की जमीन अपने नाम की ? लेकिन ऐसे तो हजारों मिश्रा है जिन्होंने आदिवासियों की जमीनें अपने या अपने चहेतों के नाम करा राखी है।
2 गाँव का प्रधान यज्ञदत्त भूरिया और उसके लोग ? जिन्होंने आदिवासियों पर गोलीबारी की। तो उत्तर है नही। क्योकि हर आदिवासी बाहुल्य गाँव में एक यज्ञदत्त भूरिया है और आये दिन ऐसे घटनाओ को अंजाम फेटे है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नही होता।
3 सरकारें जिन्होंने आदिवासियों को अभी तक जमीन पर मालिकाना हक़ नहीं दिया ?
4. आदिवासी जो कि सदियों से वहां रहते आ रहे हैं और जमीन के अधिकार का हक मांगते रहे हैं?
सरकार, नेताओं व देश के हर आम नागरिक को सोचना व समझना होगा कि आखिरकार हमारे ही देश के आदिवासियों को उनका न्याय संगत हक को क्यों नहीं दिया जा रहा है? उनको हक दिलवाने की मुहिम को पवित्र भावना से परिणाम मिलने तक आगे बढ़ाना होगा।
रघुवीर प्रसाद मीना
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