rpmwu100
09.12.2016
देश की बडी जनसंख्याँ की खराब आर्थिक स्थिति के लिए बिचौलिए भी है प्राथमिक रूप से जिम्मेदार।
बिचौलिए किसान, मजदूर व सामान्य उपभोक्ता के हक को मारते है। मंडी में काम करने वाले बिचौलिए किसान की कडी मेहनत से होने वाली आमदनी से बहुत ज्यादा मार्जिन रखते है। उपभोक्ता तक सामान के पहुँचने तक वह कई लेयरस् में बिचौलियों के माध्यम से गुजरता है। विज्ञापनों के कारण भी सामान की काँस्ट बढती है। यदि किसान 1 रू कमाता है तो बिचौलिए 4 से 10 रू या उससे भी ज्यादा कमाते हैं। एक एस्टिमेट के अनुसार 30 रू की चीज उपभोक्ता को 100 रू में मिलती है।
इसी प्रकार मजदूरों के हक को भी ठेकेदार मारते है। कार्य करवाने वाले विभाग या व्यक्ति व मजदूरो के बीच ठेकेदार भारी मार्जिन रखते है। उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं देते है। मजदूर उनके बच्चो को ठीक ठाक स्कूल तक में भी नहीं पढा पाते है।
सरकार को चाहिये कि बिचौलियों के मार्जिन पर अंकुश लगाये व बनाये गये नियमों की क्रियान्वित करवाये। किसान की फसल के लिए न्यूनतम सपोर्ट प्राईस व मजदूरो के लिए न्यूनतम वेतन को बढ़ाये। सरकार के ऊँचे पदों पर कार्य करने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसान, मजदूर व सामान्य उपभोक्ता को उनका हक दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करे।
रघुवीर प्रसाद मीना
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