rpmwu83
07.09.2016
कई स्थानों पर मीना समुदाय के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनवाने में अभी भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस विषय में मुख्य सचिव श्री ओ. पी. मीना से मुलाकाल की गई, उन्होंने कहा कि जिन्हें भी परेशानी आये वे लोकल प्राधिकारियों से मिल ले एवं यदि समस्या का समाधान नहीं होता है तो उनके पास जाकर समस्या के अवगत कराया जा सकता है। इस क्रम में कल दिनांक 06.09.2016 को अजमेर निवासी श्री अरून कुमार मीणा मेरे सुझाव पर सीधे उनसे जाकर मिले तथा उन्होंने कलेक्टर अजमेर से समस्या के निराकरण हेतु बात की।
हालांकि उक्त तरीका मीना समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही समस्या का स्थाई समाधान नहीं है, परन्तु फिर भी यह रास्ता हमारे लिए खुला है जिसका उपयोग हमे करना चाहिए।
एक और प्रकरण में यह देखने में आया कि पिछले दो वर्षों से इस मसले के बहुत अधिक चर्चा होने के बावजूद भी लोगों को अभी तक यह समझ नहीं आया है कि हमारी अनुसूचित जनजाति का नाम क्या है? एक व्यक्ति ने अनुसूचित जनजाति के कॉलम में हिन्दी में मीणा व अंग्रेजी में Meena दर्शाकर अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया हुआ था। कृपया इस बात को हम सभी को अच्छे से समझ लेना चाहिए कि हमारे समुदाय के लिए संविधान की सूची में हिन्दी में मीना एवं अंग्रेजी में Mina स्पेलिंगस् अधिसूचित है। अतः हम नाम के साथ सरनेम से प्रभावित हुए बिना अनुसूचित जनजाति के कॉलम में हिन्दी में मीना एवं अंग्रेजी में Mina ही दर्शाएं।
शैक्षणिक दस्तावेजों में सरनेम यदि हिंदी में मीणा एवम अंग्रेजी में Meena लिखा हुआ है तो सरनेम को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरनेम जैसा है वैसा ही लिखें, केवल ध्यान यह रखना है कि अनुसूचित जनजाति के प्रमाणपत्र के कॉलम में हिन्दी में मीना एवं अंग्रेजी में Mina दर्शाकर अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र लेने हेतु आवेदन पत्र भरे जायें।
इसी प्रकार अन्य दस्तावेजों में भी हम सभी को अनुसूचित जनजाति के कॉलम में हिन्दी में मीना एवं अंग्रेजी में Mina दर्शाना हैं। सरनेम को परिवर्तित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
रघुवीर प्रसाद मीना
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