Friday 20 August 2021

महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सभी को सकारात्मक पहल करने की जरूरत है।

rpmwu427 dt. 20.08.2021

#rightsofwomen 

#Software की जीवन में अति महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। तालिबान के लोगों की हार्डवेयर (शारीरिक बनावट) सामान्यतः जोरदार रहती है। परन्तु उनके दिमाग की सोफ्टवेयर, धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण #DAP के कारण वायरसों से भयंकर रूप से ग्रसित है। #DAP व बचपन के परवरिश के माहौल की वजह से हर धर्म में बहुत सारे लोगों के मष्तिष्क की सोफ्टवेयर अलग तरह की विकसित हो जाती है। उस धर्म विशेष के लोगों की ही ज्यादा जिम्मेदारी बनती है कि वे देखें कि उनकी जनरेशनस् किस दिशा में जा रही है? कब तक पुरानी रुढ़िवादी रीति रिवाजों को ढ़ोते रहना है? समयानुसार बदलाव करना जरूरी है, नहीं तो चीजें जड़ हो जायेगी। 


अनेकों देशों में पहले महिलाओं को वोट देने एवं पढ़ने का अधिकार नहीं होता था, जिसे समय के अनुसार बदल दिया गया और महिलाओं को वोट देने और पढ़ने का बराबर का अधिकार प्रदान कर दिया है। इसी प्रकार महिलाओं के श्रम का वेतन पुरुषों की तुलना में कम होता था, सरकारें इस ओर भी लगातार प्रयासरत है कि महिलाओं को बराबर वेतन मिले। सरकार में बराबर भागीदारी के बारे में भी विचार किया जा रहा है। 


हिन्दू धर्म में महिलाओं के लिए पूर्व में सती प्रथा, विधवाओं के केश मुंडन, विधवाओं द्वारा पुन:विवाह नहीं करना, महिलाओं को पढ़ने नहीं देना, कम उम्र में माँ बनना, देवदासी बनना जैसी विकृतियां थी, जिन्हें समय के साथ बदल दिया गया और रीति रिवाजों को सही कर लिया गया है।


संसार में हर व्यक्ति की माँ महिला ही होती है। वह महिला के गर्भ से ही जन्म लेता है। उसकी बहने, उसकी पत्नी व उसकी बेटियां भी महिलाएं होती है। फिर भी यदि #DAP के कारण महिलाओं के साथ अत्याचार करें तो यह कैसी अमानवीय सोच है? यदि ऐसा धार्मिक मान्यताओं या रूढ़िवादी रीति-रिवाजों की वजह से हो रहा है तो उन मान्यताओं व रीति-रिवाजों को बदल देने की आवश्यकता है। आखिरकार कब तक पुराने ढ़र्रे पर चलकर पुरूष उसके स्वार्थ हेतु महिलाओं के साथ अत्याचार करता रहेगा?


आवश्यकता है कि जिस भी धर्म या समुदाय में महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है उसके प्रबुद्धजनों को आगे आकर  समाज में लोगों की विचारधारा को बदलने हेतु ठोस व बोल्ड पहल करनी होगी।


दूसरे सभी समझदार पुरूषों व महिलाओं और मीडिया तथा सरकारों एवं संगठनों/संस्थाओं को भी इस विषय में महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों से निजात दिलाने में हरसंभव  सहयोग करने की आवश्यकता है।


सादर

रघुवीर प्रसाद मीना

3 comments:

  1. Nowadays the discrimination towards women in the society will have to be ended and every effort is made to make women aware

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  2. Absolutely right brother 👍

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Thank you for reading and commenting.