rpmwu447 dt. 10.04.2022
रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन के अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ। बचपन में देखते थे कि रामनवमी के दिन सभी के घरों में खीर पूआ (किसानों के पकवान) बनते थे। सभी मिलकर गांव में लहकोड देवी के मंदिर परिसर के पास भरने वाले 2 दिन के मेले के दूसरे दिन बैलगाड़ियों व घोड़ियों की दौड़ तथा कुश्ती दंगल का आनंद लेते थे।
गांवों में पहले लगभग हर वर्ष रामलीला होती थी जिसके माध्यम से भगवान राम के जीवन व उनके चरित्र का नाट्यरूपांतरण होता था। भगवान राम के नाम के आधार पर देश में करोड़ों लोगों के नाम है, जिनमें मेरा नाम भी शामिल है। भगवान राम का चरित्र दूसरों को सुखी करने के लिए स्वयं हेतु दुखद व कठोर जीवन यापन करने का पर्याय है। भगवान राम कभी नहीं चाहते थे कि लोग धार्मिक विश्वास के कारण आपस में लड़े। उनके जीवन से हमेशा नीति पर रहने व त्याग करने की शिक्षा मिलती है।
जो भी व्यक्ति भगवान राम में आस्था रखते है उन्हें चाहिए कि ऐसा जीवन जिये जिससे न केवल दूसरों को अकारण कष्ट नहीं हो बल्कि दूसरो की विपदाओं की समाप्ति हो। दूसरों की प्रसन्नता के लिए त्याग करें। दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें।
सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
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