Thursday 27 October 2016

धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण को नहीं फैलाएं।

rpmwu92
27.10.2016
सभी हवा व पानी के प्रदूषणों के कुप्रभाव से अवगत हैं एवम फटाखों से वातावरण को प्रदूषित नहीं करने की सलाह अक्सर देतें है। गहराई से सोचने से पता चलता है कि इसी प्रकार धार्मिक अंधविश्वास का प्रदूषण भी हमारे चारों ओर व्याप्त है। आने वाले दिनों में दीपावली के पर्व पर इस प्रदूषण में अप्रत्यासित वृद्धि होने की सम्भावना रहती है। लोग धार्मिक अंधविश्वासयुक्त क्रिया-कलापों में कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो जाते हैं, यहाँ तक कि देवी-देवताओं पर जाने के लिये दण्डोक (पटक परिक्रमा) देते हुए जाते हैं। ऐसे क्रिया-कलापों के साथ यात्रा करने से दूर्घटना होने का भारी खतरा रहता है। पढ़े-लिखे लोग या उनके घर वाले जब ऐसा करते हैं तो उन्हें देखकर और कई लोग भी ऐसा करने को प्रेरित होते हैं।

दीपावली के पर्व का वास्तविक संदेश जीवन में अँधेरे को समाप्त कर प्रकाश की ओर बढ़ना है अर्थात् अंधविश्वासपूर्ण मान्यताओं को त्याग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना है। हमें चाहिए कि धार्मिक अंधविश्वासयुक्त प्रदूषण को कम करने में हम सभी अपना-अपना अपेक्षित योगदान प्रदान करें। 

आप सभी को प्रकाश यानि वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर अग्रसर होने के सन्देश देने वाले इस पावन पर्व दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

रघुवीर प्रसाद मीना 

2 comments:

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  2. अंधविश्वासपूर्ण मान्यताओं को त्याग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना है। हमें चाहिए कि धार्मिक अंधविश्वासयुक्त प्रदूषण को कम करने में हम सभी अपना-अपना अपेक्षित योगदान प्रदान करें।
    Thanks Sir

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