Thursday 5 December 2019

सरकारी कर्मियों में संवेदनशीलता व तत्परता जरूरी है, यदि नहीं है तो कर्मी भ्रष्टाचारी के समतुल्य है।

rpmwu290
04.12.2019

सरकारी कर्मियों में संवेदनशीलता व तत्परता जरूरी है, यदि नहीं है तो कर्मी भ्रष्टाचारी के समतुल्य है। 

सभी सरकारी कर्मचारी चाहे वे अधिकारी हो अथवा स्टाफ, उनसे  सरकार व देश के नागरिक अपेक्षा रखते है कि वे उन्हें दी गई जिम्मेदारियों को देश के नागरिकों के हित में सम्पूर्ण संवेदनशीलता के साथ तत्परता से निर्वहन करें।
सभी कर्मियों को उनका कार्य निश्चित रूप से समय पर संपादित करना चाहिए ताकि जिन नागरिकों के हित में कार्य हो रहा है उन्हें अनावश्यक विलम्ब की वजह से नुकसान नहीं उठाना पड़े। साथ में कार्य करते समय दूसरों की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील होने की भी जरूरत है।

बहुत से लोगों को यह कहते हुए सुना जाता है कि वे ईमानदार है किसी से कोई पैसे की लेनदेन नहीं करते हैं, परंतु ऐसे लोग यदि उनसे संबंधित कार्यों को संवेदनशील तरीके से समय पर नहीं करें तो वे उन लोगों को बहुत ठेस पहुंचाते हैं जिनका कार्य विलम्ब के कारण प्रभावित होता है। जो लोग आॅफिसियल कार्य निष्पादित करने में अनावश्यक विलम्ब करते हैं तो उनकी श्रेणी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के समतुल्य ही है।

अत: आवश्यक है कि हर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी को उसकी ड्यूटी से सम्बन्धित कार्य को संपूर्ण संवेदनशीलता के साथ तत्परता से करना चाहिए और कार्य करते समय मन में यह भावना होनी चाहिए कि मेरे समय पर जल्दी कार्य करने से दूसरे व्यक्तियों को कितनी जल्दी लाभ मिल सकता है अथवा उनको हो रहे या होने वाले नुकसान को कितना कम कर सकता हूं।

अत: तत्परता व संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है।

रघुवीर प्रसाद मीना

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