Friday 13 December 2019

आरक्षण

rpmwu293
13.12.2019

#आरक्षण :  #समस्या_नहीं It is a very #positive and #proven_tool for #inclusive_growth (#सब_का_विकास)

जो लोग आरक्षण के बारे में भली-भांति नहीं समझते हैं वे कुछ भी नकारात्मकता फैलाते रहते हैं। ऐसे लोगों को आवश्यकता है तथ्यों को समझने की और देश में सौहार्दपूर्ण वातावरण तथा सभी का उत्थान हो इस प्रकार की भावना को आगे विकसित करने की।

आज यदि आरक्षण नहीं होता तो निम्न तीन स्थितियां हो सकती थी जो कि किसी भी प्रकार देश की एकता व अखण्डता और उन्नति के लिए सही नहीं होती -

1. यदि आरक्षण का प्रावधान नहीं किया जाता तो बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अलग देश की मांग करते और जिन लोगों को आरक्षण मिला हुआ है वे अलग देश में रहते। सबसे पहले जिन्हें उस जमाने में अछूत कहा जाता था उनका अलग देश होता, उसके बाद आदिवासियों के कई देश होते और उसके बाद अन्य पिछड़े वर्ग की कई जातियों के भी अलग-अलग देश हो सकते थे।

2. यदि अलग देश बनाने में सफल नहीं होते तो हमारे देश में आंतरिक अशांति रहती और जगह-जगह पर लड़ाई झगड़े और मार पिटाई होती रहती जिसके कारण देश में शांति नहीं रह पाती और देश कभी भी इतना उन्नत नहीं होता जितना कि आज है।

3. अगर उक्त दोनों स्थितियां भी नहीं होती तो यह होता कि जो लोग अछूत, आदिवासी या अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं जिनकी जनसंख्या काफी अधिक है वे बहुत ही छोटे मोटे मजदूरी जैसे कार्य में लगे रहते या कई लोगों को बेगारी करनी पड़ती। ऐसा होने पर देश में बड़े कार्य करने की जो क्षमता बनी हैं वह नहीं बन पाती। साथ में लोगों के साथ भयंकर भेदभाव व अत्याचार भी होता रहता।

बिना आरक्षण के उक्त तीनों स्थितयां देश की उन्नति के लिए किसी भी प्रकार से अच्छी नहीं रहती। अत: #आरक्षण को #सम्मान की नज़र से देखना चाहिए।

रघुवीर प्रसाद मीना

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