rpmwu269
03.10.2019
सरकारी Vs प्राईवेट
#सरकारी_उपक्रम
1. छोटे कर्मचारियों को अच्छी सैलेरी व जाँब गारंटी।
2. ग्राहकों को रीजनेबल (उचित) दर पर सेवा व उत्पाद की आपूर्ति। परन्तु कुछ सेवाएं सही से मुहैया नहीं कराई जाती है।
1. छोटे कर्मचारियों को अच्छी सैलेरी व जाँब गारंटी।
2. ग्राहकों को रीजनेबल (उचित) दर पर सेवा व उत्पाद की आपूर्ति। परन्तु कुछ सेवाएं सही से मुहैया नहीं कराई जाती है।
#प्राईवेट_उपक्रम
1. कम से कम सैलेरी देने की कोशिश, यहां तक कि अधिकांश लोग न्यूनतम मजदूरी देने में भी विभिन्न तरीकों से चोरी करने की सोचते है।
2. बिना उपभोक्ता की परवाह किये, सेवा व उत्पादों को महंगी से महंगी दरो पर बेचा जाता है। ब्रांड के नाम पर लूट। परन्तु अधिकांश सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होती है।
1. कम से कम सैलेरी देने की कोशिश, यहां तक कि अधिकांश लोग न्यूनतम मजदूरी देने में भी विभिन्न तरीकों से चोरी करने की सोचते है।
2. बिना उपभोक्ता की परवाह किये, सेवा व उत्पादों को महंगी से महंगी दरो पर बेचा जाता है। ब्रांड के नाम पर लूट। परन्तु अधिकांश सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होती है।
देश के नागरिकों के लिए सरकार एक कल्याणकारी संस्था है। सामान्य नागरिकों के हितों की रक्षा को प्रमुखता से प्राथमिकता देनी चाहिए।
सरकारी सिस्टम में जो खामियां हैं उन्हें दूर करने के लिए जरूर प्रयास करना चाहिये। यदि कुछ लोगों को खराब लगे तो लगने दो, अधिकांश जनता का तो हित सदेगा। परन्तु सरकारी सिस्टम सुधर नहीं सकते है की भावना से प्राईवेटाइजेशन को अंधाधुंध नहीं बढ़ाना चाहिए।
रघुवीर प्रसाद मीना
No comments:
Post a Comment
Thank you for reading and commenting.