rpmwu196
24.02.2019
सामान्यतः जब हम छोटीमोटी या भारी भरकम खर्चा करके समाज की बड़ी मीटिंगस् करते है तो अक्सर कहते हुए सुना होगा कि राजनितिक बाते नहीं करे। इसी प्रकार अधिकांश लोग यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि उनकी संस्था गैर राजनीतिक है। जबकि गहराई से सोचो तो पता चलेगा कि हमारी अच्छी या बुरी जो भी दशा है, हुई है या होने वाली है, वह मुख्य रूप से राजनितिक निर्णयों के कारण ही हुई है। अतः ऐसी स्थिति में समाज की बैठकों में राजनीति की बातों पर चर्चा नहीं करने में बिलकुल भी समझदारी नहीं है।
हमारे द्वारा खुले दिमाग से राजनितिक बातों पर चर्चा नहीं करने की वजह से हम उपयुक्त नेतृत्व का चुनाव नहीं कर पाते हैं। विधानसभा व संसद में केवल और केवल योग्य नेताओं का ही चुनाव करना चाहिए ताकि वे हमारे हित की निति तय करवा सकें और हमारे अधिकारों की रक्षा करें।
यदि कम पढ़ा लिखें या कम समझदार नेताओं को चुना जायेगा तो हमें न केवल अल्पकालिक वल्कि दीर्घगामी दुष्परिणाम भुगतने होंगे।
अतः आवश्यक है कि हम समाज की मीटिंगस् के दौरान राजनीति के संबंध में खुलकर चर्चा करें और देखें कि कौनसी पार्टी व कौन नेता हमारे समाज के हित के लिए बेहतर है। जो समाज को मजबूत करें, हमें उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
इसी के साथ साथ न्यायालय एवं मीडिया में भी हमारी उपस्थिति नगण्य है और इन दोनों संस्थाओं द्वारा भी समाज को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अतः यह भी जरूरी है कि हम बच्चों व युवाओं को न्यायालय और मीडिया की ओर जाने हेतु प्रेरित और प्रोत्साहित करें।
रघुवीर प्रसाद मीना
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