Tuesday 4 September 2018

DAP से स्वयं को मुक्त रखें व दूसरों को दूर रहने हेतु प्रेरित करें।

rpmwu131
03.09.2018

यदि उन्नति करनी है तो हमारे देश के नागरिकों को सही शिक्षा व उसके प्रसार के माध्यम से समझदारी बढ़ानी होगी व DAP (धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण) से मुक्त होना ही होगा।
राजनेता धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण व पाखंड का विरोध जानते हुए भी वोट बिगड़ जाने के डर से नहीं करते है। अत: सभी समझदार नागरिकों की यह जिम्मेदारी है कि वे स्वच्छ भारत मिशन जो कि बाहरी साफ-सफाई के लिए अति महत्वपूर्ण समझा जा रहा है की तर्ज या उससे ज्यादा प्रभावी ढ़ग से अभियान चलाकर लोगों के मन व दिमाग से DAP को बहार निकाले। आम आदमी के मन व मस्तिष्क से भगवान रूपी आडम्बर के डर व भ्रम को दूर करना होगा।
यहाँ यह भी समझ लेना आवश्यक है कि जो लोग मंदिरों में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, कथा-भागवत, पदयात्रा इत्यादि की वकालत करते है वे केवल या तो व्यक्तिगत स्वार्थ या नासमझी के कारण ही ऐसा करते है।
मुझे लगता है कि भगवान नामक शक्ति मात्र एक सोच है वह वास्तव में अस्तित्व में नहीं है। क्योंकि यदि वह अस्तित्व में होती तो सदियों से भगवान की पूजा करने व उसकी अवधारणा को प्रसारित करने वालों (उसके सेक्रेट्रीज़) तथा उसको मानने वालों द्वारा अछूतों के साथ व वर्ण/रंग के आधार पर एक मानव द्वारा दूसरे मानव के साथ अन्याय व घोर अपमान नहीं होने देता। और यदि भगवान का अस्तित्व है भी तो वह बिलकुल निष्प्रभावी (ineffective) है जैसे कोई अधिकारी निष्प्रभावी तरीके से पोस्ट पर बैठा हुआ हो और उसका स्टाफ घनघोर भ्रष्टाचार व लूटपाट तथा दमन में खुलेआम लिप्त हो और उसको समझ ही नहीं आये कि क्या गलत हो रहा है। यह में इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि भगवान को तो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं माना जा सकता है।
अत: आवश्यकता है कि हम साईन्टिफिक टेंपर डेवलप करे और स्वयं DAP से मुक्त हो और दूसरों को भी उससे दूर रहने हेतु प्रेरित करें।
रघुवीर प्रसाद मीना

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