Sunday 16 September 2018

श्रमिक शिक्षा एवं हिन्दी दिवस समारोह, 16 सितम्बर - 2018

rpmwu138
16.09.2018

दिनांक 16 सितंबर 2018 को श्रमिक दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया एवं जाना कि केंद्र व राज्य सरकारों के मिनिमम वेजेज में काफी अंतर है जबकि ऐसा अंतर होना नहीं चाहिए। संलग्न मिनिमम वेजेज का अवलोकन करें तो देखें कि कृषि में राजस्थान में कार्य करने वाले लोगों के मिनिमम वेज इंडस्ट्री में कार्य करने वाले लोगों की तुलना में कम है और यदि केंद्र के मिनिमम वेजेस की तुलना में देखें तो वे बहुत ही कम है। सरकार को चाहिए कि केंद्र व राज्यों की मिनिमम वेजेज की दर मैं अंतर को कम से कम या समाप्त किया जाए।
श्रमिक को दो विषयों पर शिक्षित करने की जरूरत है #प्रथम कि वे अच्छी गुणवत्ता का कार्य करें और कार्य करने के दौरान वे अपने स्किल को बढ़ाते हुए मजदूर से मिस्त्री बनने के बारे में भी सोचे। जो आदमी मजदूर है वह तय करे कि कुछ दिनों में वह मिस्त्री बन जाएँ ताकि उसे अधिक वेतन मिल सके और वह बच्चों को अच्छी तरह से पढा लिखा सके।

#दूसरी ओर मिनिमम वेजेस की दर भी श्रमिकों को अवगत करवाये।
कई लोग श्रमिकों को मिनिमम वेजेज भी नहीं देते हैं। हमने रेलवे में यह निश्चय कर दिया है कि ठेकेदार लेबर को पेमेंट बैंक के माध्यम से करेगा और किसी भी कीमत पर मिनिमम वेजेज से कम भुगतान नहीं करेगा।

कुछ प्रकरण मौखिक रूप से सामने में आते हैं कि ठेकेदार श्रमिकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड अपने पास रख लेते हैं और उनको भुगतान तो मिनिमम वेजेज के अनुसार करते हैं परंतु उनके कार्ड के माध्यम से राशि बैक से निकाल लेते हैं। ऐसे प्रकरण यदि किसी की नजर में आए तो आवश्यक रूप से सम्बन्धित विभाग एवं पुलिस को अवगत करवाये।

हमारे जागरूक व सजग रहने से श्रमिकों को उनका हक मिल सकता है अतः कृपया अवश्य ही श्रमिक हित सोचते हुए कार्यवाही करे।

रघुवीर प्रसाद मीना

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