Sunday 6 March 2022

Taxpayers करदाताओं को सम्मान मिलना चाहिए।

           rpmwu444 dt 06.03.2022
भारत सरकार के बजट अनुमान 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार कुल खर्च 39.45 हेतु 19.35 लाख करोड़
 रुपये (लगभग 50%) विभिन्न टैक्सों से प्राप्ति अनुमानित है। इसके अलावा कुल टैक्स प्राप्ति 27.58 लाख करोड़ (केंद्र सरकार के बजट का 70%) में से लगभग 8.17 लाख करोड़ रुपये राज्य सरकारों की हिस्सेदारी में चले जायेंगे। राज्य सरकारों के उनके टैक्स, रजिस्ट्रेशन चार्जज व रेवेन्यू जनरेट करने के अलग तरीके इत्यादि भी है। 

आखिरकार विभिन्न प्रकार से लिए जा रहे टैक्स का भार टैक्सपेयर्स पर ही पड़ता है। अगर इनडायरेक्ट टैक्स को देखें तो देश का हर नागरिक जरूरत की चीजें खरीदता है और उन पर एक्साइज ड्यूटी या जीएसटी या कस्टम्स इत्यादि के रूप में टैक्स भुगतान करता है। जो लोग सरकार या अच्छे निजी कंपनियों में जॉब कर रहे है या अच्छा व्यवसाय कर रहे है वे इनडायरेक्ट टैक्स के साथ-साथ इनकम टैक्स भी अदा करते है। जो नागरिक इनकम टैक्स की हायर रेंज में आते है उनकी लगभग 50% से ज्यादा आमदनी विभिन्न प्रकार के इनडायरेक्ट टैक्सेस व इनकम टैक्स के रूप में व्यय हो जाती है। 

वर्ष 2018-19 के आंकड़ों के अनुसार हमारे देश में 135 करोड़ की आबादी में से केवल 1.46 करोड़ (1.08% मात्र) ने 5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम दर्शायी और इनकम टैक्स का भुगतान किया। 

पुराने राजा महाराजाओं व बादशाहों के जमानों में टैक्स की अधिकतम सीमा चौथ यानी 25% होती थी जोकि जैसे-जैसे मानव सभ्यता विकसित होती जा रही है, सरकारों को विकास के कार्य करवाने होते है, वैसे वैसे ही इनकम टैक्स की स्लैब व इनडाइरेक्ट टैक्स की राशि बढ़ती जा रही है। 

देश के विकास के लिए टैक्स में भागीदारी करना एक अच्छी बात है। आवश्यकता है कि टैक्स की राशि को खर्च करने वाली अथॉरिटिज् को यह समझना चाहिए कि टैक्स का पैसा नागरिकों का पैसा है और वे उसे मितव्ययिता व समझदारी से खर्च करे, पैसे को बर्बाद ना होने दे।

साथ में यह भी आवश्यकता है कि जो भी नागरिक टैक्स का भुगतान कर रहे है उनका सम्मान व रिकॉग्निशन हो। ताकि अधिक से अधिक लोग टैक्स देने के बारे में सोचने लगे। टैक्स देने वाले नागरिकों के लिए सरकार को विशेष सम्मान करना चाहिए। सबसे साधारण चीज हो सकती है कि जो लोग टैक्स का भुगतान करते है उनके लिए टोल टैक्स फ्री हो जाए, 60 वर्ष की आयु के पश्चात मेडिकल फ्री, बस, रेल व एयर टिकटों में रियायत कर दी जाये। सरकारी कार्यालयों में उन्हें सम्मान मिले। ऐसा होने से टैक्स देने वाले नागरिक के मन में एक अच्छी भावना उत्पन्न होगी और वे खुशी से ज्यादा टैक्स देंगे तथा दूसरे भी प्रेरित होंगे। 

सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना

1 comment:

  1. आपके बहुत अच्छे विचार है जी
    सरकार को इस पर विचार करना चाहिए
    लोगों को प्रोत्साहित करते हुए
    सुव्यवस्थित नीति के साथ इस को लागू करना चाहिए

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Thank you for reading and commenting.