हम सभी ने देखा है की फूल के पेड़ को जैसे ही थोड़ा बहुत अनुकूल वातावरण मिलता है वे तुरंत उगकर फूल देने लग जाते है। चाहे उगने की जगह कोई उबड़ खाबड़ खेत हो, नाली हो, बिल्डिंग हो, टूटा गमला हो अथवा अच्छे खेत व गमले हो। मौका मिलत ही अच्छाईयां बिखरने लग जाते है।
इसी से हमें सीख लेनी चाहिए कि जब भी थोड़ा बहुत अनुकूल वातावरण मिले तो हमें तुरंत अच्छे कार्य करने में समय व ऊर्जा लगानी चाहिए ताकि योग्यता व इˈफ़िश्न्सि का सभी को लाभ मिल सके।
सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
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