Saturday 22 February 2020

#मेरा_बाबा_देश_चलाता_है। यह कोई गर्व की बात नहीं होनी चाहिए।

rpmwu307
22.02.2020

#मेरा_बाबा_देश_चलाता_है। यह कोई गर्व की बात नहीं होनी चाहिए। 

हमारे देश में सफाई कर्मचारियों की पहले भी बहुत बुरी दुर्दशा थी और आज भी जारी है। उन्हें न्यूनतम वेतन भुगतान भी नहीं किया जाता है। और वे समाज में निम्नतम दर्जे के व्यक्ति माने जाते हैं। इस वीडियो को देखकर लगता है कि वे कितना भयावह कार्य करते है जिसे एक साधारण नागरिक के लिए करना लगभग असंभव है।

सफाई कर्मियों की इस दुर्दशा के लिए सफाई कर्मी स्वयं, समाज के दूसरे लोग व सरकार सभी उनकी हदों में जिम्मेदार है।

#स्वयं_सफाई_कर्मी : उन्हें स्वयं को इस कार्य को छोड़ देना चाहिए और दूसरे बहुत से वैकल्पिक कार्य हो सकते हैं जिनमें कौशल विकसित करके उन्हें किया जाये। ऐसा करने से सफाई कर्मियों की संख्या में कमी आएगी और जितने सफाई कर्मी रहेंगे उन्हें अच्छा खासा भुगतान मिलना शुरू हो जाएगा और धीरे-धीरे यदि सभी लोग इस कार्य को छोड़ देंगे तो समाज में सफाई के मंहगी हो जाने के कारण अनुशासन आ जायेगा और लोग गंदगी फैलाना कम कर देंगे। और फिर किसी जाति विशेष के लोग इस कार्य के लिए नहीं रह जाएंगे, सफाई का कार्य सभी को करना पड़ेगा अथवा कार्य मशीनों द्वारा किया जाएगा।

#समाज : गंदगी फैलाने वक्त हर व्यक्ति को यह सोचने की आवश्यकता है कि इस गंदगी को साफ करने वाला व्यक्ति कोई मेरी तरह ही इंसान है। जब हम फल खाते हैं, खाना खाते हैं या कुछ और कार्य करते हैं तो जो उत्पन्न गंदगी है उसको हम स्वयं ही हाथ नहीं लगाना चाहते हैं। ऐसे में यह सोचने की जरूरत है उस गंदगी को दूसरा व्यक्ति हाथ लगाते समय क्या सोचता होगा? इसके बारे में यदि गंदगी फैलाते वक्त विचार कर लिया जाए तो वास्तव में हर व्यक्ति गंदगी सीमित रूप से ही फैलायेगा। सभी को चाहिए कि विभिन्न प्रकार की गंदगी को डिस्पोज करते वक्त उन्हें सलीके से अलग अलग करें।

#सरकार : को चाहिए कि इंजीनियरस् के माध्यम से नालियों का डिजाइन इस प्रकार का करवाएं कि उनकी सफाई मशीनों द्वारा आसानी से की जा सके। किसी भी ड्रेन में व्यक्ति को उतरने की आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिए। जिन उत्पादों से नालियां जाम होती है उनके उत्पादन व बिक्री पर रोक लगा दी जानी चाहिए। माॅडर्न मशीनों व तकनीक का प्रयोग किया जाये।

हम सभी को हर व्यक्ति की डिग्निटी का आदर करना चाहिए।

रघुवीर प्रसाद मीना

No comments:

Post a Comment

Thank you for reading and commenting.