आज दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम भगवान के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है और देश के नागरिकों में बहुत ही उल्लास और जोश है। आशा करनी चाहिए कि वर्तमान व भावी पीढ़ियां श्रीराम भगवान की जीवन-पद्धति को थोड़ा-बहुत अपनाकर सामाजिक सौहार्द व देश के विकास में बेहतर जिम्मेदारी निभायेंगी।
श्रीराम भगवान की जीवन लीला के बारे में रामायण जी, रामलीला, धारावाहिकों, फिल्मों, बुजूर्गो के सानिध्य व अन्य ग्रथों और दस्तावेजों से थोड़ी बहुत जानकारी तो लगभग सभी को है। उनके जीवन से ली जाने वाली प्रेरणाएं व सीखें को लिख पाना तो सम्भव नहीं है। फिर भी मोटे तौर पर हर व्यक्ति निम्नलिखित प्रेरणाएं व सीखें ग्रहण करके सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाने व देश की उन्नति में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है -
1. अपने चरित्र में मानवीयता के उच्च आदर्श व सिद्धांत विकसित करें।
2. संबंधों को निभाने के लिए त्याग करने की भावना हो। आराम व स्वार्थ से ऊपर उठे। माँ बाप के आदेशों व भावनाओं और भाइयों के प्रति समर्पित रहे। दूसरों द्वारा हमारे लिए किये गये कार्यों हेतु हमेशा कृतज्ञ रहे।
3. अच्छों को संरक्षण दे तथा दुष्टों के विनाश की कार्यवाही को जनकल्याण ही समझे।
4. अपने से धन, बल, बुद्धिमता व सामाजिक व्यवस्था में कमजोर व्यक्तियों के साथ सहजता व आदर से वार्ता करे। किसी का भी सामाजिक तौर पर तिरस्कार नहीं करें। सभी को सम्मान दे। छुआछूत नहीं करें। हंसते-मुस्कुराते मानवीयता से मिले।
5. दूसरों की बातों को ध्यान और धीरज से सुनें। उनमें विश्वास कायम करे। दूसरों के विचारों और भावनाओं के प्रति सच्ची सहानुभूति रखें। दूसरे की दृष्टि से घटनाओं या वस्तुओं को देखने का प्रयास करें। अपनी त्रुटि को शीघ्र स्वीकार करें।
यदि हम भगवान श्रीराम को आदर्श मानकर जीवन जिये तो सामाजिक व्यवस्था को अच्छी बनाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकते है।
सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
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