rpmwu466 Dt 24.04.2023
मष्तिष्क को सकारात्मक विचार, अध्ययन, गतिविधियों में इनगेज रखें : यदि खेत में वांछित बीज नहीं डाले जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस व खरपतवार से भर देती है। ठीक इसी प्रकार दिमाग को यदि सकारात्मक चीजों में इनगेज नहीं करेंगे तो नकारात्मक विचार वहां उनकी जगह बना लेंगे।
2. सही सगंत महत्वपूर्ण है : जिसके पास जो होता है वह वही सांझा करता है। सुखी सुख बांटता है। दुःखी दुःख बांटता है। ज्ञानी ज्ञान बांटता है। भ्रमित भ्रम बांटता है। भयभीत भय बांटता है। अंधविश्वास में डूबा व्यक्ति अंधविश्वास बढ़ाता है।
3. जो मिले उसे पचाना सीखो : क्योंकि भोजन न पचने पर, रोग बढ़ते है। पैसा न पचने पर, दिखावा बढ़ता है। बात न पचने पर, चुगली बढ़ती है। प्रशंसा न पचने पर, अंहकार बढ़ता है। निंदा न पचने पर, दुश्मनी बढ़ती है। राज़ न पचने पर, खतरा बढ़ता है।दुःख न पचने पर, निराशा बढ़ती है। सुख न पचने पर, पाप बढ़ता है।
समय समय पर स्वयं की जीवन शैली के सम्बन्ध में आत्मावलोकन कर सुधारात्मक कार्यवाही करते रहना चाहिए।
सादर
रघुवीर प्रसाद मीना
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