Sunday 7 October 2018

DAP (धार्मिक अंधविश्वास का प्रदूषण) ने किया है देश का सबसे ज्यादा नुकसान।

rpmwu141
06.10.2018

यदि देश को विकसित बनाना है और नागरिकों की उन्नति चाहते हैं तो हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा और धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण से स्वयं को दूर रखना होगा एवं जो लोग कम समझदार है उन्हें भी दूर रहने के लिए बेझिझक सलाह देनी होगी। कृपया निम्नलिखित का अवलोकन करें और समझे कि हमें क्या करना चाहिए?
यदि मंत्र,तंत्र,यज्ञ,पूजा, प्रसाद,अगरबत्तियाँ लगाने,परिक्रमा देने,कथा-भागवत सुनने इत्यादि से काम चल जाता तो देश की गरीबी, अशिक्षा, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर का खस्ताहाल, तेल के बढे़ दाम, डाॅलर की तुलना में रू. की वैल्यू में भारी गिरावट, हर स्तर का भ्रष्टाचार, बैंक से पैसे लेकर भागने, क्राईम, रेप, बार्डर पर तनाव, कश्मीर आदि समस्याएं क्यों नहीं इनसे ठीक की जा रही है?
बच्चे को काला टिका लगाने से उसका संरक्षण होता तो भारत मे बाल मृत्यु दर शून्य क्यों नहीं है?
गाड़ी मे निंबू मिर्च बांधने से सुरक्षा मिलती तो भारत मे दुर्घटना मृत्यु दर शून्य क्यों नहीं है?
पुजा करने से व्यापार, उद्योग धंधो मे बरकत आती तो देश के सभी लोग धनाढ्य क्यों नहीं बन गये?
बडे़-बडे़ बाबाओं के पास जाने से दुखों का निवारण हो सकता है तो सभी बाबाओ के भक्त सुखी क्यों नहीं है?
कुंडली मिलाने से अगर सभी पती-पत्नी का मन जुड़ गये होते तो सभी अरेंज-मैरिज सुखद क्यों नहीं है?
यज्ञ करने से कोई टीम जीत जाती तो भारत विश्व में किसी भी खेल में नहीं हारता!
 #मुहूर्त : जब जन्म व मृत्यु का कोई मुहूर्त नहीं है तो और कार्यक्रमों के मुहूर्त का क्या महत्व है?
मुझे तो लगता है कि हमारे देश में यदि किसी चीज ने सबसे अधिक नुकसान किया है तो वह धार्मिक अंधविश्वास का प्रदूषण (DAP) है। DAP की वजह से एक बहुत बड़ी जनसंख्या को डेमोरलाईज कर दिया गया और वे लोग भी इसके जाल में गहरे फंस गये। लोग मेहनत व वैज्ञानिक रास्ते की बजाय पूजा पाठ, परिक्रमा, प्रसाद इत्यादि के माध्यम से समस्याओं के हल खोजने लग गये।
DAP के कारण जो लोग काम करते थे उनकी वैल्यू कम आॅकी जाने लगी एवं जो लोग काम नहीं करते थे और केवल निर्देश या थ्योरीटिकल ज्ञान देते रहे उनकी वैल्यू व काम करने वालों की वैल्यू में बहुत अधिक अंतर कर दिया गया। इसी का कारण है कि देश में स्किल कम होती गई। वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं अपनाने से आज डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत में जो गिरावट आई है उसका मुख्य कारण भी यह है कि हमें बहुत सारी तकनीकी चीजें खासकर हथियार व आई. टी. के उपकरण बाहर से आयातित करने पड़ रहे हैं और रुपए का अवमूल्यन हो रहा है और दिनोंदिन हम विदेशी चीजों के ऊपर बहुत अधिक निर्भर हो रहे हैं।
हमें तुरंत प्रभाव से चाहिए कि धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (DAP) से मुक्त हो और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाये व देश में काम करने वालों की वैल्यू करें ताकि अधिक से अधिक चीजें हमारे देश में ही बन सके और विदेश से होने वाले आयात में कमी हो और रुपए की वैल्यू में बढ़ोतरी हो।
रघुवीर प्रसाद मीना
                        

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